नई दिल्ली. शारदा चिटफंड घोटाले में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से सीबीआई 9 फरवरी को शिलॉन्ग में पूछताछ करेगी। एक अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने और ईमानदारी से जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। हालांकि, कोर्ट ने साफ कर दिया था कि कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
कोलकाता दफ्तर को सीबीआई ने 10 अफसर दिए
सीबीआई ने दिल्ली, भोपाल और लखनऊ यूनिट से 10 अफसरों को कोलकाता यूनिट भेजा है। 20 फरवरी तक कोलकाता यूनिट को और ज्यादा अफसर दिए जाएंगे। इस दौरान कोलकाता पुलिस चीफ के अलावा दूसरे हाईप्रोफाइल संदिग्धों से जांच एजेंसी के अफसर पूछताछ करेंगे। दिल्ली की स्पेशल यूनिट की एक टीम कोलकाता जाएगी, जिसका नेतृत्व एसपी जगरूप एस गुसिन्हा करेंगे।
पुलिस ने अहम दस्तावेज हटाए- अफसर
नाम ना बताने की शर्त पर एक सीबीआई अफसर ने कहा- शारदा घोटाला सामने आने के बाद ग्रुप की इमारत में सबसे पहले जाने वाली प. बंगाल की पुलिस थी। ऐसे आरोप हैं कि ऐसे जरूरी दस्तावेज, जो अहम जानकारी दे सकते थे, उन्हें हटा दिया गया। इसके चलते सबूत गायब हो गए। एजेंसी एसआईटी मेंबर्स और कुमार समेत कई अधिकारियों से पूछताछ करना चाहती है। लेकिन, उसे सकारात्मक जवाब नहीं मिला, क्योंकि ये अधिकारी पूछताछ से बचने के लिए बहाने बनाते थे।
पूछताछ के लिए पहुंची सीबीआई टीम को थाने ले गई थी पुलिस
रविवार को शारदा घोटाले में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई की टीम उनके घर पहुंची थी। लेकिन, टीम को अंदर नहीं जाने दिया गया। सीबीआई अफसरों को पुलिस जबरन थाने भी ले गई। इस दौरान ममता ने सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में धरना शुरू कर दिया था।
घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी के प्रमुख थे कुमार
शारदा घोटाले की जांच के लिए 2013 में एसआईटी बनाई गई थी। इसका नेतृत्व 1989 बैच के आईपीएस राजीव कुमार कर रहे थे। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया था। इसके बाद राजीव कुमार को जनवरी 2016 में कोलकाता पुलिस का मुखिया बनाया गया था।
2460 करोड़ का शारदा चिटफंड घोटाला
शारदा ग्रुप से जुड़े पश्चिम बंगाल के कथित चिटफंड घोटाले के 2,460 करोड़ रुपए तक का होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल पुलिस और ईडी की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 80 पर्सेंट जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा ग्रुप की चार कंपनियों का इस्तेमाल तीन स्कीमों के जरिए पैसा इधर-उधर करने में किया गया। ये तीन स्कीम थीं- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
[ad_2]Source link