पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
जिला प्रशासन द्वारा तत्परता, सतर्कता व सजगता से कार्य किया है-डॉ महेंद्र सिंह
वाराणसी।वाराणसी के बेलवरिया राहत कैंप में मंत्री ने राहत सामग्री भी वितरित की वाराणसी। प्रदेश में बाढ़ के हालात पर सरकार की नजर बनी हुई है। लोगों को सुरक्षित रखने के लिए बचाव के उपाय शुरू कर दिए गए हैं। जल शक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने रविवार को वाराणसी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उत्तर प्रदेश के जल शक्ति विभाग (सिंचाई एवं जल संसाधन, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग) मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह रविवार को सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ सहायता कार्यों की गहन एवं विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बताया कि राजस्थान व मध्यप्रदेश से पानी आया है। 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे जल स्तर गंगा का बढ़ा है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जनपद में बाढ़ की स्थिति व सहायता कार्यों की जानकारी दी। जिसके तहत 09 गांव जिसमें कैथी के आसपास व ढाब क्षेत्र में पानी भरा है। 63 गांव में आंशिक रूप से फसल क्षेत्र में पानी है। शहर के 9 वार्ड बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अनुमानतः 10 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर रखने हेतु 24 शेल्टर होम संचालित है। जहां बाढ़ शरणार्थियों के लिए भोजन, राशन कीत व दवाई उपलब्ध है। फागिंग व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव हो रहा है। एनडीआरएफ, पीएससी व जल पुलिस बाढ़ क्षेत्र में सहायता कर रही है। मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने कहा कि राहत केंद्रों पर भोजन उपलब्ध है, इसके साथ जो घर बाढ़ से प्रभावित हैं और वहां जरूरतमंद लोग हैं, तो उन्हें भी भोजन पैकेट की व्यवस्था की जाए। आवश्यकतानुसार कपड़ों की भी व्यवस्था लोगों के लिए करें। दैनिक जरूरत की समस्त सामग्री जरूरतमंदों को सुलभ कराई जाए। पीने के पानी की व्यवस्था सही हो। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि जहां बाढ़ का पानी पहुंचा है वहां सुरक्षा की दृष्टि से बिजली काट दी जाती है, ऐसे स्थानों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था के साथ ही अन्य व्यवस्था यथा- मोमबत्ती, टॉर्च, यथासंभव जनरेटर, लालटेन, केरोसिन लैम्प, इमरजेंसी लाइट आदि की व्यवस्था की जाए। प्रकाश होने से लोगों में ढाढस बढ़ता है। मोबाइल चार्जर की व्यवस्था भी की जाए, ताकि व्यक्ति मोबाइल से संपर्क कर सके। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि दवा की सामान्य कीट के अतिरिक्त बाढ़ क्षेत्रों में ऐसे व्यक्तियों जिन्हें शुगर, बीपी, हॉट व किडनी आदि की बीमारी है, ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनकी दवाओं की भी व्यवस्था हो। जल जनित बीमारी के रोकथाम हेतु फागिंग व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव हो। गांव में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, निगरानी समिति, राजस्व कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी की समन्वय समिति बनाकर ग्राम प्रधान व गांव के गणमान्य लोगों के सहयोग से कार्य करें। पशुपालन विभाग पशुओं का टीका कर, आवश्यकतानुसार पशुओं की शिफ्ट करने, गौशालाओं में पानी की स्थिति पर नजर रखते हुए पशुओं को सूखे सुरक्षित स्थानों पर व्यवस्थित करने की कार्रवाई की जाए। पशु चारा की व्यवस्था हो। हर विभाग गांव, ब्लॉक, जिला स्तर पर नोडल बना कर अंतर विभागीय समन्वय से कार्य करें। पुलिस गश्त में पीए सेट से क्षेत्रों में सूचना प्रसारित हो। इससे लोगों में साहस व विश्वास बढ़ता है। जनप्रतिनिधियों से सतत समन्वय रखे और उनसे फीडबैक ले। बैठक में बताया गया कि एनडीआरएफ के 150 जवान, एसडीआरएफ के 24 जवान, पीएससी की 2 टीम, जल पुलिस के प्रशिक्षित जवान व गोताखोर नावों बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में निगरानी करते हैं। 29 लो लाइन एरिया चिन्हित कर कार्य किया जा रहा है। मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने कहा कि पानी के कारण बंद घरों के क्षेत्रों में पुलिस की निगरानी रहे, ताकि कोई चोरी की घटना नहीं हो। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने तत्परता, सतर्कता व सजगता से कार्य किया है। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को बधाई दी। जनपद में बाढ़ से कोई जनहानि नहीं हुई है। प्रभावित क्षेत्र के सभी लोग सुरक्षित हैं और उनकी सहायता सहयोग किया जा रहा है। इस अवसर पर विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ अवधेश सिंह, विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, भाजपा महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय के अलावा पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त सहित अन्य विभागीय अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इससे पूर्व सर्किट में पत्रकारों से वार्ता के दौरान मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार प्रदेश को बाढ़ से सुरक्षित रखने के लिए तैयार है। राजस्थान में अधिक बारिश होने के कारण भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। चार अगस्त को कोटा बैराज धौलपुर से 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी के जलस्तर में नौ मीटर तक वृद्धि हो गई है, इससे जुड़ी यमुना में छह मीटर बढ़ाव दर्ज किया गया है। इसके आगे कुछ अन्य नदियों का पानी भी प्रयागराज में गंगा में मिलने के बाद दो मीटर तक जलस्तर बढ़ा है। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से निचे बह रहीं हैं। उन्होंने बाढ़ राहत कार्यों के लिए वाराणसी जिला प्रशासन की तारीफ करते हुए बताया कि यहां राहत व बचाव कार्य समय से शुरू कर दिए गए हैं। जिससे बाढ़ क्षेत्रों में रहने वाले जनसामान्य को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा है। बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पुहंचाया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकार राशन, दवाई, कपड़े सहित अन्य आवश्यक सामान लोगों को मुहैया कराएगी। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी लगाई गयी हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार बाढ़ को लेकर संवेदनशील है। इसी का नतीजा है कि बाढ़ व कटानरोधी कार्यों के लिए लगभग एक साल पहले बजट जारी कर दिया गया। इससे राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में काफी कमी आई है। वाराणसी के बेलवरिया राहत कैंप में मंत्री ने राहत सामग्री भी वितरित की। इस दौरान बाढ़ शरणार्थियों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में शासन-प्रशासन उनके साथ खड़ा है। राहत सामग्री बांटते हुए बोले, आपदा की इस घड़ी में सहयोग के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपके लिए यह सामग्री भेजी है जिसे मैं लेकर आया हूं। उन्होंने एक शरणार्थी को राहत सामग्री उपलब्ध कराते हुए कहा कि दादी बहुत बड़ी और वजनी पोटली है कैसे जाएगी, तब वृद्धा ने बताया गया कि उनका बच्चा भी यहीं है। यदि इससे भी अधिक वजनी और अधिक मात्रा में सामग्री मिली तो उसे भी लेकर जाएगा। इससे पूर्व मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने राजघाट से गंगा नदी तथा पुराना पुल से वरुणा नदी के बढ़े जलस्तर का निरीक्षण किया तथा तत्पश्चात उन्होंने सरैया एवं बेलवरिया में बनी राहत शिविर में जाकर वहां रह रहे बाढ़ शरणार्थियों से उनका कुशलक्षेम पूछते हुए उन्हें भरोसा दिया कि इस आपदा की घड़ी में शासन-प्रशासन उनके साथ खड़ा है। किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं।