नई दिल्ली. भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नए नियमों ने वॉलमार्ट और अमेजन जैसी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वॉल स्ट्रीट दिग्गज मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक नए नियमों से अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट में अपनी प्रमुख हिस्सेदारी बेचकर भारतीय बाजार से ठीक उसी तरह निकल सकती है, जैसे अमेजन ने 2017 के आखिर में चीन को छोड़ा था।
-
ब्रोकरेज फर्म ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि नए नियमों से भारत का ई-कॉमर्स बाजार मुश्किल हुआ है। ऐसे में अमेरिका की दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट के यहां से बाहर निकलने की आशंका बढ़ गई है। वॉलमार्ट ने मई 2018 में भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77% हिस्सेदारी 1,600 करोड़ डॉलर (करीब 1.07 लाख करोड़ रुपए) में खरीदी थी।
-
मॉर्गन स्टैनली ने भारत में ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए एफडीआई के नियमों में बदलाव के असर पर रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि फ्लिपकार्ट को वेबसाइट से करीब 25% प्रोडक्ट्स को बाहर करना होगा। इसमें स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम भी शामिल हैं। सप्लाई चेन और एक्सक्लूसिव डील्स को लेकर नियमों में बदलाव से इलेक्ट्रॉनिक सेगमेंट पर इसका तेज और बड़ा असर होगा। फ्लिपकार्ट को 50% रेवेन्यू इसी कैटेगरी से मिलता है।
-
अमेजन और फ्लिपकार्ट भारत में दो सबसे बड़े ऑनलाइन मार्केटप्लेस हैं। सूत्रों के मुताबिक नए नियम लागू होने के बाद इनकी बिक्री में 25-30% की गिरावट आई है। कई ऐसे प्रोडक्ट्स हैं जिन्हें ये कंपनी अपनी वेबसाइट फिलहाल उपलब्ध नहीं के तौर पर दिखा रही हैं। अमेजन को अपने दो टॉप सेलर्स – क्लाउडटेल और एपैरियो को हटा दिया है क्योंकि इनमें अमेजन की हिस्सेदारी थी। फ्लिपकार्ट को भी ऐसा करना पड़ा है।
-
भारत सरकार के नए नियम एक फरवरी से लागू हुए हैं। इनके मुताबिक एफडीआई वाली ई-कॉमर्स कंपनियां मार्केटप्लेस पर उन कंपनियों का सामान नहीं बेच सकेंगी जिनमें उन्होंने निवेश कर रखा है। इसके अलावा इन पर एक्सक्लूसिव बिक्री के लिए करार करने पर भी रोक लगाई गई है। कोई भी विक्रेता उसी मार्केटप्लेस की ग्रुप कंपनियों से 25% से अधिक प्रोडक्ट्स की खरीद नहीं कर सकता जहां उसे उन प्रोडक्ट्स की बिक्री करनी है।
-
नए नियम लागू होने के बाद अमेजन ने अपनी वेबसाइट पर किराना प्रोडक्ट्स की बिक्री एक फरवरी से रोक दी है। लेकिन ग्राहक सोशल मीडिया पर अमेजन से इस सेवा को बहाल करने का अनुरोध कर रहे हैं। इसके जवाब में अमेजन ने एक ट्वीट में ग्राहकों को कंपनी की स्थिति को समझने के लिए धन्यवाद दिया। कहा कि फिलहाल यह सामान अमेजन की वेबसाइट पर पर उपलब्ध नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।
-
वॉलमार्ट ने नियमों में बदलाव के बावजूद भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर को लेकर अपना आशावादी रुख जताया है। उसे देश के रिटेल सेक्टर में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी में अगले 10 साल में छह गुना इजाफा होने की उम्मीद है। वॉलमार्ट इंडिया के प्रेसिडेंट और सीईओ कृश अय्यर ने गुरुवार को ऐसा कहा। अय्यर इंडिया फूड फोरम के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने कहा, भारत के रिटेल सेक्टर में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी अभी 2% है। 2029 तक यह बढ़कर 12% तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, अगले 10 साल में देश 9% की दर से विकास करेगा। इससे साथ देश की जीडीपी 6.3 लाख करोड़ डॉलर (करीब 452 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच जाने का अनुमान है।