पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

महिला पीठासीन अधिकारियों के न्यायालय में कोविड मानकों का उल्लंघन
वाराणसी । दीवानी न्यायालय परिसर में दीवानी क्षेत्राधिकार की महिला पीठासीन अधिकारियों के न्यायालय में 164 सीआरपीसी के बयान हेतु आने वाले पुलिसकर्मियों, पीड़ितों तथा उनके परिजनों द्वारा कोरोना संक्रमण के संबंध में कोई दिशानिर्देश न होने तथा कोई सावधानी न बरतने के कारण संक्रमण फैलाने का खतरा बढ़ गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता शिव प्रकाश सिंह ने इस आशय का शिकायत जिला जज से किया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लेते हुए जिला जज ने तत्काल संबंधित न्यायालय के अधिकारियों से संपर्क कर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा तय किए गए मापदंडों का पालन करने का निर्देश दिया है अधिवक्ता शिव प्रकाश सिंह ने शिकायत किया था कि दीवानी मुकदमों के विचारण हेतु अधिकृत महिला पीठासीन अधिकारियों को भी पीड़ितों की धारा 164 सी.आर.पी.सी. के बयान हेतु अधिकृत कर दिए जाने के कारण संबंधित दीवानी न्यायालय कक्ष के सामने अक्सर पुलिसकर्मियों तथा उनके परिजनों की भीड़ अनावश्यक रूप से लंबे समय तक लगी रहती है तथा यह पुलिसकर्मी तथा उनके साथ के लोग न तो मास्क लगाए रहते हैं और न कोरोना संबंधित दिए गए माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं श्रीमान जी के दिए गए किसी भी दिशानिर्देश का पालन करते हैं जनपद के कई थाने कोरोना संक्रमण की दृष्टि में अत्यधिक संवेदनशील हैं तथा पीड़िताएं भी न जाने कहां से किन किन परिस्थितियों से होकर न्यायालय कक्ष में आती हैं तथा उनका कोरोना टेस्ट भी नहीं कराया जाता और बिना किसी सावधानी व सुरक्षा के लोग बेरोक टोक न्यायालय परिसर तथा न्यायालय कक्ष में आते जाते हैं तथा कई घंटे तक न्यायालय कक्ष में उपस्थित रहते हैं इसके अतिरिक्त पीड़िता महिला न्यायिक अधिकारियों के समक्ष बयान दर्ज कराते समय धारा की गंभीरता के अनुसार 20 मिनट से लेकर 1 घंटे तक उपस्थित रहती हैं ऐसी परिस्थितियों में पूरी तरह संक्रमण का खतरा बना रहता है पुनः उन्ही न्यायिक अधिकारियों के यहां अधिवक्ता भी बहस हेतु उपस्थित होते हैं विशेष कर पैरंट कोर्टों में वादो की सुनवाई के लिए काफी समय तक उपस्थित रहना पड़ता है जिससे पूरी तरह से अनियंत्रित संक्रमण के प्रसारित होने का खतरा बना रहता है।
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