स्वतंत्रता सेनानी के सपनों का भारत बनाने हेतु समाज को आगे आना होगा -अशोक विश्वकर्माकैमूर । बिहार लोहार महासभा के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश और बिहार सीमा के चांद प्रखंड में राजा बाजार सुकालू चौक पर स्थित विश्वकर्मा समाज के गौरव एवं स्वाभिमान व संघर्ष के प्रतीक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय राम रूप मिस्त्री उर्फ सुकालू लोहार की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर विश्वकर्मा समाज ने आज उनकी 114 वीं जयंती मनाई । इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने बताया की चांद प्रखंड स्थित सिहोरिया गांव के एक साधारण गरीब परिवार में स्वर्गीय श्री हरपाल शर्मा के यहां 26 जून 1904 को जन्म लेकर असाधारण प्रतिभा के धनी देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत सुकालू लोहार 24 वर्ष की अवस्था में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ छापामार युद्ध में भाग लिया तथा अनेकों बार जेल गए और बर्बर यातना सहते हुए कठोर कारावास की सजा भुगतते हुए देश के लिए प्राणोंत्सर्ग कर दिया। उन्होंने कहा स्वतंत्रता सेनानियों के सर्वस्व समर्पण एवंं संघर्ष तथा बलिदान से देश को आजादी मिली उन्होंने जिस समतामूलक, भेदभाव मुक्त, न्याय का प्रतिमान स्थापित करने वाला समृद्ध आजाद भारत का सपना देखा था वह आज भी अधूरा हैे उनके सपनों को पूरा करने के लिए समाज के युवाओं को आगे आना होगा। यही उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। संगोष्ठी में अन्य पदाधिकारी तथा वक्ताओं ने उनके संघर्ष समर्पण की चर्चा करते हुए राजनैतिक भागीदारी तथा सामाजिक एकजुटता पर विशेष बल दिया। संगोष्ठी की अध्यक्षता सुकालू लोहार के जेष्ठ पुत्र लल्लन शर्मा ने तथा संचालन रामराज शर्मा ने किया। विचार व्यक्त करने वाले लोगों में प्रमुख रूप से श्री शिवकुमार शर्मा श्रीकांत विश्वकर्मा नंदलाल विश्वकर्मा धर्मेंद्र शर्मा मोहन शर्मा धर्म देव शर्मा राम आशीष शर्मा नगीना शर्मा सुनील शर्मा राम प्रवेश वर्मा सीताराम शर्मा राकेश शर्मा प्रेम शंकर शर्मा सुरेंद्र शर्मा आदि लोग थे।