दुनिया का पहला गुलाब खिलने की कहानी, जिसकी दीवानगी ने कई किस्सों को जन्म दिया

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लाइफस्टाइल डेस्क. पुरातत्वविदों को गुलाब के 30 लाख साल पुराने अवशेष मिल चुके हैं। जो मानव सभ्यता से भी बहुत पहले से गुलाब होने की पुष्टि करते हैं। हमेशा से ही प्रेम और गुलाब का अटूट रिश्ता रहा है इसे एक प्रतीक के तौर पर माना गया है। वैलेनटाइन वीक की शुरुआत हो गई है इस मौके पर जानिए दुनिया का पहला गुलाब खिलने की कहानी और इसने कौन से किस्सों को जन्म दिया है….

  1. ऐसी मान्यता है कि प्यार के प्रतीक इस फूल की रचना यूनान की देवी ‘क्लॉरिस’ ने की। कहानी कुछ इस तरह है – फूलों का देवी ‘क्लॉरिस’ ने एक दिन एक सुंदर युवा लड़की का शव देखा। ‘क्लॉरिस’ ने प्यार की देवी ‘एफ्रोडाइट’ की मदद ली, जिसने उसे सुंदरता दी, शराब की देवी ‘डायनोसिस’ ने इस लड़की को मीठी खुशबू से सराबोर कर दिया और तीनों देवियों ने मिल कर उसे आकर्षण, चमक और आनंद से भरपूर बना दिया। तभी पश्चिमी हवा ‘जेफिर’ बहने लगी, जिसने बादलों को परे धकेल दिया ताकि सूरज देव चमक सकें और यह फूल खिल सके। इस तरह गुलाब इस धरती का सबसे सुंदर फूल बन गया।

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    गुलाब के जन्म की यही अकेली कहानी नहीं है। हर देश और हर जाति के लोग इसके आकर्षण में बंधे हैं और गुलाब की जन्मभूमि बनने को लेकर सबका अपना-अपना दावा है। यूनान, रोम, बेबिलोनिया और चीन आदि तमाम प्राचीन सभ्यताओं का गुलाब पर दावा है पारसियों का कहना है कि पहला गुलाब गुलिस्तान के खूबसूरत प्रदेश में ही उगाया गया था।

  3. अरब लोगों का दावा है कि जहां-जहां पैगम्बर के पसीने की बूंदें गिरी, वहां-वहां गुलाब के फूल खिलते गए। ईसाई धर्म के अनुसार गुलाब पहले पहल ईव के बगीचे में उगा था, जिसमें कांटे बाद में आए थे। इनमें से कौन सी कहानी सच के करीब है इस बारे में बहस करना बेमानी होगा, लेकिन इतना तय है कि चाहे उसे फूलों और प्यार की देवी ने बनाया हो या पैगम्बर के पसीने की बूंदों से उसका जन्म हुआ हो, गुलाब जहां भी जन्मा प्यार के प्रतीक के रूप में ही जन्मा।

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    रोम और यूनान में गुलाब को धार्मिक, चिकित्सकीय और मिथकीय महत्व भी मिला, तो कवि सैफो ने गुलाब को ‘फूलों की रानी’ तक कह डाला। रवीन्द्रनाथ टैगोर गुलाब को जिंदगी के लिए इस कदर जरूरी मानते थे कि उन्होंने कहा ‘अगर तुम्हारे पास दो रोटी हैं तो उनमें से एक को बेचकर गुलाब ले आओ।’ पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उसे अपने पहनावे में इस तरह शामिल कर लिया कि गुलाब को और उनको अलग कर देखा ही नहीं जा सकता।

  5. गुलाब की दीवानगी के किस्से हजारों हैं। अमेरिका पिछले कई साल से जून माह को ‘रोज़ मंथ’ के रूप में मना रहा है। बताने वाले यह भी बताते हैं कि महारानी क्लिओपैट्रा के महल का न गुलाब की नाजुक पंखुड़ियों के कालीन से ढंका रहता था, वहा कन्फूशियस की लाइब्रेरी में 600 से ज्यादा किताबें सिर्फ गुलाबों की देखभाल की जानकारी से संबंधित थीं।

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    अपने समय के प्रसिद्ध चित्रकार हेनरी मातीस के अनुसार ‘एक सच्चे चित्रकार के लिए सबसे मुश्किल है एक गुलाब के फूल का चित्र बनाना, क्योंकि उसे बनाने से पहले उसे उन तमाम गुलाबों को भूल जाना होगा, जो उससे पहले बनाए जा चुके हैं।’ रंग और खुशबू के लंबे अतीत को अपने में समेटे गुलाब आज भी प्रेमियों के दिल में धड़कता है, तो कफन पर चढ़कर सादगी और सुकून की कामना का प्रतीक बन जाता है।

  7. यह कहने वाले की जरूरत पर निर्भर करता है कि वह प्यार का पैगाम भेजना चाहता है, दोस्ती का निमंत्रण देना चाहता है, हमदर्दी जताना चाहता है या सम्मान प्रकट करना चाहता है। हर रंग का गुलाब आपकी भावना के एक अलग रंग को जुबान देने के लिए मौजूद है।

  8. गेड स्टीन गुलाब की सुंदरता में इस कदर डूब गईं कि उन्होंने कहा ‘एक गुलाब सिर्फ और सिर्फ एक गुलाब है।’ वे शायद यह भूल गई होंगी कि गुलाब को बेशक कोई उपमा न मिल सकती हो, लेकिन गुलाब सिर्फ गुलाब नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ। है। जैसा कि नील गुंग ने कहा है ‘प्यार एक गुलाब है, इसे तोड़ो मत, यह तभी पनपता है जब टहनी पर हो, कुछ कांटों के बीच। आपको यह अहसास भी होगा कि आप उसे खो रहे हैं, लेकिन जब आप उस पर अधिकार जताने लगते हैं आप अपने प्यार को खो चुके होते हैं।’

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