- 50 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- चार वर्ष पूर्व हुए दुष्कर्म का मामला
- अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी
सोनभद्र। चार वर्ष पूर्व शौच के लिए गई बालिका के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी श्याम बिहारी जायसवाल को 10 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासिनी पीड़िता ने 11 जुलाई 2017 को थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 10 जुलाई 2017 को शाम के समय शौच के लिए अपनी चचेरी बहन के साथ घर से करीब 500 मीटर दूर गई थी। जहां पर पहले से ही घात लगाकर बैठे कोन थाना क्षेत्र के हर्रा टोला सलैयाडीह गांव निवासी श्याम बिहारी जायसवाल पुत्र प्रभु जायसवाल ने जबरन उसे पकड़ लिया और मुंह बंद करके झाड़ी में लेजाकर दुष्कर्म किया। शोरगुल की आवाज सुनकर मौके पर चचेरी बहन, भाई एवं अन्य लोग आ गए तब तक श्याम बिहारी मौके से भाग गया। इस तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म के साथ ही पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर लिया। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी श्याम बिहारी जायसवाल को 10 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि एवं सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बहस की।
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