नई दिल्ली.वैवाहिक विवाद के मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली की एक कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि दूसरे पक्ष से रकम ऐंठने के लिए कोर्ट के प्लेटफार्म का इस्तेमाल न करें। जज मधु जैन ने याचिका को खारिज करते हुए महिला पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा कि महिला संपन्न हालत में है। सिर्फ पति को ब्लैकमेल करने के लिए उसने याचिका लगाई है।
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सीआरपीसी की धारा 125 के तहत पत्नी, बच्चों और माता-पिता को गुजारा भत्ता देने का प्रावधान है। जज ने कहा- ”लगता है महिलाओं ने इसे ब्लैकमेलिंग का हथियार बना लिया है।”
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कोर्ट ने कहा- ”याचिका दायर करने वाली महिला उच्च शिक्षित है। पहले अच्छी नौकरी में थी। पता नहीं क्यों उसने काम छोड़ दिया। याचिका पति को ब्लैकमेल करने के लिए दायर की गई है।”
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जज ने कहा कि याचिकाकर्ता फिलहाल ब्रिटेन में रिसर्च कर रही है, लेकिन उसने अभी तक कोर्ट को नहीं बताया कि पीएचडी के एवज में उसे कितना पैसा मिल रहा है।
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महिला 2012 में शादी के बाद से पति के साथ ब्रिटेन में रह रही थी। दो साल बाद उसने देश लौटकर पति के परिजनों के खिलाफ दुष्कर्म की कोशिश और घरेलू हिंसा के केस दर्ज करा दिए। आरोपियों को अग्रिम जमानत मिलने पर महिला ने कोर्ट में पति से गुजारा भत्ता लेने के लिए अर्जी लगाई।
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पति का कहना है कि पत्नी के बैंक खाते में बड़ी रकम का आदान-प्रदान हुआ है, लेकिन उसने यह बात कोर्ट से छिपाई। कोर्ट ने माना है कि महिला ने नौकरी और बैंक खाते की जानकारी नहीं दी।