भुवनेश्वर. पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों के परिवारों की इमोशनल कहानियां सामने आने लगी हैं। ओडिशा में कटक के पास रतनपुर गांव के कॉन्स्टेबलमनोज कुमार बेहेरा भी 40 शहीदोंमें से एक हैं। पति के शहीद होने की खबर सुनकर बेसुध हो चुकीं उनकी पत्नी इतिलताने बताया कि घटना से पहले तड़के ही मनोज ने कॉल किया था और अपनी लोकेशन की जानकारी देकर वापस फोन करने को कहा था। लेकिन कुछ घंटों बाद पुलवामा में उनके शहीद होने की खबर सुनकर विश्वास ही नहीं हो रहा है।
बेटी का जन्मदिन मनाकर वापस लौटाथा शहीद
– मनोज कुमार की पत्नी इतिलता ने बताया कि गुरुवार सुबह तीन बजे उनका कॉल आया, मनोज नेकहा कि उनका काफिला श्रीनगर के लिए निकलने वाला था। लेकिन उसमें देर हो गई है, क्योंकि रास्ता साफ नहीं है। मनोज ने श्रीनगर पहुंचकर वापस फिरसे कॉल करने का वादा किया था।
– वहीं, मनोज की मां साबित्री बेहेरा ने कहा कि उसने मुझे दोपहर एक बजे आखिरी कॉल किया था। उन्होंने बताया कि बीते साल दिसंबर में मनोज परिवार के साथछुट्टी पर गया था। वह बहुत खुश था। 16 जनवरी को उसने बेटी का पहला जन्मदिन मनाया था और छह फरवरी को वो वापस ड्यूटी पर कश्मीर चला गया था।
– मनोज कुमार ने 2006 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। जनवरी 2017 में उसने इतिलता से शादी की थी और उसकी एक साल की बेटी है।
पिता की मौत दुखी बेटी बोली- मुझे उन पर गर्व है
– वहीं, ओडिशा मेंजगहसिंहपुर के एक और जवान परशाना साहू भी हमले में शहीद हुए हैं। वो सीआरपीएफ की 61वीं बटैलियन में कॉन्स्टेबल थे और बीते साल नवंबर में आखिरी बार घर आएथे। उनके शहीद होने की खबर सुनकर पत्नी सदमे में है।
– परशाना की बेटी सोनी ने कहा कि उन्हें पिता पर गर्व है। वो हमेशा से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने का सपना देखते थे।
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