जैसा भाव, वैसा अंत

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मरने के बाद फिर से जन्म लेना पड़ता है। इस बात में सभी धर्म भले ही यकीन
नहीं करते हैं, लेकिन जीवन का अस्तित्व मरने के बाद भी रहता है, इस मान्यता
को लेकर कोई विवाद नहीं है।

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