नेशनल डेस्क,कोलकाता. शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई की टीम, कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए गई थी। आरोप है कि तभी 40 सीबीआई अधिकारियों को उनके घर में नहीं घुसने दिया गया। इसके बाद सीबीआई के अधिकारियों को कोलकाता पुलिस ने पहले हिरासत में लिया फिर थाने ले गई और गिरफ्तार कर लिया। इस बीच प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पुलिस कमिश्नर के घर पहुंचीं।राजीव कुमार बंगाल कैडर के IPS हैं। घोटाले की जांच के लिए 2013 में SIT बनाई गई थी, जिसकानेतृत्व राजीव कुमारकर रहे थे। राजीव कुमारपर सबूतोंसे छेड़छाड़ का आरोप है।
-न्यूज एजेंसी ने बताया, 'सीबीआई के अफसरों को पुलिस कमिश्नर के घर के बाहर ही रोक दिया गया था। ये सभी अफसर चिटफंट घोटाले की जांच के लिए पहुंचे थे। इसके बाद उन्हें जबरदस्ती वहां से हटाकर थाने ले जाया गया।'
पहले भेजा जा चुका है राजीव कुमार को समन :इससे पहले राजीव कुमार को सीबीआई ने घोटाले के संबंध में समन भी भेजा था। एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि राजीव कुमार ने जांच में सहयोग नहीं किया। ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्र की सरकार राजनीतिक बदले की भावना से सत्ता का दुरूपयोग कर रही है।एजेंसी का कहना है कि कोलकाता में कुछ सालों पहले शारदा घोटाला सामने आया था। इसमें तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को नाम शामिल थे। आसनसोल से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का कहना है कि यह अपनी तरह का एक अलग ही मामला है जिसमें पुलिस कमिश्नर को ही भूमिगत होना पड़ गया है। यह केवल ममता के राज में ही हो सकता है।
क्या है शारदा चिटफंट घोटाला : शारदा चिटफंट घोटाला अप्रैल 2013 में सामने आया था। आरोप है कि शारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किए। खुलासे के बाद जब एजेंटों से निवेशकों ने पैसे मांगने शुरू किये तो कई एजेंटों ने जान तक दे दी थी। घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार पर भी सवाल उठे थे।
– शारदा ग्रुप से जुड़े पश्चिम बंगाल के कथित चिटफंड घोटाले के 2,460 करोड़ रुपए तक का होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल पुलिस और ईडी की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 80 पर्सेंट जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा ग्रुप की चार कंपनियों का इस्तेमाल तीन स्कीमों के जरिए पैसा इधर-उधर करने में किया गया। ये तीन स्कीम थीं- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, उड़िसाऔर असम की पुलिस को आदेश दिया गया था कि वे सीबीआई के साथ जांच में सहयोग करें और इस घोटाले की सभी जानकारी सीबीआई को दें।
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