संसदीय समिति ने कहा- ट्विटर के सीईओ या सीनियर अफसर आएं, वरना कोई बात नहीं होगी

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नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर नागरिक अधिकार मामले में सोमवार को ट्विटर इंडिया केप्रतिनिधि की अगुआई में एक टीमसंसदीय समिति के सामने पेश हुई। हालांकि,संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कहा कि जब तक सीईओ या कोई सीनियर अफसर पेश नहीं होते तब तक ट्विटर की टीम से नहीं मिला जाएगा। समिति ने ट्विटर को 15 दिन का समय दिया है।

  1. सोशल मीडिया पर नागरिक अधिकार मामले में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने ट्विटर के अफसरों को 7 फरवरी को पेश होने को कहा था, बाद में इसे बढ़ाकर 11 फरवरी कर दिया था।

  2. ट्विटर के सीईओ और अन्य उच्च अफसरों ने सोशल मीडिया पर नागरिक अधिकार मामले में संसदीय समिति के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था।

  3. समिति के नोटिस के जवाब में ट्विटर इंडिया ने कहा था,”कम समय का नोटिस मिलने के चलते समिति के सामने पेश होना संभव नहीं और भारत में कंपनी का कोई सक्षम अधिकारी नहीं है जो इस संबंध में जरूरी प्रावधानों को लागू कर सके। भारत में नियुक्त अधिकारी इस संबंध में नीतिगत निर्णय लेने में सक्षम नहीं है।”

  4. संसदीय समिति के समक्ष ट्विटर केसीनियर अफसरों केपेशहोने से इनकार करनेपर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि इस संबंध में राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष निर्णय लेंगे। सरकार इस मामले में फैसला नहीं कर सकती।

  5. पिछले दिनों यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। संगठन का आरोप था कि ट्विटर दक्षिणपंथ विरोधी रुख अपनाया है। संगठन ने इस मामले में अनुराग ठाकुर को भी पत्र लिखा था।

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      PC said they will not meet any Twitter officials until senior members depose before the Committee

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