लाइफस्टाइल डेस्क. साथी को लुभाने और अपनी ओर आकर्षित करने का जतन सिर्फ इंसानों ही नहीं पक्षी, कीट-पतंगे और जानवरे भी करते हैं। इनका प्यार को एक्सप्रेस करने का तरीका बेहद बेहद निराला है। वैलेनटाइंस डे के मौके पर जानिए इनके प्रेम के संकेतों….
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साथी को लुभाने के लिए ताजे पानी में पाई जाने वाली झींगा मछली गहरा बिल खोदती है। जो नर मछली जितना गहरा और अच्छा बिल खोदती है, मादा को सबसे पहले लुभा लेती है। मादा भी बड़ी चतुर होती है और मिलन के बाद बच्चे पालने का सारा काम नर पर छोड़कर चली जाती है।
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पानी के कीड़ों में सबसे खतरनाक स्कार्पियो फ्लाई सबसे पहले एक विशेष किस्म की गंध छोड़ता है और जब मादा इसकी ओर आने लगती है तो छोटे-छोटे कीड़ों का शिकार कर उन्हें फूलों की तरह लेकर खड़ा हो जाता है। जिस नर मक्खी के पास ज्यादा कीड़े होते हैं मादा उसके साथ ही जोड़ा बनाती है।
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ठंडे प्रदेशों की झीलों में पाई जाने वाली सुंदर ग्रेवी बतख बड़े निराले ढंग से प्यार का इजहार करती है। नर अपनी चोंच में घास का एक गुच्छा लेकर मादा के सामने जाता है और उसकी चोंच में वह गुच्छा डाल देता है। यदि मादा को नर बतख पसंद आता है तो बदले में वह भी ऐसा ही करती है। पक्षी विज्ञानी बत्तखों के इस जोड़े को रोमियो और जूलियट के समान मानते हैं।
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आस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला गुलाबी रंग का सुंदर गाल्हा तोता (रोज ककातुआ) जब सामान्य होता है तो बड़ी जोर से कर्कश आवाज में चलता है, लेकिन जब प्यार जताने का समय आता है तो अपनी आवाज की मधुर बनाने की कोशिश करता है। पास किसी शाखा पर बैठी मादा के सामने बड़े ही रोमांटिक अंदाज में धीमे-धीमे अपनी बात कहता है और बदले में मादा भी ऐसा ही कर जोड़ा बना लेती है।
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पंखों को फैलाकर नाचता मोर बादलों को नहीं, अपनी प्रेमिका को देखकर मदमस्त होता है। बारिश का मौसम मोर के लिए प्रणयकाल होता है। इस दौरान जो मोर अपने पंखों को सुंदर ढंग से पूरी तरह फैलाकर जोर से आवाज निकालता है, मोरनी उसी को अपना साथी बनाती है।
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सुदूर दक्षिण के प्रदेशों से आने वाली कोयल की कुहू-कुहू के पीछे भी प्रणय भाव होता है। नर पक्षी मादा को बुलाने के लिए मधुर तान में कुहू-कुहू की आवाज निकालता है। आसपास मौजूद मादा यदि उसकी कुहू-कुहू का जवाब उसी अंदाज में देती है तो दोनों जोड़ा बना लेते हैं।
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कहते हैं मुर्गे की बांग सवेरा होने का संकेत होती है, लेकिन यह उसका प्यार भरा संदेश होता है जो मादा को लुभाने के लिए भेजा जाता है। शरीर को तानकर, कलंगी और मुंह को ऊंचा कर ‘कुकड़क्कू की आवाज का मतलब होता है, मैं तैयार हूं तुम भी आ जाओ।
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बरसात की अंधेरी रातों में टिमटिमाते जुगनू की टिमटिमाहट भी मादा को आकर्षित करने का बहाना होती है। मादा को लुभाने के लिए यह अपने शरीर के पिछले हिस्से से एक रसायन छोड़ता है। जो जुगनू जितना ज्यादा टिमटिमाता है वह उतनी ही मादाओं को आकर्षित करने में सफल होता है।
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बारिश में अपनी आवाज से परेशान कर देने वाला झींगुर दरअसल अपने साथी को लुभाने के लिए यह सब करता है। प्रकृति विज्ञानी कैथ मैकनन का दावा है कि झींगुर यह आवाज अपने मुंह से नहीं पंखों से निकालता है। जो झींगुर जितनी तेज आवाज निकालता है, सबसे पहले मादा को लुभा लेता है।
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कोस्टारिका नामक तितली अपना प्यार जताने के लिए हिंदी फिल्मों की नायक की तरह अभिनय करती है। मादा साथी को लुभाने के लिए नर तितली अदा के साथ उसका रास्ता रोककर खड़ी हो जाती है और जब वह आती है तो उसके आगे-पीछे घूमकर उसे लुभाने की कोशिश करती है।
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टर्र-टर्र यह पुकार होती है जिससे मेंढ़क अपनी प्रेयसी को आमंत्रण देता है। प्रकृति विज्ञानी डेसी क्लीने कहते हैं कि जिस मेंढ़क की आवाज में सबसे ज्यादा तीव्रता होती है, वह अपना जोड़ा उतनी जल्दी बना लेता है।
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पक्षियों में सबसे विशाल रेगिस्तान का निवासी ऑस्ट्रिच अपना प्रेम जताने के साथ-साथ परिवार संभालने में समर्पण की अनठी मिसाल पेश करता है। अपने बड़े-बड़े अंडों को सेने के लिए ऑस्ट्रिच को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इस जिम्मेदारी को नर और मादा आपस में बांट लेते हैं।