स्वर्गलोक से उतरकर काशी के गंगा घाट पर देवताओं ने मनायी दीवाली

*यह नजारा अद्भुत, अविस्मरणीय एवं अकल्पनीय रहा*

*काशी के गंगा घाटो पर विगत लगभग 105 वर्षो से मनाया जा रहा देव दिवाली इस बार ना भूतो ना भविष्यति की भांति खास रहा*

*मानों काशी में पूरी आकाश गंगा ही उतर आयी हों*

*आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को 130 करोड़ देशवासियों के सहयोग व ताकत से पूरा करूंगा- प्रधानमंत्री*

*हमारे देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां हमारी विरासत हैं-नरेंद्र मोदी*

*काशी के लोग देव स्वरूप हैं, काशी के नर-नारी देवी व शिव के रूप हैं-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी*

*भारत हर क्षेत्रों में सशक्त हो रहा है, भारत आज सबका जवाब दे रहा है और मुंहतोड़ जवाब दे रहा है-पीएम*

*किसानों को बिचौलियों व उनका शोषण वालों से मुक्ति व निजात मिल रही है-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी*

*कोरोना काल में काशीवासियों से दूर नहीं रहा, रोजाना हाल लेता रहा-मोदी*

*प्रधानमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन के पश्चात कॉरिडोर निर्माण कार्य के प्रगति की स्थलीय निरीक्षण किया*

*मुख्यमंत्री ने कहा कि 1913 में मां अन्नपूर्णा की एक मूर्ति चोरी हुई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से काशी की मां अन्नपूर्णा फिर से काशी वासियों को मिलने वाली है-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ*

*देश की 135 करोड़ की आबादी ही प्रधानमंत्री का परिवार है-योगी आदित्यनाथ*

पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी। शिव की जटा पर विराजमान चंद्र देव की भांति विश्व की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक राजधानी काशी के 84 श्रृंखलाबद्ध अर्धचंद्राकार उत्तरवाहिनी गंगा घाटों पर सोमवार को प्रबोधिनी एकादशी के पावन पर्व पर स्वर्ग लोक से उतरकर देवताओं ने दीपावली मनायी। जिसके साक्षी बने स्वयं प्रधानमंत्री एवं काशी के सांसद नरेंद्र मोदी सहित असंख्य लोग। देव दीपावली के पावन अवसर पर राजघाट पर प्रधानमंत्री एवं नरेंद्र मोदी ने ज्यो ही पहला दीप जलाया, वैसे ही काशी के आदिकेशव से अस्सी तक सभी घाट क्षण भर में ही असंख्य दीयों की रोशनी से जगमगा उठे। यह नजारा अद्भुत, अविस्मरणीय एवं अकल्पनीय रहा। वास्तव में काशी के गंगा घाटो पर विगत लगभग 105 वर्षो से मनाया जा रहा देव दिवाली इस बार ना भूतो ना भविष्यति की भांति खास रहा। पूरा देव दीपावली ग्रैंड शो के रूप में परिणित रहा। मानों काशी में पूरी आकाश गंगा ही उतर आयी हों।
देव दीपावली पर्व पर राजघाट पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान घाटों पर उमड़ी जन सैलाब को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली की शुभकामना के साथ ही गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व की बधाई दी। हर-हर महादेव के उद्घोष से काशी के प्रति अपनी भावना प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने कहा कि कोरोना काल ने बहुत कुछ भले ही बदल दिया हो, लेकिन काशी की शक्ति, उसकी ऊर्जा एवं भक्ति कोई नहीं बदल सकता। काशी जीवन्त हैं। काशी की गलियां ऊर्जावान है। यही काशी अविनाशी है। उन्होंने कहा कि 100 साल पहले जो मूर्ति माता अन्नपूर्णा की चोरी गई, वह वापस आ रही है। हमारे देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां हमारी विरासत हैं। उन्होंने कहा कि इतना प्रयास यदि पहले नहीं किया गया। ऐसी तमाम मूर्तियां हमारी विरासत हैं और विरासत का मतलब है देश की धरोहर। उन्होंने घाटों पर दीपको से किए गए सजावट का जिक्र करते हुए कहा कि काशी की विरासत अब लौट रही है, तो लगता है मां अन्नपूर्णा की वापसी से काशी सज कर स्वागत के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्तिक पूर्णिमा की निकले चांद की ओर इशारा करते हुए कहां की काशी में मनाई जा रही देव दीपावली का यह चांद साक्षी बन रहा है। देव दीपावली के महात्म की चर्चा करते हुए शास्त्रों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहां की काशी के लोग देव स्वरूप हैं। काशी के नर-नारी देवी व शिव के रूप हैं। उन्होंने कहा कि भारत हर क्षेत्रों में सशक्त हो रहा है। भारत आज सबका जवाब दे रहा है और मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। किसानों को बिचौलियों व उनका शोषण वालों से मुक्ति व निजात मिल रही है। रेहड़ी-पटरी वालों को भी बैंक सहायता दे रहा है। देश लोकल के लिए वोकल भी हो रहा है। इस दौरान उन्होंने जनसैलाब से वोकल फार लोकल का उद्घोष भी कराया। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि लोकल फॉर वोकल जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है, तो विरोध शांत हो जाता है। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण कार्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि काशी में जब सुधार शुरू हुआ, तो कुछ लोगों ने जोरदार विरोध किया। किंतु काशी के लोगों ने उनको जवाब दिया। काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण के माध्यम से बाबा विश्वनाथ का मां गंगा से संबंध पुनर्स्थापित हो रहा है।उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि नेक नियत से जब अच्छे कार्य किए जाते हैं तो विरोध के बावजूद उसकी सिद्धि होती है। काशी व अयोध्या धार्मिकता के साथ पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ रहा है और नई ऊंचाइयां तय कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देते हुए कहा कि देश की आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को 130 करोड़ देशवासियों के सहयोग व ताकत से पूरा करूंगा।
काशीवासियों से अपनी भावुक व भावनात्मक संबंधों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहां की कोरोना काल में भी हम आपसे दूर नहीं रहे। रोजाना कोरोना के संबंध में किए जा रहे कार्यों और लोगों को उपलब्ध कराए जा रहे सुविधाओं की जानकारियां लेता रहा। कोरोना का काल में बाहर से आए हुए लोगों को बढ़-चढ़कर सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशीवासियों के इस सेवाभाव एवं समर्पण के लिए हाथ जोड़कर नमन किया। गरीब से गरीब लोगों की चिंता करने पर उन्होंने काशी वासियों को आश्वस्त किया कि आप लोगों की सेवा में कोई कमी नहीं रहने दूंगा। उन्होंने कहा कि कोरोना को परास्त करके देश विकास की पथ पर चल पड़ा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरी काशी के भावनात्मक लगांव के लिये प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहां की 135 करोड़ लोगों को कोरोना से बचाने के बाद काशी में आगमन प्रधानमंत्री का हुआ है। उन्होंने कहा कि एक भारत- श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को 2014 में प्रधानमंत्री ने संकल्पना के रूप में लिया था, जो वर्तमान में परिणित हो रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जोर देते हुए कहा कि 500 वर्षों की ऐसी समस्या अन्यों के लिए जटिल एवं कठिन थी, वे चाहते ही नहीं थे समस्या का समाधान हो। लेकिन अयोध्या में मंदिर निर्माण शुरू कराकर काशी आगमन पर उन्होंने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने काशी की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखते हुए इसे वैश्विक मंच पर स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1913 में मां अन्नपूर्णा की एक मूर्ति चोरी हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से काशी की मां अन्नपूर्णा फिर से काशी वासियों को मिलने वाली है। इलाहाबाद प्रयागराज पर कुंभ में 200 देशों के राजदूतों को आमंत्रित कर दुनिया के वैश्विक मंच पर कुंभ को स्थापित किया गया। देश की 135 करोड़ की आबादी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवार है। वे देश की गौरव के लिए समर्पित हैं। मां गंगा की निर्मलता एवं अविरलता 6 वर्षों में बना है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से काशी विश्वनाथ व मां गंगा को जोड़ने का कार्य कॉरिडोर के निर्माण के माध्यम से हजारों साल बाद हो रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राधामोहन, उत्तर प्रदेश के मंत्री आशुतोष टंडन, मंत्री नीलकंठ तिवारी, मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन पूजन करने के पश्चात कॉरीडोर निर्माण कार्य के प्रगति का स्थलीय निरीक्षण किया तथा मौके पर मौजूद अधिकारियों से की विस्तार से जानकारी ली।
बताते चले कि धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी काशी के ऐतिहासिक घाटों पर माँ गंगा की धारा के समान्तर ही प्रवाहमान होती है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवतागण दिवाली मनाते हैं व इसी दिन देवताओं का काशी में प्रवेश हुआ था। मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि भगवान शंकर ने खुद देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दिवाली मनाई थी, इसीलिए देव दीपावली का धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ जाता है।

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