संघ प्रचारक के स्मृति में सुरभि शोध संस्थान तपोवन ने सुकृत मे चलाया जन जागरूकता अभियान

सुरभि शोध संस्थान का सेवा कार्य क्षेत्र में है बड़ा नाम – अजीत महापात्र

सोनभद्र सदैव स्वर्ण मोती जैसा कार्यकर्ता देता रहा है- रमेश मिश्रा

सोनभद्र।संघ प्रचारक ओम प्रकाश चौबे के स्मृति में उनके जन्म तिथि पर कोविड-19 को लेकर सुरभि शोध संस्थान तपोवन ने सुकृत मे चलाया जन जागरूकता अभियान।

सुकृत क्षेत्र के आदिवासी, बनवासी जनजातीय समाज के लोगों को विश्व में चल रही वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर सुरभि शोध संस्थान, तपोवन के द्वारा एक जन जागरूकता अभियान चलाया गया जिसकी शुरुआत कोल बस्ती में स्थित खाने आजमपुर उच्चतर माध्यमिक स्कूल से की गई इस अवसर पर यहां के जनजातीय समाज के गरीब असहाय ,मजदूर, विकलांग ,विधवा महिलाओं को कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मास्क व साबुन तथा उनके पहनने हेतु साड़ी के साथ-साथ वे समृद्ध हो इसके लिए आम ,अमरूद ,सहजन, आंवला, नींबू के कुल 10-10 वृक्ष दिए गए।
इसके साथ साथ सुकृत के ही निवासी एक लंबे समय तक बलिया ,जौनपुर में जिला प्रचारक की जिम्मेदारी निभा चुके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक ओम प्रकाश जी जिनकी निर्मम हत्या 27 जनवरी 1991 में आसाम में उग्रवादियों के द्वारा कर दी गई थी की स्मृति में पौधारोपण कार्यक्रम भी संपन्न हुआ।

उक्त अवसर पर माननीय ओम प्रकाश जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय अधिकारी अजीत महापात्रा जी ने कहा कि उनका जीवन देश और समाज के लिए था। जिस माँ की कोख से ओमप्रकाश जी जैसा बालक जन्म लेता है वो माँ और वह परिवार धन्य हो जाता है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्पष्ट चर्चा की है कि जो भगवान में लीन होते हैं या परोपकार के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं उनका जीवन धन्य है।

उक्त अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक नितिन भारत ने कहा कि। अपनी सुदीर्घ यात्रा में संघ ने आदर्श, अनुशासन, सामाजिक एवं व्यक्ति निर्माण के कार्य में नित नये प्रतिमान स्थापित किए हैं। अपनी इस यात्रा में संघ कहीं ठहरा नहीं। निरंतर गतिमान रहा। समय के साथ कदमताल करता रहा। दशों दिशाओं में फैलकर संघ ने समाज जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। जबकि उसके आगे-पीछे प्रारंभ हुए अनेक अच्छे संगठन काल-कवलित हो गए। उनके उद्देश्य भी श्रेष्ठ थे। संघ अपने कर्मपथ पर अडिग़ रहा, उसका प्रमुख कारण रहा है कि ओम प्रकाश जी जैसे प्रचारक हमारे पास रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष श्रीमान रमेश मिश्रा ने कहा कि मेरा सोनभद्र सदैव सोने जैसे कार्यकर्ताओं को देने में अग्रणी रहा है जो स्वर्ण मोती मां भारती के चरणो में अपना सर्वस्व समर्पित कर देने में विश्वास रखते रहे।
सुरभि शोध संस्थान के अध्यक्ष सूर्यकांत जालान जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सदैव विपरीत परिस्थितियों में भी राष्ट्र के लिए जिए मरे के नीति के तहत कार्य करता रहा है यह मेरा सौभाग्य है कि ओम प्रकाश जी के जन्मतिथि पर इस प्रकार के आयोजन करने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ है और हम यह निर्णय लेते हैं कि ओम प्रकाश जी के जन्म तिथि और शहीद दिवस पर इस प्रकार के कार्यक्रम सदैव करते रहेंगे।
ओमप्रकाश जी के हत्या पश्चात तुरंत आसाम के कोकराझार जिले मे प्रचारक गये शील भूषण शर्मा जी ने बताया कि ओ ईतने सरल स्वभाव के थे कि जब मैं वहां प्रचारक पहुंचा तो वहां के कार्यकर्ताओं ने मुझे अपने गोदी में लेकर के घंटों रोया और किसी ने मुझे शशिभूषण नहीं कहा बल्कि ओम प्रकाश जी का छोटा भाई ही करते रहे आज उनके बलिदान का ही परिणाम है कि आज शाम में इतना बड़ा कार्यक्रम करने में हम सदैव सफल होते रहते हैं।

सुरभि शोध संस्थान के हरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा की मैं पहली बार ऐसा महसूस कर रहा हूं कि लोगों ने जिंदा रहने के लिए अपनी ख्वाहिशों को छोड़ा है और वजूद बचाने के लिए कोशिशें भी जारी रखी हैं। चारों तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा है। ऐसा लग रहा है कि जिंदगी रुक सी गयी है और देश स्थिर पड़ा हुआ है। जीवन फंस गया है। जहां लोगों का रेला और अनंत गाडिय़ों की कतारें दिखती थी वहां अब खामोशी और सन्नाटा पसरा हुआ है। इक्का-दुक्का लोग कहीं दिख भी जाते हैं तो वे भी मजबूरियों के कारण जद्दोजहद में फंसे हैं। सरकार व्यवस्था चुस्त होते हुए भी लाचार सी दिख रही है। कुछ बाशिंदे अपनी नादानी और बेवकुफी का प्रमाण देते जा रहे हैं। वे समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं कि स्थिति विकट है। अनवरत पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ रही है। जीवन खतरे में है। एक अनजान सा डर सब में है। किसी अनहोनी के गम से सभी भयभीत हैं। परन्तु ना समझ और नादान लोग सिस्टम के सामने प्रश्न और लाइलाज बनते जा रहे हैं। कहते हैं कि अकाल अगर अनाज का हो तो व्यक्ति मर जाता है परन्तु ज्ञान और संस्कारों का अकाल हो तो देश मर जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहां कि जनसंख्या के सामने व्यवस्था कमतर पड़ती है। ऐसा तो होना ही था, क्योंकि यहां की आबादी और इसकी संरचना जो ऐसी है। बहरहाल, यहां हर नागरिक अपनी जिम्मेदारियों से विमुख है और अधिकारों की आकांक्षा बड़ा रखना है। इसी को ध्यान में रखते हुए सुरभि शोध संस्थान में जन जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। कार्यक्रम का सफल संचालन सेवा समर्पण जिला कार्यसमिति सदस्य आलोक चतुर्वेदी ने किया तथा इस अवसर पर सदर विधायक भूपेश चौबे ,भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष अजीत चौबे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला शारीरिक प्रमुख पंकज पांडे, जिला कार्यवाह नंदलाल, महेश ,जिला पंचायत सदस्य राजकुमार यादव, उमाशंकर जायसवाल के साथ-साथ ओम प्रकाश जी के परिवार के अरुण जी संतोष जी तमाम गणमान्य लोग उपस्थित।

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