नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने तेजस्वी को उप-मुख्ममंत्री रहते वक्त अलॉट किया गया सरकारी बंगला खाली करने और विपक्ष के नेता के आवास में शिफ्ट होने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी को अदालत का वक्त बर्बाद करने के लिए 50 हजार रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने तेजस्वी से कहा- क्या आप अपनी सहूलियत के लिए यह याचिका दाखिल कर रहे हैं? न्यायपालिका का बेशकीमती वक्त जाया हुआ है।
डिप्टी सीएम सुशील मोदी की राह होगी साफ
बिहार विधानसभा के मौजूदा नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी लीडर तेजस्वी ने पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दी थी। हाईकोर्ट ने तेजस्वी को उप-मुख्यमंत्री का बंगला खाली करने का निर्देश दिया था, ताकि मौजूदा डिप्टी सीएम सुशील मोदी वहां जाकर रह सकें। सिंगल जज के 6 अक्टूबर 2018 को दिए आदेश को तेजस्वी ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया था। इसके बाद इसी साल 7 जनवरी को डिवीजन बेंच ने भी तेजस्वी की याचिका खारिज कर बंगला खाली करने का फैसला बरकरार रखा था। सिंगल जज की बेंच ने कहा था कि याचिकाकर्ता को जो मौजूदा बंगला अलॉट किया गया है, वह उनकी पोजिशन को देखते हुए सही है।
2015 में नीतीश सरकार में मिला था तेजस्वी को बंगला
तेजस्वी को 1, पोलो रोड, पटना स्थित बंगला अलॉट किया गया है। लेकिन, वह 5, देश रत्नमार्ग स्थित बंगले में रह रहे हैं। यह बंगला राजभवन और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास से चंद कदमों की दूरी पर है। यह बंगला तेजस्वी को 2015 में तब अलॉट किया गया था, जब उन्हें नीतीश कुमार की गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।
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