वीडियों कान्फ्रेसिंग बैठक में अनेकों संगठनों के नेता एकमत
लखनऊ ।प्रदेश के बड़े कर्मचारी संगठनों ने मिलकर सरकार के खिलाफ आन्दोलन की योजना बनानी शुरू कर दी है। मंहगाई भत्ता सहित अन्य लगभग 15 भत्तों पर सरकार द्वारा कैची चलाए जाने से प्रदेश के कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारी नाराज ही नही बल्कि अब आन्दोलन के मूड में है। इसके लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी के समन्वय में आयोजित वीडियों कांन्फ्रेसिंग का संचालन महामंत्री महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने किया। इस वीडियों कांफ्रेसिंग के जरिये भत्तों के कटौती और सरकार तथा नौकरशाहों की भूमिका पर विचार रखते हुए सभी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों ने प्रदेशव्यापी आन्दोलन पर जोर दिया।
इस वीडियों कान्फ्रेसिंग की जानकारी देते हुए परिषद के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस वीडियो कान्फेसिग में रेलवे के राष्ट्रीय नेता कामरेड प. शिवगोपाल मिश्र, अधिकारी महापरिषद के संरक्षक बाबा हरदेव आदि ने अपने विचार रखते हुए इन भत्तों की कटौती के लिए चंद नौकरशाहों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। कान्फेसिंग बैठक में सभी वरिष्ठ नेताओं ने अपने अपने संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए सरकार के खिलाफ होने वाले आन्दोलन में अपने समर्थन का आश्वासन दिया। इस baithak mein आन्दोलन की रूपरेखा बनाने एवं निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार रहने का आहवान किया। बैठक में कर्मचारी नेताओं ने द्वारा कहा गया कि सरकार के चंद अधिकारियों ने प्रदश्ेा के बड़े कर्मचारी संगठनों की चिन्ता अब और बढ़ा दी है। दरअसल में प्रदेश सरकार कर्मचारियों की किसी भी मांग पर न ाते ध्यान दे रही है और नही कर्मचारी संगठनो को विश्वास में लेेकर निर्णय कर रही है। यही चिन्ता का कारण अब सरकार और कर्मचारियों के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न कर रहा है। कोविड 19 महामारी फैलने के पूर्व में परिवार कल्याण प्रोत्साहन भत्ते सहित छह भत्तों पर रोक कर सरकार पहले ही कर्मचारियों के प्रति अपनी मंशा प्रर्दशित कर चुकी है। अब महामारी की आड में अन्य 6 भत्तों को पहले स्थगित करने के उपरान्त एक सप्ताह के भीतर समाप्ति का निर्णय लिया गया है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वित्त विभाग के कुछ अधिकारी सरकार से कर्मचारियों के विरूद्व ऐसे निर्णय करा रहे है जिससे हर सम्भव स्तर पर कर्मचारी सरकार से नाराज होकर आन्दोलन को बाध्य हो जाए। इसी कारण से उक्त अधिकारियों ने सुनियोजित तरीके से पहले भत्ते स्थगित कराने के बाद उन्हे समाप्त कराने का निर्णय कराया है। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा भविष्य निधि की ब्याज दर में कटौती, नई पेंशन स्कीम में सरकार के अंशदान को 14 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत कर देना, सचिवालय विशेष भत्ता समाप्त करना, रिसर्च भत्ता आदि को पूरी तरह खत्म करना उन्हें आन्दोलन के लिए उकसाने के लिए काफी है। आज की वीडियों कान्फेसिंग के माध्यम से समन्वय वार्ता, चर्चा में बड़े कर्मचारी नेताओं का आक्रोष इस बाॅत संकेत है कि लाॅक डाउन खुलने के बाद कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारियों के आन्दोलन की रूपरेखा सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने को तैयार है।
इन बड़े संगठनों की भागीदारी
आज हुई वीडियों कांन्फेसिंग में डा. एस.के.सिंह, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के डा. दिनेशचन्द्र शर्मा, विकास प्राधिकरण कर्मचारी संघ के अवधेश कुमार सिंह, कलेक्ट्रेट मिनि.संघ के सुशील त्रिपाठी, अरविन्द्र वर्मा, अजीत उपाध्याय, उ.प्र. मेडिकल हेल्थ मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ के प्रेम कुमार सिंह सेंगर, विश्व विद्यालय महाविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन के वीरेन्द्र सिंह चैहान, विशिष्ट बीटीसी के सन्तोष तिवारी, संयुक्त पेंशनर्स एसोसिएशन के एन.पी. त्रिपाठी, शिवशंकर दुबे, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के इं.राकेश त्यागी, इं.जी.एन. सिंह, आईसीडीएस सुपरवाइजर्स की रेनु शुक्ला,शशि कान्ता, मातृ शिशु कल्याण महला कर्म.संघ की किरन दुबे, आरटीओ के लवकुमार सिंह, कोषागार के अखिलेश अग्निहोत्री, सिंचाई के अवधेश सिंह, आईटीआई के राजनीश अरोरा, स्टेनोंग्राफार्स महासंघ के नरेन्द्र सिंह नेगी, वन विभाग कर्मचारी संघ के शैलेन्द्र प्रताप सिंह, उद्यान से अविनाश श्रीवास्तव, सुभाष चन्द्र तिवारी, सचिवालय संघ के यादवेन्द्र मिश्र, उच्च न्यायालय कर्मचारी अधिकारी संघ से बृजेश शुक्ला ओंकार तिवारी, लेखा एवं लेखा परीक्षक के योगेश मिश्रा, कृषि अधीनस्थ सेवा के राधारमन मिश्रा, ग्राम्य विकास अधिकारी संघ के गंगेश शुक्ला, ग्राम पंचायत संघ के रजनीकांत त्रिवेदी निबंधन के एस.बी. सिंह, तहसीलदार संघ के निखिल शुक्ला, श्रम विभाग के डीएस दीक्षित, सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के अवधेश मिश्रा, ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के नरेन्द्रपाल सिंह के अलावा केन्द्रीय कर्मचारी संगठनों में रेलवे से आर.के. पाण्डेय,इनकम टैक्स के जे.पी. सिंह चित्रसेन सिंह शामिल रहे।