मन के पवित्र संकल्पों मे बंधने से मिलती है सकरात्मक ऊर्जा – बी०के० सुमन

  • 11 दिन तक चला रक्षा बंधन कार्यक्रम
  • ब्रह्मा कुमारी बहनों ने जेल के बंदियों से लेकर अमलोगों को बांधा राखी, बदले में मांगा सिर्फ एक बुराई छोड़ने का वचन
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    सोनभद्र।राबर्ट्सगंज के विकास नगर स्थित ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र पर रक्षाबंधन का पर्व आध्यात्मिक परम्परा के अनुसार मनाया गया। सेवाकेंद्र संचालिका बी ०के० सुमन बहन ने बताया कि शरीरिक दृष्टिकोण से दोनों एक ही परमपिता परमात्मा की एक समान संतान है। अत: स्त्री और पुरुष दोनों को रक्षा के पावन संकल्पों के बंधने से ही सनातन संस्कृति का उत्थान हो सकता है। क्योंकि समाज को श्रेष्ठ बनाने मे स्त्री और पुरुष दोनों की भूमिका अनिवार्य और महत्वपूर्ण होने से भारत विश्व गुरु के सर्वोच्च शिखर पर पुन: प्रतिष्ठित हो सकता है। सेवाकेंद्र पर जनपद के विभिन्न भागों से आये हुए स्त्री और पुरुष श्रद्धालुओ को राखी का पवित्र बंधन बांधते हुए , बदले में सिर्फ एक बुराई छोड़ने का वचन मांगा।
    प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की संचालिका बीके सुमन ने बताया कि रक्षा बंधन पर्व पर विशेष प्रोग्राम 22 अगस्त से 31अगस्त तक चलाया गया। इसकी शुरुआत 22 अगस्त से ओबरा उप सेवा केंद्र से हुई। 23 अगस्त को भी ओबरा में ही राखी बांधी गई। 24 अगस्त को रेणुकूट उप सेवा केंद्र पर रक्षा बंधन कार्यक्रम चलाया गया। 25 अगस्त को दुद्धी राजयोग केंद्र पर,26 अगस्त को जिला अस्पताल, नर्सिंग कालेज, 27 अगस्त को गुर्मा जेल, 28 अगस्त को राबर्ट्सगंज सेवा केंद्र पर , 29 अगस्त को सभी प्रशासनिक अधिकारियों को जिसमें पुलिस अधीक्षक सोनभद्र डॉ० यशवीर सिंह, अपर पुलिस् अधीक्षक ( आपरेशन) ज्ञानेंद्र नाथ त्रिपाठ , अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह सहित दर्जनों पुलिस जवानो को राखी बांधकर ब्रह्माकुमारी बहनो ने मानवीय कमजोरियों को छोड़ने का संकल्प पत्र लिया। इसके अलावा 30 और 31 अगस्त को सेवा केंद्र पर ही राखी बांधी गई। ज्ञातव्य है की ब्रह्माकुमारी बहने राखी बांधने के बाद किसी भी प्रकार के धन या उपहार को स्वीकार नही करके मानवीय कमजोरियों को छोड़ने का संकल्प पत्र लेती है। इसी क्रम मे चर्च एवं गुर्मा नगर पंचायत अध्यक्ष
    मीरा यादव प्रतिनिधि ओम प्रकाश यादव, अधिवक्ता/पत्रकार राजेश कुमार पाठक के साथ ही गणमान्य नागरिको को राखी बाधी गई। कार्यक्रम को सफल बनाने मे बी के प्रतिभा बहन, सीता बहन, सरोज बहन, कविता बहन, अवधेश धर दुबे, डॉ हरिंद्र भाई, गोपाल भाई इत्यादि ने सक्रिय योगदान दिया।
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