पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
कोरोना टेस्ट का करें क्या? जाने वाराणसी के जाने माने डॉक्टर एस के पाठक से खास जानकारी।
RT-PCR, Rapid Antigen Test, Antibody test
1. RT – PCR यह एक आणविक(molecular) टेस्ट है। इसमें कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड (RNA)आर एन ए के एक खास, आद्वितीय, एवं विशिष्ट क्रम की पहचान, उसकी चाभी की तरह, टेस्ट क्रम से मैच करके की जाती है। अगर मैच हो गया तो 100 नवीन कोरोना पॉजिटिव ही है।
इसके लिए RNA की लाखों कॉपी संवर्धित करके बनानी पङती है। पहले से ही ज्यादा वायरस हैं तो कम कॉपी CT value, और पहले से ही कम हैं तो ज्यादा कॉपी CT value.
लेकिन, अनुपयुक्त -समय, सैंपल प्रक्रिया एवं टेस्ट प्रक्रिया इत्यादि- के कारण 30% पॉजिटिव केस को भी यह टेस्ट, निगेटिव रिपोर्ट करेगा, जोकि सर्वविदित और सर्वमान्य है।
2. RAT,एंटीजन टेस्ट – यह कोरोना वायरस की सतह पर एक खास, आद्वितीय प्रोटीन को पहचान लेता है। अगर पॉजिटिव है, तो लगभग 100% पॉजिटिव है । पर यह लगभग 50% असली पॉजिटिव केस को भी, गलत निगेटिव बतायेगा। निगेटिव वालों को RT-PCR अवश्य कराना चाहिए।
3. एंटीबॉडी टेस्ट- कोरोना के एंटीजन के खिलाफ शरीर धीरे धीरे एंटीबॉडी बनाने लगता है। सात दिन में लगभग 30% मरीजों मे, 14 दिन में लगभग 50-80% में और 30 दिन में लगभग100% मरीजों में एंटीबॉडी मिलने लगते हैं- तबतक रोग ठीक हो चला होता है, और मरीज से रोग फैलता नहीं। इसका उपयोग यह जानने में करते हैं कि, किसी इलाके या समाज में कितने लोगों को कोरोना हुआ था।
करें क्या?
1. लक्षण आने के तीन दिन पहले से ही मरीज वायरस फैलाने लगता है, और ठीक होने के 10 दिन बाद तक फैलाता रहता है।
2. सम्पर्क या बीमारी का शक होने पर ही, अपने आप को आइसोलेट ,अलग थलग कर लें।
3. संपर्क के 7 दिन बाद, या कोई भी लक्षण होने पर तुरंत ( अविलंब), टेस्ट करायें। पॉजिटिव आने पर, होम आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती और इलाज। निगेटिव आने पर, अहतियात एवं होम आइसोलेशन ;7 दिन तक लक्षण न आने पर निगेटिव माने। निगेटिव आने पर,लेकिन लक्षण होने पर – इलाज, आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती हों , पुनः टेस्ट करायें।
4. पहले पॉजिटिव फिर निगेटिव, पहले निगेटिव फिर पॉजिटिव, कहीं निगेटिव कहीं पॉजिटिव, आने पर लङें नहीं, ना ही उत्तेजित हों । किसी डाॅक्टर के संपर्क में रहें, समझें,और सलाह मानें।
– डॉक्टर एस.के पाठक