-अनिल बेदाग़-
मुंबई : कोरोना काल का एक लंबा कष्टकारी समय झेलने के बाद खिलाड़ियों और आम लोगों के लिए खेल के दरवाज़े खोल दिये गए हैं। क्रिकेट में सक्रियता लगातार बढ़ रही है और उसी के साथ ही अन्य खेलों के प्रति रुझान भी दिखता नज़र आ रहा है। ऐसा ही एक खेल है पंजा प्रतियोगिता। क्रिकेट अगर दिमाग़ और सूझबूझ का खेल है तो पंजा प्रतियोगिता में शक्तिप्रदर्शन किया जाता है। खिलाड़ी की ताकत का पता चलता है। पंजा प्रतियोगिता भारत में तेज़ी से लोकप्रिय हो रही है।
मज़ेदार ढंग से टाइम पास करने के लिए इसे बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा खेला जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से इस खेल ने एक प्रतियोगी अवतार धारण कर लिया है जो अब हर उम्र और तबके के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है, फिर चाहे वो पुरुष हो या महिला। इसका श्रेय प्रो-पंजा लीग को जाता है। ग़ौरतलब है कि पंजा लड़ाने के इस खेल को एक प्रोफ़ेशनल लुक देने के लिए प्रो-पंजा लीग ने लीग फॉर्मेट को अपनाया है।
प्रो-पंजा लीग की शुरुआत करनेवाले अभिनेता परवीन डबास और अभिनेत्री प्रीति झिंगयानी कहती हैं, “पंजा लड़ाने का खेल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेला जाने वाला ऐसा खेल है जिसकी जड़ें भारत से जुड़ीं हैं और यही प्रो-पंजा लीग की पहचान भी है। दोनों इस बात को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि वे इस खेल को एक अलग स्तर और ऊंचे मकाम तक ले जाना चाहते हैं।
प्रीति झिंगयानी का मानना है कि इस खेल में भाग लेनेवाले राज्यों की संख़्या में काफ़ी बढ़ोत्तरी देखी जाएगी। वे कहती हैं, “भारत में सबसे प्रतिभाशाली एथलीटों की बात करें तो आप पाएंगे कि ज़्यादातर का ताल्लुक मणिपुर और मिज़ोरम से होता है। हम देश के ज़्यादा से ज़्यादा राज्यों को इस खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोग इस खेल में रूचि लें और इसे अपनाएं।”
भारत में इस खेल की शुरुआत के बारे में बात करते हुए परवीन डबास ने कहा, ” इस लीग ने पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मिज़ोरम और केरल को इस खेल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया है।