छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड से आते हैं भक्त

कोन-सोनभद्र(नवीन चंद) -भारत जहाँ चाद पर पहुंच चुका हैं वही अभी भी आस्था भारी पड़ रही हैं हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी तीन दिवसीय भूतों का मेला ग्राम पंचायत मिश्री मे लग गया हैं। बता दे की ग्राम पंचायत मिश्री मे बेचू बीर बाबा के समाधि स्थल पर कार्तिक माह नवमी से शुरू होकर एकादसी की रात्रि मे सम्पन्न होता हैं हर साल लगने वाले तीन दिवसीय

मेले मे आने वाले लोग बाबा के चौरी पर मत्था टेक मन्नत मांगते हैं मान्यता हैं कि यहां मत्था टेकने से भूत प्रेत की पीड़ा से निजात मिल जाती हैं। इस मेले मे इंसानो की नहीं भूत, चुड़ैल और डायनो का जमावड़ा लगता हैं कथित तौर पर भूत, डायन और चुड़ैल से यहां मुक्ति दिलाए जाती हैं। 350सालो से

चल रहे इस मेले मे यूपी ही नहीं बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश से तमाम पीड़ित मत्था टेकने आते हैं मेला की खासियत यह हैं की यहां फरियादी तो इंसान होता हैं लेकिन हबुआने वाले कहते हैं की उन पर भूत चुड़ैल व डायन का कब्जा हैं। ग्रामीणो का कहना हैं की बेचू वीर बाबा की समाधि की देखभाल उनके छह वंशज ही करते हैं ऐसी मान्यता हैं की बेचू बीर भगवान शंकर के साधना में हमेशा लीन रहते थे परम् योद्धा लोरीक उनके परम् भक्त रहे।
शेर से लड़ते हुए त्याग दिया था प्राण

मान्यता हैं की एक बार वीर लोरीक के साथ बेचू वीर बाबा मिश्री के घनघोर जंगल में ठहरे थे भगवान शिव की आराधना में लीन थे तभी उनके ऊपर एक शेर ने हमला कर दिया। तीन दिनों तक चले इस युद्ध में बेचू बाबा ने अपने प्राण त्याग दिया और उसी जगह पर उनकी समाधि बन गई तभी से यहां मेला लगता हैं। यहां भूत प्रेत के आलावा निःसंतान लोग भी मन्नत मागने आते हैं।
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