एक्सप्रेस हो या शताब्दी, मिट्टी के बर्तनों में मिलेगा खाना

[ad_1]


नई दिल्ली.ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को स्टेशनों और ट्रेनों में चाय की चुस्की के साथ खाने में भी मिट्टी की सौंधी महक का आनंद मिलेगा। यात्री अब मिट्टी की थाली और कटोरी में नाश्ता और भोजन कर सकेंगे। रेल मंत्रालय के आदेश पर गोरखपुर, लखनऊ, आगरा और वाराणसी सहित पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशनों पर मार्च से मिट्टी के बर्तनों में खाने का सामान परोसने की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए मिट्‌टी के कुम्हारों के समूहों से संपर्क किया जा रहा है।

रेलवे बोर्ड वाराणसी और रायबरेली से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत करने जा रहा है। अगर सब कुछ सही रहा, तो देशभर के सभी ए और बी श्रेणी के 400 रेलवे स्टेशनों पर यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय की व्यवस्था लागू की थी। कुल्हड़ का चलन शुरू हुआ, लेकिन प्लास्टिक के कप और प्लेट में गुम होकर रह गया।

अब मिट्टी के बर्तनों में खाना परोसने की शुरुआत खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सुझाव पर किया जा रहा है। इससे कुम्हारों को रोजगार मिलेगा। एडीजी स्मिता वत्स शर्मा ने बताया कि मिट्‌टी के बर्तनों का प्रोडक्शन बढ़ने के साथ ही वाराणसी और रायबरेली स्टेशन पर प्लास्टिक के उपयोग पर हम पाबंदी लगा देंगे। इससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी।

आईआरसीटीसी के सीएमडी एमपी मल्ल का कहना है कि इको फ्रेंडली प्लेटों मेें खाना परोसने का काम शुरू हो चुका है। रोजाना करीब 20 लाख अल्युमिनियम कैसरोल की जरूरत पड़ती है, इसलिए सभी ट्रेनो में इको फ्रेंडली प्लेटों में खाना परोसने में समय लगेगा। फिलहाल, राजधानी-शताब्दी समेत अन्य ट्रेनों में इको फ्रेंडली प्लेटों में खाना दिया जाएगा।

पूर्वोत्तर रेलवे ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है कि जोन के सभी स्टेशनों में प्लास्टिक और कागज के बर्तनों का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशन को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल करने के पीछे यही उद्देश्य है कि इन दोनों स्टेशनों को जल्द से जल्द प्लास्टिक फ्री बना दिया जाए।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


Now food in pottery in train

[ad_2]
Source link

Translate »