जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सन् 2023 में मीन राशि का वैदिक राशिफल
मीन PISCES
(दी, दू, थ, झ, अ, दे, दो, चा, ची)
सन् 2023 में मीन राशि का वैदिक राशिफल
मीन PISCES
(दी, दू, थ, झ, अ, दे, दो, चा, ची)
शुभरंग पीला व भगवा,
शुभ अंक 3 व 9,
शुभधातु सोना,
शुभरत्न पुखराज,
शुभवार गुरुवार,
ईष्ट सरस्वती पूजा से लाभ होगा,
शुभ तारीख 3, 12, 21, 30,
शुभमास मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन,
मध्यममास वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद. आश्विन व कार्तिक
अशुभमास चैत्र।
मित्र राशि कर्क, वृक्षिक,
शत्रु राशि मेष, सिंह, धनु,
व्यक्तित्व आध्यात्म प्रेमी, भावुक, अध्ययनशील, मनोवृत्ति,
सकारात्मक तथ्य विनम्रता, सज्जनशीलता, कल्पनाप्रिय,
नकारात्मक तथ्य अधैर्यशील, लापरवाह, अश्चिचिन्तता,
मीन राशि के जातक का सुंदर भरा हुआ संतुलित शरीर रचना, मध्यम या ऊंचा कद, बड़ा मस्तिष्क एवं चौड़ा गोल चेहरा, श्वेत पीत वर्ण एवं सुगठित कंधे, आकर्षक चमकीली व कुछ बड़ी बड़ी आंखें, नेत्र कुछ उभरे से दिखाई दे, नरम मुलायम बाल, तीखे नयन नक्श, चुंबकीय एवं आकर्षक तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व का स्वामी होता है।
राशि स्वामी गुरु शुभ हो तो मीन जातक तीव्र बुद्धिमान, ईमानदार, मानवीय गुणों से युक्त, परिश्रमी, सौम्य एवं विनम्र मधुर स्वभाव, महत्वकांक्षी, संवेदनशील, भावुक, सहृदय, संगीत, साहित्य एवं सौंदर्य के प्रति स्वाभाविक रूचि हो। तथा मीन राशि होने से जातक जल की तरह प्रत्येक प्रकार की परिस्थितियों में स्वयं को ढाल लेने की क्षमता रखता है। स्मरण शक्ति तीव्र होती है। जातक विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं को विचलित नहीं होने देता, उच्च कल्पनाशील होने पर भी जातक की प्रबंधन शक्ति अच्छी होती है। वह अपने कार्य क्षेत्र में सक्रिय एवं विकासशील बना रहता है। राशिपति गुरु के कारण जातक हंसमुख, मिलनसार, परोपकारी, सरल एवं दयालु स्वभाव, धर्म परायण, सत्य निष्ठ, सेवाभावी, प्रेरणादायक, साधारण लोगों की भलाई एवं सहायता करने में उत्सुक, हस्तशिल्प, साहित्य, लेखन, गायन ,धार्मिक, ज्योतिष एवं योग दर्शन आदि गूढ़ विषयों में विशेष रुचि रखने वाला। धैर्यवान, क्षमाशील, स्वाभिमानी, कई बार गंभीर रहस्यमई एवं गोपनीय आचरण करने वाला होता है।
मीन द्वि-स्वभाव राशि होने से जातक शीघ्रता से अपने मन की बात प्रकट नहीं कर पाता। कई बार दूसरों के लिए उन्हें समझना कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में जातक निष्कपट एवं सरल हृदय होते हुए भी संदेह के दायरे में आ जाते हैं। यदि जन्म कुंडली में चंद्र, गुरु शुभ भावों में स्थित हो अथवा उन दोनों का योग अथवा संबंध हो तो जातक महत्वकांक्षी, धार्मिक एवं पौराणिक आस्थाओं से युक्त दूसरों पर अधिकार जताने की प्रवृत्ति। तर्क-वितर्क करने में कुशल, व्यवहार कुशल होते हैं। अधिकांशतः मिलनसार प्रकृति के होते हैं। जातक नए-नए सृजनात्मक एवं मौलिक विचार सोचते रहते हैं। मीन जातक अपने परिवार एवं मित्रों के साथ विशेष प्यार और आसक्ति रखते हैं। अपने मित्रों का चुनाव भी बहुत ध्यान पूर्वक करते हैं। उनके मैत्री संबंध सामान्य जन से लेकर कुछ प्रतिष्ठित लोगों तक होते हैं।
द्वि-स्वभाव राशि होने से मीन जातक किसी कार्य विशेष में जल्दी से कोई निर्णय नहीं लेते परंतु जब गंभीर सोच विचार के बाद कोई फैसला करते हैं तो उस कार्य को पूरे उत्साह एवं तन्मयता से अंजाम देते हैं। यदि कुंडली में मंगल शुक्र का योग किसी अशुभ भाव में हो तो जातक विषय आसक्त, कामुक, मदिरा आदि मादक वस्तुओं का सेवन करने वाला, व्यंग पूर्ण एवं कठोर वाणी का प्रयोग करने वाला एवं अशांत चित्त वाला होता है।
वर्षारम्भ से 21 अप्रैल तक राशिस्वामी गुरु का संचार स्वराशि 1 चं. मीन में ही रहेगा, फलतः उसकी शुभ दृष्टियां पंचम एवं नवम (भाग्य) स्थानों पर विशेष रूप से रहेगी। ता. 17 जन. से वर्षान्त तक शनि साढ़ेसाती का प्रभाव रहने से बनते कामों में अड़चनें तथा व्यवसाय में भी आशानुकूल धन लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा।
22 अप्रैल से वर्षान्त तक गुरु दूसरे भाव (मेष राशि) में संचार करेगा, जिससे आय में कमी तथा खर्चों में विशेष वृद्धि होगी। ता. 4 30 अक्तू. तक ‘गुरु राहु’ योग रहने से किसी निकटस्थ बन्धु से धोखा मिलने की भी सम्भावना है। ता. 30 अक्तू. के बाद राहु का संचार इस राशि पर होने से नई-नई समस्याएं उत्पन्न होती रहेंगी। 5
कुल मिलाकर इस वर्ष स्थायित्व, व्यावसायिक प्रॉपर्टी, तकनीकी उन्नति से व्यापार कर पाएंगे। धारणा, सोच, हिम्मत, अनुभव का बेहतर तालमेल रहेगा। अधीनस्थों से भी सहयोग मिलेगा। कर्ज लेन-देन में कमी आएगी। प्रतिस्पर्धा, पुराना निवेश, भाग्योदय की स्थिति रहेगी। नौकरी में भी इस वर्ष में मनमाफिकता रहेगी। बेहतर कार्य, जॉब मिलेगा जिससे स्थायित्व बढ़ा पाएंगे। ईमानदारी, परिश्रम, कार्यकुशलता का लाभ मिलेगा। अधिकार, पद-स्थान की प्राप्ति होगी, कामकाज का प्रभाव अधिकारी प्रसन्नता दर्शायेंगे। पुराने नौकरी के मामलों का निराकरण होगा। स्वयं को गुणवत्ता स्वभाव से आगे ला पाएंगे। विशेष दर्जा मिलेगा पुरस्कार जातिगत, सामाजिक अथवा अपने कार्यक्षेत्र में स्थापित हो पाएंगे। वर्ष में कुल मिलाकर प्रगति, स्थायित्व, प्रसन्नता हेतु आलस्यता टालें, तुरंत निर्णय, कार्यकुशलता, परिश्रम व अनुकूल सोच से आगे बढ़ें। विद्यार्थियों को वर्ष अपेक्षित सफलता दिलाएगा। मेहनत का लाभ मिलेगा। अनुकूल विषय, कॅरियर का चयन उत्साहित रखेगा उतनी ही सफलता के पश्चात जवाबदारी भी बढ़ेगी। वर्ष में व्यर्थ आमोद-प्रमोद, मित्र वर्ग से बच्चें दिमागी वैचारिक स्थितियां संतोष, शांति रखेंगी। बार-बार सोच में बदलाव नहीं करें। स्थायित्व से विषय में गंभीरता दें। अपना ही परिश्रम, अपना ही सोच, अपनी ही सफलता का ध्यान रखें। समय-योग, स्वभाव, वातावरण एक साथ संभव नहीं रहते जिसका शांति से उपयोग करें। तात्कालिक छोटी-बड़ी समस्या- विचार को ध्यान न दें। अन्य क्षेत्रों में भी करियर की तारीफ, उन्नति, पुरस्कार मिलेंगे। अपने आपको बेहतर साबित करने का मौका मिलेगा। महिलाओं के लिए वर्ष काफी उत्तम रहेगा। निश्चित प्रगति होगी उत्साह रहेगा। सोच-विचार के अनुरूप कार्य वातावरण रहेगा। पारिवारिक स्थायित्व मिलेगा। संतान की उन्नति होगी। संतान प्राप्ति के योग। वैवाहिक जीवन में परेशानियां कम होंगी। भावावेश के निर्णयों से समय पर सावधानी से संतोष रहेगा। कार्यक्षेत्र में अधिक कार्य, परिश्रम की स्थितियां, जवाबदारी की रहेगी। प्रतिष्ठा-सम्मान मिलेगा। आर्थिक मामलों में सहजता रहेगी। शिवजी की आराधना अपने इष्ट गुरु, आध्यात्मिक मार्गदर्शक का अनुसरण करें। अन्नदान जलचर जीवों को खाद्य दें। जप-जाप अनुष्ठान से भी लाभ, संतोष प्रसन्नता रहेगी।
उपाय (1) सूर्यदेव को प्रतिदिन गुरु गायत्री मन्त्र तथा ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मन्त्र पढ़ते हुए अर्घ्य देवें तथा गुरु गायत्री मन्त्र का पाठ करें।
(2) बृहस्पतिवार का व्रत रखना शुभ होगा। उस दिन बेसन, केले आदि पीली वस्तुओं का दान करना शुभ होगा।
(3) बृहस्पतिवार को गौओं को चारा व चापातियाँ डालना शुभ होगा।
मासिक राशिफल
जनवरी गुरु का संचार रहने से पराक्रम एवं उत्साह में वृद्धि होगी। परिवार में किसी शुभ कार्य पर खर्च होगा। ता. 17 से शनि साढ़ेसाती शुरु होने से मानसिक तनाव एवं उलझनपूर्ण परिस्थितियां उत्पन्न होंगी। अकस्मात् धन लाभ में विघ्न उत्पन्न होंगे।
फरवरी धर्म-कर्म में विशेष प्रवृत्ति और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। भाई-बहिनों से मेल व परिवार में खुशी और उल्लासपूर्ण माहौल रहेगा। गत दिनों किए प्रयासों में सफलता मिलेगी। धन लाभ व उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।
मार्च कोई शुभ कार्य सम्पन्न होगा। व्यवसाय-नौकरी में उन्नति होगी। कठिन कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। कार्यक्षेत्र में व्यस्तताएं बढ़ेंगी। परिवार सम्बन्धी सुखों में वृद्धि, अकस्मात् धन प्राप्ति के योग हैं।
अप्रैल विघ्न-बाधाओं के बावजूद प्रयोजन सिद्धि में कोई रुकावट नहीं आएगी। लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। कुछ अप्रत्याशित सफलताएं प्राप्त होंगी। अकस्मात् धन लाभ, बन्धु मिलाप, स्त्री सुख आदि शुभ समाचार मिलेंगे।
मई गुरु द्वितीय भाव में राहु युक्त संचार करने से आय की अपेक्षा खर्च अधिक, व्यर्थ की दौड़धूप और क्रोध की अधिकता के कारण कार्य बिगड़ने के योग हैं। मानसिक तनाव और प्रियबन्धु से मनमुटाव होगा।
जून परिश्रम व दौड़धूप अधिक रहेगी। फिर भी निर्वाह योग्य धन की प्राप्ति होगी।। व्यवसाय में उतार-चढ़ाव व अल्प परेशानियां रहेगी। सिरदर्द तथा आँखों में कष्ट रहे। घरेलु व व्यवसाय सम्बन्धी उलझनों के कारण मन अशान्त रहेगा।
जुलाई मानसिक तनाव एवं परिवार सम्बन्धी उलझनें बढ़ेंगी। बनते कामों में अड़चनें पैदा होंगी। गुरु की दशम भाव पर दृष्टि होने से पदोन्नति एवं धन लाभ के योग बनेंगे। किसी श्रेष्ठ एवं उच्चाधिकारी से सम्पर्क बढेगा।
अगस्त परिश्रम व दौड़-धूप अधिक रहेगी। व्यवसाय में उतार-चढ़ाव व अल्प परेशानियां रहेंगी। स्थान परिवर्तन भी होने के योग हैं। कुछ विवादास्पद मामले मानसिक तनाव का कारण बनेंगे। ‘पुरुषोत्तम माहात्म्य’ का पाठ करें।
सितम्बर संघर्षमयी स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। किसी भी कार्य में मन नहीं लगेगा। गृहस्थ जीवन में तनाव की स्थिति रहे खर्चों की अधिकता से मन परेशान रहेगा। विदेश गमन की योजना बनेगी।
अक्तूबर शनि – साढ़ेसाती के कारण आशा के विपरीत खर्च अधिक रहेंगी। स्वास्थ्य में गड़बड़, तनाव व घरेलु उलझनें बढ़ेंगी। नई-नई योजनाएं बनाने में समय व्यतीत होगा। नौकरी में अफसरों से व्यर्थ का तनाव रहेगा।
नवम्बर मासारम्भ से राहु इस राशि पर संचार करने से व्यर्थ की भागदौड़ अधिक रहे। विरोधी हानि पहुँचाने का प्रयास करेंगे। कठिनाईयों के बावजूद निर्वाह योग्य धन प्राप्ति होगी। यात्रा में परेशानियां अधिक रहेंगी।
दिसम्बर अत्यन्त संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में से गुज़रना पड़ेगा। व्यवसाय, नौकरों की ओर से विघ्न-बाधाएँ उत्पन्न होंगी। परन्तु उलझनें उभरती व सिमटती रहेंगी। माता-पिता से मनमुटाव रहेगा। परिवार में कुछ मनमुटाव, वैचारिक मतभेद और अपनी ही गलती से परेशानी उत्पन्न हो ।