Jind Vidhan Sabha Upchunav Results 2019 / जींद उपचुनाव 2019 के नतीजों का ऐलान गुरूवार यानि 31 जनवरी, 2019 को हो जाएगा। जींद उपचुनाव महज़ एक विधानसभा तक ही सीमित नहीं है बल्कि लोकसभा चुनावो की बोर्ड परीक्षा से पहले तैयारियों का आंकलन के लिए ये प्री बोर्ड से कम नहीं है। जींद उपचुनाव के नतीजों से ही सियासी दलों की हवा का रूख भी तय हो जाएगा। कि आखिर कौन कितने पानी में है। तभी तो केवल चुनाव से बढ़कर प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है जींद उपचुनाव। इस सीट पर लगभग 1 लाख 70 हज़ार वोटर्स है जिन्हे लुभाने के लिए सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी और 28 जनवरी को नतीजे ईवीएम में कैद हो गए अब इंतज़ार 31 जनवरी का है जब नतीजे खुलेंगे और जींद को नया विधायक मिल जाएगा। इस जींद उपचुनाव में कुल 21 प्रत्याशी भाग्य आज़मा रहे हैं जिसमें से 4 के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। कांग्रेस से रणदीप सुरजेवाला, बीजेपी से कृष्ण मिड्ढा, जेजेपी से दिग्विजय चौटाला और इनेलो से उमेद सिंह रेढू के बीच ही कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। आइए आपको जींद के चुनावी इतिहास के बारे में बताते हैं..साल 2000 से अब तक जितने भी चुनाव हुए उसमें किसका पलड़ा कितना भारी रहा इस टेबल के ज़रिए समझने की कोशिश करते हैं।
2019 | नतीजे बाकी हैं | नतीजे बाकी हैं | नतीजे बाकी हैं | नतीजे बाकी हैं | नतीजे बाकी हैं | नतीजे बाकी हैं | नतीजे बाकी हैं |
2014 | डॉ. हरिचंद मिड्ढा | M | इंंडियन नेशनल लोक दल | 31631 | सुुरिद्र सिंह बरवाला | भारतीय जनता पार्टी | 29374 |
2009 | डॉ. हरिचंद मिड्ढा | M | इंंडियन नेशनल लोक दल | 34057 | मांगे राम गुप्ता | इंंडियन नेशनल कांग्रेस | 26195 |
2005 | मांगे राम गुप्ता | M | इंडियन नेशनल कांग्रेस | 43883 | सुरेंद्र सिंह | इंडियन नेशनल लोक दल | 26448 |
2000 | मांगे राम गुप्ता | M | इंडियन नेशनल कांग्रेस | 41621 | गुलशन लाल | इंडियन नेशनल लोक दल | 36978 |
पिछले 2 विधानसभा चुनावों से इनेलो का जींद सीट पर कब्ज़ा
इस टेबल पर नज़र डाले तो साफ जाहिर होता है कि जींद सीट पर पिछले दो दशकों से कांग्रेस और इनेलो का ही कब्ज़ा रहा है। पिछले 2 विधानसभा चुनावों की बात करे तो इनेलो के डॉ. हरिचंद मिड्ढा ही विधायक बनते रहे हैं जबकि इससे पहले कांग्रेस के मांगे राम गुप्ता विधायक रहे। हालांकि इस बार ये मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि इस बार इनेलो से विधायक रहे स्व. हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा बीजेपी का दामन थाम चुके हैं और बीजेपी की टिकट से ही चुनाव भी लड़ रहे हैं..ऐसे में सहानूभूति का फायदा बीजेपी को मिल पाता है या नहीं ये देखना वाकई दिलचस्प होगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
[ad_2]Source link