पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किस्त वर्चुअली प्रेषण की गई*
*बनारस में आज 2 लाख 21 हजार 710 किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की धनराशि पहुंची*
*प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में वाराणसी जनपद में अब तक 2 लाख 45 हजार किसानों को 239.12 करोड़ रुपए धनराशि का भुगतान किया गया*
*फसल ऋण मोचन योजना में 16026 किसानों के रुपए 69.56 करोड़ का ऋण मोचन किया गया*
*कृषि यंत्रीकरण के अंतर्गत कुल 2359 कृषि यंत्र 2359 किसानों को वितरित किया गया, जिस पर 484.13 लाख रुपए का अनुदान डीबीटी के माध्यम से दिया गया*
*बीजों पर अनुदान के अंतर्गत 26819 किसानों को 747.207 लाख रुपए का अनुदान डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में भेजा गया*
*मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना अंतर्गत कुल 49041 मृदा नमूनों को जांच कर कुल 239456 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया गया, जिस पर कुल 15.46 लाख रुपए का व्यय हुआ*
*प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत 73380 किसानों का फसल बीमा कराया गया तथा फसल नुकसान होने की दशा में कुल 3770 किसानों को 121.50 लाख रुपए की क्षति पूर्ति प्रदान की गई*
*99947 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए गए
*सोलर फोटोवोल्टिक पंप की स्थापना योजना अंतर्गत जनपद में 399 किसानों के यहां सोलर फोटोवॉल्टिक पंप की स्थापना कराई गई, जिस पर 66.68 लाख रुपए का व्यय किया गया
*वर्मी कंपोस्ट इकाई की स्थापना योजना अंतर्गत जनपद में कृषकों के यहां 3202 वर्मी कंपोस्ट इकाई की स्थापना कराई गई, जिस पर 188.76 लाख रुपए का व्यय हुआ
*अतिकुपोषित बच्चों के 25 परिवारों को विभिन्न गौआश्रय स्थलों से दूध देने वाली गायों का वितरण किया गया है ताकि बच्चों का कुपोषण दूर किया जा सके*
वाराणसी। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जी का जन्म दिवस जनपद में सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि की नई किस्त किसानों के खाते में वर्चुअली प्रेषण की तथा विभिन्न प्रदेशों के किसानों से सीधा संवाद कर उनसे नई कृषि नीति के लाभ व सरकार की किसान सहायतित योजनाओं से हो रहे लाभों के बारे में जानकारी ली। सुशासन दिवस जनपद के समस्त विकासखंड स्तर, मंडी परिषद, सहकारी संस्थाओं पर आयोजित हुआ। जिसमें वहां टीवी एवं एलइडी स्क्रीन लगाकर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हजारों किसानों वह गणमान्य व्यक्तियों ने देखा।
जगतपुर इंटर कॉलेज रोहनिया परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं वाराणसी जनपद के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन ने किसानों के साथ बैठकर कार्यक्रम को देखा। वर्चुअल कार्यक्रम से पूर्व किसानों को संबोधित करते हुए मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि आज एकादशी का दिन है। कृष्ण ने द्वापर में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी का जन्म दिवस भी आज ही है। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्मदिन है। जिसे हम सभी सुशासन दिवस के रूप में मना रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 से सत्ता में आने के बाद से योजनाओं का केंद्र अन्नदाता किसान बनाया गया है। समान में देश का कृषि बजट 134000 करोड़ रुपए बनाया गया है। जो मोदी सरकार से पूर्व के बजट से 6 गुना से भी अधिक है। पूरे देश में कैसे किसान हित हो, किसान का भला हो ऐसे कार्य हो रहे हैं। इसके लिए एमएसपी बढ़ाकर किसान की आय बढ़ाई गई। किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार में वर्ष 1998 में हुई थी। वर्ष 2020 में अभियान चलाकर करोड़ों किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड मिला, अब पशु पालक व मत्स्य पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है।
मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसान हित में उल्लेखनीय निर्णय लिए हैं। वर्ष 2017 में योगी सरकार बनाने के बाद कैबिनेट के पहले एजेंडा में किसानों का एक लाख रुपए तक ऋण माफ को मंजूरी दी गई। जिसमें प्रदेश में 86 लाख लघु सीमांत कृषकों का 36000 करोड़ रुपए का ऋण माफ हुआ। मोदी सरकार से पहले खाद की किल्लत रहती थी। प्रधानमंत्री मोदी के एक निर्णय नीम कोटेड यूरिया से इसकी कालाबाजारी बंद हुई और किसानों को सुगमता से उपलब्ध होने लगी। प्रदेश में गेहूं, धान खरीद सुचारू वह व्यापक स्तर पर होने लगी। योगी सरकार से पूर्व प्रदेश में 10 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीदा जाता था। वर्तमान सरकार के आते ही पहले वर्ष में 46 लाख मैट्रिक टन व दूसरे साल 52 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीदा गया और इसका पैसा सीधे किसानों के खाते में भेजा गया। धान में भी रिकॉर्ड खरीद हुई। प्रदेश के गन्ना किसानों को 12000 करोड़ रुपए जो योगी सरकार से पूर्व का बकाया था उसे भुगतान किया गया। गन्ना किसानों को योगी सरकार में 112000 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। योगी सरकार से पूर्व विभिन्न वर्षो में प्रदेश की एक बार 11 व दोबारा 19 चीनी मिलें बंद हुई। योगी सरकार के 3 वर्ष में प्रदेश में 18 चीनी मिले या तो सुधरणीकरण हुआ, नई बनी या क्रियाशील की गई। किसानों के हित में देश व प्रदेश सरकार सतत क्रियाशील है।
मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लागू योजनाओं से किसान लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश में 2.25 करोड़ निजी शौचालय बने, सौभाग्य योजना में बिजली कनेक्शन मिला, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना में आवास बने, आयुष्मान भारत योजना में 5 लाख रुपये तक की चिकित्सा व्यवस्था आदि योजनाओं से गांव के किसान लाभान्वित हुए। प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में अन्नदाता किसान केंद्र बिंदु रहा। चीनी उत्पादन में देश गत 3 वर्ष से विश्व में पहले स्थान पर है। इसका एथेनॉल प्रोडक्शन में भी प्रथम स्थान पर है भारत। गन्ना उत्पादन में देश विश्व में पहले स्थान पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश तेजी से प्रगति पर चल रहा है। आगे भी समाज के हर वर्ग व हर क्षेत्र को लाभान्वित होगा।
उन्होंने अन्नदाता किसानों के लिए संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तार से अवगत कराते हुए बताया कि कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत पी०एम०किसान पोर्टल पर पंजीकृत कृषको को प्रति चार माह बाद रुपये 2000 तथा वार्षिक रुपये 6000 किसान को उनके खाते मे भारत सरकार द्वारा प्रेषित किया जाता है। कृषि यंत्रीकरण योजनान्तर्गत पंजीकृत कृषकों द्वारा पोर्टल के माध्यम से टोकन प्राप्त कर 1 लाख तक अनुदान वाले यंत्रों हेतु रुपये 2500 तथा अधिक अनुदानित यंत्रों हेतु रुपये 5000 टोकन धनराशि बैंकों में जमा कर यंत्र क्रय कर आवेदन प्रस्तुत करने पर खरीद मूल्य का 50 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत अनुदान डी०बी०टी० के माध्यम से उनके खाते में प्रेषित किया जाता है। पूर्वी उ0प्रo में हरित कान्ति के विस्तार की योजनान्तर्गत धान के क्लस्टर प्रदर्शन आयोजित कराये जाते है, जिसके लिए रुपये 9000 प्रति हेक्टेयर अनुदान उनके खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रेषित किया जाता है तथा यंत्रों पर अनुदान कृषि यंत्रीकरण योजना की भांति दिया जाता है। वर्मी कम्पोस्ट की योजना अंतर्गत मृदा में जीवांश कार्बन की बृद्धि हेतु जनपद के सभी राजस्व ग्रामों में एक कृषक के यहां निर्माण कराया जाता है, जिस पर कुल लागत रुपये 8000 का 75 प्रतिशत अर्थात रुपये 6000 अनुदान के रूप में निर्माण के पश्चात डी०बी0टीo के माध्यम से दिया जाता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड की योजना अंतर्गत कोविड 19 के कारण मृदा संकलन का कार्य वित्तीय वर्ष 2020-21 के खरीफ में नही कराया गया। योजना का मुख्य उद्देश्य मृदा परीक्षण के आधार पर संतुलित उर्वरकों का प्रयोग कर लागत कम करने तथा भूमि में जीवांश की मात्रा को बढाना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में जनपद में गेहूं एवं दलहन घट के रूप में संचालित हैं। जिसमे गेंहू एवं दलहनी फसलों के क्लस्टर प्रदर्शन आयोजित कराये जाते है तथा बीज मिनीकिट वितरण का प्रदर्शन कराया जाता है। प्रदर्शन पर प्रति हेक्टेयर रुपये 9000 अनुदान देय है तथा यंत्रों पर भी अनुदान कृषि यंत्रीकरण की भांति डीबीटी के माध्यम से दिया जाता है। पीoएम०कुसुम योजनान्तर्गत 3 एच०पी० एवम् 5 एचoपी0 के एoसी० एवम् डी0सी0 के सोलर फोटोवोल्टिक पम्प पर 60 प्रतिशत एवम् 50 प्रतिशत अनुदान देय है। शेष धनराशि कृषक अंश के रूप में कृषकों द्वारा वहन किया जाता है। प्रमाणित बीज वितरण योजनान्तर्गत कृषकों द्वारा क्रय किये बीजों पर 50 प्रतिशत अनुदान की धनराशि कृषकों के खाते में डी०बी0टी० के माध्यम से सीधे भेजा जाता है। परम्परागत कृषि विकास योजना एवं नमामि गंगे योजना का संचालन जैविक खेती को बढ़ाना है तथा रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग को कम करना तथा भूमि में जीवांश की मात्रा को बढाना है। जिसके लिए जनपद के सभी विकास खण्डों में 1226 जैविक क्लस्टरों का गठन लक्ष्य प्रस्तावित है। जिस पर कार्य कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत कृषकों को कृषि में होने वाले आपदाओं से क्षतिपूर्ति हेतु बीमा कराया जाता है। जिसमे ऋणी एवं गैर ऋणी कृषक अपनी इच्छानुसार बीमा करा सकते है। जिसके लिए खरीफ में 2 प्रतिशत एवं रबी में 1.5 प्रतिशत की दर से बीमित अंश जमा किया जाता है। खरीफ में 31 जुलाई तथा रबी में 31 दिसम्बर तक बीमा कराने की अंतिम तिथि निर्धारित है। किसान केडिट कार्ड योजना का मुख्य उद्देश्य बुवाई से पूर्व कृषि निवेशों की व्यवस्था हेतु जोत के आधार पर जनपद द्वारा निर्धारित फसल उत्पादन के मानक (स्केल आफ फाइनेंस) धनराशि के आधार पर बोई जाने वाली फसलों के अनुसार किसान केडिट कार्ड की सीमा निर्धारित की जाती है। वर्ष में खरीफ एवम् रबी में सुविधा देय है। एक वर्ष के अन्दर प्राप्त ऋण का भुगतान करने पर ब्याज दर में 3 प्रतिशत की छूट का भी प्राविधान है। इसी प्रकार किसान भाइयों के लिए जनपद में औद्यानिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एकीकृत बागवानी विकास मिशन एवं मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना (मनरेगा से वित्त पोषित) कियान्वित है, जिसके अन्तर्गत 208.00 हे0 क्षेत्रफल में आम, अमरूद, केला, पपीता, नींबू प्रजाति के पौधो का रोपण 743 कृषकों के प्रक्षेत्र पर कराया गया तथा रुपये 53.06 लाख अनुदान की धनराशि लाभार्थियों के खातें में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित करायी गयी। मसाला की खेती को जनपद में बढ़ावा देने हेतु 263.35 हे0 क्षेत्रफल में हल्दी, लहसुन, प्याज एवं धनिया की खेती 2726 कृषकों के यहाॅ करायी गयी तथा रोपण सामग्री के रूप में लाभार्थियों को उपलब्ध कराया गया। पुष्प की खेती के अन्तर्गत 42.35 हे0 क्षेत्रफल में गेंदा एवं गुलाब पुष्प की खेती 247 कृषकों के यहाँ करायी गयी तथा रुपये 6.58 लाख अनुदान की धनराशि लाभार्थियों के खातें में डी०बी0टी० के माध्यम से अन्तरित करायी गयी। मौन पालन के माध्यम से कृषकों के आय में बढ़ोत्तरी के साथ उनके द्वारा उत्पादित फसलों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता की बढ़ोत्तरी हेतु मौन पालन के कार्य को जनपद में प्रोत्साहित किया गया, जिसके अन्तर्गत 990 मौन वंश 57 कृषकों के यहाँ स्थापित कराये गये तथा रुपये 15.84 लाख अनुदान की धनराशि लाभार्थियों के खातें में डी०बी०टी० के माध्यम से अन्तरित
करायी गयी। जल संचयन एवं जल संरक्षण के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तगर्गत 28.30 हे0 क्षेत्रफल में ड्रिप सिंचाई संयत्र एवं 951.40 हे0 क्षेत्रफल में स्प्रिंकलर सिंचाई संयत्र की स्थापना 977 कृषकों के प्रक्षेत्र पर करायी गयी तथा रुपये 185.58 लाख अनुदान की धनराशि लाभार्थियों के खातें में डीoबी0टीo के माध्यम से अन्तरित करायी गयी। औद्यानिक कार्य एव गुणवत्ता सुधार हेतु वर्ष 2020-21 में 1740 कृषकों को गुणवत्तायुक्त फल, शाकभाजी एवं पुष्प की खेती पर आधारित प्रशिक्षण,250 कृषकों को माइकोइरीगेशन पद्धति के माध्यम से जल संचयन एवं संरक्षण की तकनीकी पर आधारित प्रशिक्षण एवं 300 कृषकों को वैज्ञानिक विधि से मौन पालन आधारित प्रशिक्षण दिया गया इस प्रकार जनपद में कुल 2290 कृषकों के कौशल विकास का कार्य भी किया गया। जनपद में 2755.00 हे0 क्षेत्रफल में फल एवं 10178.00 हे0 में शाकभाजी की खेती की जा रही है, जिसके सापेक्ष कमशः 57380.00 मी0टन फल एवं 262464.00 मी0टन शाकभाजी का उत्पादन हो रहा है। जनपद में 5 फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी क्रियाशील है, जिसमे 98 ग्रामों के 3520 कृषक सदस्य है, जिनके द्वारा फल एवं शाकभाजी का उत्पादन किया जा रहा है। जनपद में स्थित जया सीडस फार्मर प्रोडयूसर कम्पनी द्वारा ताजा फल, शाकभाजी के निर्यात का भी लाइसेन्स एपीडा से प्राप्त कर वर्ष 2020-21 से निर्यात प्रारम्भ किया जा रहा है। उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति अधिसूचना द्वारा जनपद वाराणसी को फलों में आम हेतु एवं ताजी
सब्जियों में हरी मिर्च, भिण्डी, लौकी, करैला, हरी मटर, परवल, टमाटर, पत्तेदार सब्जिया इत्यादि के निर्यात हेतु चिन्हित किया गया है।
किसान भाइयों एवं पशुपालकों के लिए पशुपालन विभाग द्वारा जनपद में निराश्रित गोवंश संरक्षण योजना अंतर्गत अब तक ग्रामीण तथा शहरी मिला कर कुल 9442 गौवंश संरक्षित किये गये हैं। जीवामृत आधारित खेती देशी गाय के गोबर एवं मूत्र से जीवामृत बनाकर नीति अयोग द्वारा चयनित सेवापुरी विकास खण्ड में किसानों द्वारा खेती की जा रही है जिससे कृषि लागत कम तथा आय दूगनी करने में सफलता मिल रही है। कृषि विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है तथा किसानों को देशी गाय पालने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अन्तर्गत देशी गायों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गंगा तीरी, साहिवाल तथा गीर नस्ल की उन्नत वीर्य (सीमेन) से देशी नस्ल की गायों में कृत्रिम गर्भाधान का कार्य चल रहा है। सार्टेड सेक्स सीमेन-सार्टेड सेक्स सीमेन से केवल बछिया पैदा करने की तकनीक वाराणसी जनपद में प्रयोग किया गया है इससे केवल बछिया पैदा होंगी।अतिरिक्त चारा विकास योजना अंतर्गत वाराणसी में 400 पशुपालकों का चयन कर निःशुल्क जयज
बीज तथा खाद उपलब्ध कराया गया ताकि पशुओं को पौष्टिक चारा उपलब्ध हो सके, इससे पशुओं में उत्पादकता अधिक होगी तथा बांझपन कम होगा। रूरल बैकयार्ड पोल्ट्री योजनान्तर्गत नीति आयोग विकास खण्ड सेवापुरी में 100 अनुसूचित जाति महिला लाभार्थियों का चयन कर प्रशिक्षण दिया गया है शीघ्र ही 50 चूजें, दाना, दवा आदि का वितरण किया जायेगा, जिससे कुपोषण दूर करने में सहायता
मिलेगी। अतिकुपोषित बच्चों के 25 परिवारों को विभिन्न गौआश्रय स्थलों से दूध देने वाली गायों का वितरण किया गया है, ताकि बच्चों का कुपोषण दूर किया जा सके तथा रुपये 900/-गाय के भरण- पोषण हेतु परिवारों को धन उपलब्ध कराया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत पशुधन प्रक्षेत्र शहंशाहपुर में नगर निगम द्वारा बायोगैस सयंत्र का स्थापना किया जा रहा है, जिसमें पशुधन प्रक्षेत्र, नगर निगम द्वारा संरक्षित निराश्रित गौवंश का गोबर प्रयोग किया जायेगा साथ ही शंहशाहपुर के निकट के गावों के ग्रामीणों द्वारा संरक्षित गौवंश के गोबर को इकट्ठा कर सयंत्र को चलाया जायेगा, जिससे ग्रामीण पशुपालकों के आमदनी में वृद्धि होगी। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से जनपद के लगभग 9740 पशुपालकों को लाभान्वित किया जा रहा है। बैंक द्वारा प्राप्त ऋण से पशुओं के रख-रखाव ठीक से किया जायेगा तथा दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि होगी, इससे किसान की आय में वृद्धि होगी। कृषक भाइयों एवं मत्स्य पालकों के लिए मत्स्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना वर्ष 2020-21 से प्रारम्भ की गयी है। योजनान्तर्गत वर्ष 2020-21 के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तग्गत जनपद से रुपये 479.60 लाख की कार्य योजना स्वीकृति हेतु प्रेषित की गयी है। वर्ष 2021-22 हेतु विभिन्न कार्यक्रमों हेतु आनलाइन आवेदन पत्र विभागीय पोर्टल पर प्राप्त किये जा रहे है। आवेदन करने की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर, 2020 है। इसमें सर्वप्रथम आवेदक को विभागीय पोर्टल http://fymis. upsdc.gov.in पर आनलाइन आवेदन करना होगा। जिसके लिए आवेदन के साथ स्वयं का पासपोर्ट साइज फोटो, आधारकार्ड, बैंक पासबुक, रुपये 100.00 के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र एवं निजी भूमि की खतौनी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। योजनान्तर्गंत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति/जनजाति व महिला लाभार्थियों को परियोजना लागत का 60 प्रतिशत अनुदान डी0वी0टी0 के माध्यम से देय है।परियोजना की शेष धनराशि लाभार्थी को स्वयं वहन करना होगा। व्यक्तिगत लाभार्थी अधिकतम 2.00 हे0 सीमा तक लाभ प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा किसान भाइयों के लिए कृषि विभाग द्वारा अन्य अनेकों कल्याणकारी एवं लाभकारी योजनाएं संचालित हैं। जिसमे ग्राम सभा के तालाबों का पट्टा सम्बन्धित तहसील के माध्यम से कराने में सहयोग। मत्स्य पालकों को सरकारी दर पर मत्स्य बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराना। पट्टे के तालाब/निजी तालाब में प्रथम वर्ष मत्स्य पालन हेतु बैंकों के माध्यम से किसान केडिट कार्ड की सुविधा प्रदान कराना। अब तक 180 आवेदन पत्र बैंकों को प्रेषित कराते हुए 60 के0सी0सी0 जारी कराये गये है। मत्स्य पालकों/मत्स्य विकेता/मत्स्य व्यवसायी तथा मत्स्य गतिविधियों से जुड़े व्यक्तियों का निःशुल्क मछुआ दुर्घटना बीमा में आच्छादन कराया जाता है। इसमें मत्स्य पालक को कोई प्रीमियम देय नही होता है। विभागीय तालाबों का निस्तारण/ठेका 10 वर्षों के लिए ई-टेण्डर/टेण्डर के माध्यम से कराया जाता है। गत वर्ष 2019-20 में कृषि विभाग द्वारा जनपद में नीली कान्ति योजनान्तर्गत कुल 24 लाभार्थियों को तालाब सुधार, तालाब निर्माण, प्रथम वर्ष मत्स्य निवेश, मोटर साइकिल विथ आइस बाक्स से लाभान्वित कराते हुए रू0 28.42 लाख अनुदान उनके खाते में डी0वी0टी0 के माध्यम से भुगतान कराया गया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत कुल 14 लाभार्थियों को तालाब सुधार/प्रथम वर्ष निवेश
एवं फिश सीड रियरिंग यूनिट निर्माण कार्य कराते हुए रू0 23.00 लाख अनुदान उनके खाते में
डी0वी0टी0 करायी गयी। ग्राम रमना में 20 एव सिंहवार में 22 मछुआ आवास निर्माण कराया गया।
इस अवसर पर मंत्री आशुतोष टंडन ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के प्रमाण पत्र हस्तगत किए। जिसे पाकर किसानों के चेहरे खिल उठे। प्रधानमंत्री के उद्बोधन सुनकर किसान के चेहरों पर चमक दिख रही थी और कह रहे थे कि नई कृषि नीति से अब हमें बड़ा फायदा होगा और कानूनी सुरक्षा की ताकत भी मिलेगी।
इस अवसर पर विशाल कृषि मेला व किसान गोष्ठी संपन्न हुई। जिसमें 27 विभागों के स्टालो पर कृषि निवेश का प्रदर्शन एवं नई कृषि तकनीकी की जानकारी दी गई। मंत्री आशुतोष टंडन ने किसान मेला में लगे स्टालों का भ्रमण कर निरीक्षण किया और उनसे कार्यों के बारे में पूछताछ की।
इस अवसर पर विधायक सुनील नारायण सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सहित भारी संख्या में महिला व पुरुष कृषक बंधु उपस्थित थे।