टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु नियंत्रण कक्ष तथा गठित टीमों द्वारा टिड्डी दलों के प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में आक्रमण एवं उनकी गतिविधियों का नियमित पर्यवेक्षण कर आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश प्रेषित करें
जिला मुख्यालयों पर नोडल अधिकारी, टाॅस्क फोर्स एवं
नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश
लखनऊ।उत्तर प्रदेश में राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं पंजाब/हरियाणा केे कुछ क्षेत्रों में टिड्डी (स्वबनेजद्ध दल के प्रकोप की आशंका को देखते हुए उनके नियंत्रण हेतु किये जा रहे उपायों की समीक्षा प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्यप्रताप शाही द्वारा विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में की गयी।
श्री शाही ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश स्तर पर टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु नियंत्रण कक्ष तथा गठित टीमों द्वारा जो टिड्डी दलों के प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में आक्रमण एवं उनकी गतिविधियों का नियमित पर्यवेक्षण एवं तद्नुसार सम्बन्धित जिलों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश प्रेषित करता रहे। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों पर इस हेतु नोडल अधिकारी, टाॅस्क फोर्स एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश के क्रम में जनपदों में भी गठन की कार्यवाही की गई है। टिड्डी दल के प्रकोप सेे बचाव तथा सावधानियों से सम्बन्धित विस्तृत जानकारी विषयक एक फोल्डर तैयार कर प्रदेश के सभी जनपदों के विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है तथा इसे किसानों एवं जन सामान्य को भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों सहित समस्त क्षेत्रीय कार्मिकों तथा सोशल मीडिया के माध्यम से त्वरित ढंग से कृषकों तक पहुॅचाने हेतु सम्बन्धित जनपदों को निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि टिड्डियों के आक्रमण की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर ढोल, नगाडों, टीन के डिब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचाने की एडवाइजरी जारी की गयी है। उन्होंने अधिकारियों को ट्रैक्टर माउन्टेड स्पे्रयर्स, पावर स्पे्रयर्स, नगर निगम/नगर निकाय के छिड़काव यंत्रों, अग्निशमन विभाग की गाड़ियों से संस्तुत कृषि रक्षा रसायनों मैलाथियान 96 प्रतिशत ई0सी0, क्लोरपायरीफास 50 प्रतिशत ई0सी0, क्लोरपायरीफास 20 प्रतिशत ई0सी0, लैम्बडासाईहैलोथ्रिन 5 प्रतिशत ई0सी0 तथा फिप्रोनिल 5 प्रतिशत एस0सी0 की रात्रि से सुबह सूर्योदय तक गहन छिड़काव की संस्तुति के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये, ताकि टिड्डी दल को उनके प्रवास के ठिकानों पर ही नियन्त्रित/समाप्त किया जा सके।
कृषि मंत्री ने जनपदीय अधिकारियों को लोकस्ट वार्निंग आर्गनाइजेशन की तकनीकी टीम व क्षेत्रीय निवासियों/कृषकों से निरन्तर समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिये। कृषि विश्वविद्यालयों एवं केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्रों लखनऊ, गोरखपुर एवं आगरा का भी सहयोग लेने के भी निर्देश दिये। प्रदेश स्तर एवं जनपदों द्वारा किसानों एवं जन सामान्य को टिड्डी दलों के संचलन के सम्बन्ध में प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से नियमित रूप से जानकारी देेने के लिए प्रतिदिन कृषि निदेशालय द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जागरूक करते रहें। उन्होंने टिड्डी दल प्रायः दिन डूबने के समय किसी न किसी पेड़, पौधों पर दिन निकलने तक आश्रय लेती है। सघन सर्वेक्षण द्वारा आश्रय चिन्हित करने के निर्देश दिये।
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में टिड्डी दलों के संचलन पर लगातार निगरानी बनाये रखी जाय। विभागीय कर्मचारी/अधिकारी जन सामान्य से निरन्तर क्षेत्र में सम्पर्क करते हुए टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए सम्बन्धित संस्थाओं के साथ समन्वय कर प्रभावी कार्यवाही करें। प्रदेश में बीज, उर्वरकों तथा पेस्टीसाइड्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिष्चित करायी जाय तथा उनकी गुणवत्ता के नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाय। जिससे किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई में कोई कठिनाई न हो। उन्होने प्रमुख सचिव (कृषि) को निर्देशित किया कि बाॅदा जिलें में बवेरू स्थित कृषक सहकारी समिति पर दलहन क्रय हेतु केन्द्र खुलवाया जाय। किसानों को समय से सोलर पम्प उपलब्ध कराने हेतु कार्ययोजना के अनुसार कार्यवाही की जाय। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में होने वाली मण्डलीय खरीफ बैठकों के आयोजन को भारत सरकार/राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेसिंग अपनाते हुए आवष्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। इसके लिए स्थानों के निर्धारण के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव (कृषि), कृषि निदेशक से विचार-विमर्श कर आवश्यक कार्यवाही करें।
कृषि मंत्री ने बताया कि दौसा, राजस्थान के पास वाला टिड्डी दल एक बड़े और कई छोटे-छोटे दलों में विभाजित हो गया, इसमें से बड़ा वाला दल अलवर, राजस्थान के भारगढ़ के पास देखा गया है। जो कि आगरा से 200 किमी0 की दूरी पर है। अधिकांश छोटे दलों को टिड्डी नियंत्रण दल ने दौसा के पास नियंत्रित कर लिया गया है। सिर्फ एक बहुत छोटा सा दल दौसा से 10 किमी0 दूर अलूदा के पास देखा गया है। इन दलों से आगरा जनपद को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि पारीछा बाॅध, झाॅसी के पास सुबह टिड्डियों का एक दल देखा गया जो वहाॅ से झाॅसी के बंगरा ब्लाक के सकरार होते हुए मध्य प्रदेश के निवाड़ी की तरफ निकल गया। पुनः उसी दल के वापस बरुआ सागर, झाॅसी के पास आनेे की सूचना प्राप्त हुई है। कृषि रक्षा अधिकारी, सोनभद्र के अनुसार विकासखण्ड-घोरावल के कर्मा में कल देखा गया टिड्डी दल मिर्जापुर के अहरौरा जंगल की तरफ जाता हुआ देखा गया। मिर्जापुर जनपद के हलिया विकासखण्ड के कुसियरा गाॅव में पहॅुचे टिड्डी दल को गाॅव वालों ने शोर मचाकर भगा दिया, जो कि मध्य प्रदेश की तरफ जाता हुआ देखा गया।
प्रमुख सचिव (कृषि) डा0 देवेश चतुर्वेदी के बताया कि अब तक इस क्रम में कृषि विभाग द्वारा टिड्डी दल के आक्रमण से बचाव हेतु प्रभावी कार्यवाही की व्यवस्था के लिए 28 मई, 2020 को समस्त जिलाधिकारियों को टिड्डी दल से बचाव एवं रोकथाम के लिए निर्देश दिये गये है, जिसमें आपदा प्रबन्धन अधिनियम की व्यवस्था केे अनुसार कोषागार नियम-27 के अन्तर्गत संसाधनों की व्यवस्था हेतु धनराशि व्यय करने के निर्देश है।
संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) ने अवगत कराया कि प्रदेश में 8.06 लाख मै0टन यूरिया, 5.44लाख मी0टन डी0ए0पी0, 1.61 लाख मी0टन एन0पी0के0 तथा 27000 मी0टन म्यूरेट आफ पोटाश उपलब्ध है। खरीफ के लिए जून एवं जुलाई में भी लक्ष्य के अनुसार उर्वरकों की उपलब्धता प्रदेश में हो जायेगी।
बैठक में श्री सोराज सिंह, कृषि निदेशक, तथा डा0 बी0पी0 सिंह, निदेशक, राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमानखेड़ा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।