प्यार तुम्हारा मिला कि सावन बरस गया- जगदीश पंथी

सावन के दूसरे सोमवार को संपन्न हुई भव्य दिव्य शिव काव्यांजलिसर्वेश श्रीवास्तव

सर्वेश श्रीवास्तव

सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र के तत्वावधान में सावन के दूसरे सोमवार को रेलवे फाटक राबर्ट्सगंज जोगिया बीर मंदिर के बगक में कवि जै राम सोनी के आवास पर शिव को समर्पित काव्यांजलि संपन्न हुई। इसमें कवियों ने एक से बढ़कर एक रचना सुनाकर वाहवाही लूटी। वहीं पत्रकारिता एवं लेखन कार्य मे विशेष योगदान के लिए वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार पाठक को अंगवस्त्र, किताब, कलम आदि देकर सम्मानित किया गया।आयोजन की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ गीतकार जगदीश पंथी ने

सर्वप्रथम मां शारदे के चित्र पर माल्यार्पण व दीप जलाकर नमन किया और विधिवत् कार्यक्रम का आगाज हुआ। उन्होंने अपनी रचना प्यार तुम्हारा मिला कि सावन बरस गया। पत्ता पत्ता लहराया कि मन हरष गया।।सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संयोजक संचालक प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट ने वाणी वंदना करते हुए, मां शारदे भवानी मां शारदे भवानी, नव ज्योति भर दे उर में मैया बचा ले पानी से विधिवत अरदास किया तो वहीं शिव को समर्पित रचना पार तुझको उतरना है भव से अगर,, तो फिर शिव शिव निरंतर जपो मेरे मन,, सुनाकर वातावरण रसमय बनाये। कवयित्री

कौशल्या कुमारी चौहान ने वीर रस का संचार करते हुए, कंगन कभीं कटार कभीं प्यार भी हूं मैं, आकाश नापने को तैयार भी हूं मैं, सुनाया और ओज की अप्रतिम प्रस्तुती दिया। तूफान में दिन रात जलाती हूं , चट्टान से टकराकर रास्ता बनाती हूं सुनाकर नारी सशक्तिकरण का ओजस्वी संदेश देकर वाहवाही बटोरी। जयराम सोनी ने हास्य व्यंग सुनाकर लोगों को खूब हंसाया और शिव को समर्पित रचना, कमर में मृगछाला सारी देह उघार हौ शीश चनरमा गरे सरपन के हार हौ सुनाया गतिज ऊर्जा प्रदान की। दयानंद दयालू की सावनी कजली भोला बैठल बाड़न अपने कचहरिया में रापटगंज बजरिया में ना सुनाया।सुधाकर स्वदेशप्रेम का राष्ट्रवाद, जनाजा जब मेरा निकले वतन के वास्ते निकले समरसता एकता अखंडता को समर्पित रचना तथा धर्मेश चौहान एड की मानवता के प्रति अनुराग संवेदना मुखर हो का भाव दर्शाती रचना आदमी बनकर रहो आदमीअत साथ हो, हर किसी के वास्ते बढ़ा तेरा हांथ हो तथा देश के दुश्मनों के लिए महा काल हैं हम प्रभावी रही करतल ध्वनियों से वाहवाही लूटी। हास्य व्यंग के कवि दिवाकर द्विवेदी मेघ ने बीए पढै लागल बा बेटौवा सुनाकर श्रोताओं को लोटपोट कर दिये। आभार संस्था के निदेशक प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट ने व्यक्त किया। इस अवसर पर रिषभ, शिवमोचन, फारुख अली, पुरुषोत्तम, ठाकुर कुशवाहा, गिरिजा यादव, सोनू आदि श्रोतागण जमे रहे। वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पंथी व प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट निदेशक शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र द्वारा साहित्य संगीत व सामाजिक सरोकारों में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजेश पाठक एडवोकेट का सारस्वत अभिनंदन लेखनी पुस्तिका प्रशस्ति पत्र अंगवस्त्र साहित्य कृति देकर किया गया।

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