स्मृति शेष : काशीनाथ सिंह ने कहा- गोपालदास नीरज जब घर बैठ गए तो देश में कवि सम्मेलन खत्म हो गए

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महाकवि गोपाल दास नीरज नहीं रहे। वे देह त्यागकर गीत छोड़ गए हैं। नीरज, जीवन के दर्शन के रचनाकार थे। नीरज साहित्य की एक लंबी यात्रा के पथिक रहे। गीत, कविता, दोहे और शेर, उनकी कलम हर जगह चली। मंचीय कविता के कवि के रूप में नीरज को जितनी लोकप्रियता मिली, उतनी शायद ही किसी कवि को मिली। करीब 50 साल तक वे सक्रिय लेखनी और मंच से जुड़े रहे। 90 की उम्र में भी वह मंच पर कविता और गीत पढ़ते रहे। फिल्मों में जीवन रास नहीं आया, तो मुंबई से लौट आए, पर गीत लिखते रहे। देश की जानी-मानी हस्तियों ने उनके साथ बिताए लम्हे साझा किए।

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