योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को लगा झटका ,आश्वासन के बाद भी नही हुआ ये काम

शिफ्ट हो रहे मुख्यालयों को लेकर नाराज है कर्मचारी

प्रयागराज। बड़े सरकारी दफ्तर होने के चलते बाबुओंं का शहर कहा जाने वाला प्रयागराज अब अपनी यह पहचान खो रहा है। प्रदेश सरकार के कई प्रमुख सरकारी विभागों के मुख्यालय प्रयागराज में हैं। जिन्हें अब राजधानी लखनऊ में शिफ्ट किया जा रहा है। पहले पुलिस मुख्यालय को राजधानी लखनऊ में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद और इसके वित्त नियंत्रक कार्यालय के साथ ही बेसिक शिक्षा निदेशालय को भी लखनऊ ले जाने की तैयारी हो रही है। इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है।

सरकार के इस फैसले से नाराज निदेशालय के कर्मचारियों ने अपना विरोध तेज कर दिया है। बुधवार को तीसरे दिन निदेशालय के कर्मचारियों ने परिसर में जुलूस निकालकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। शिक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ ने बेसिक शिक्षा निदेशालय और बेसिक शिक्षा परिषद को लखनऊ स्थानांतरित किए जाने के फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। कर्मचारियों ने इसके लिए सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर अपनी आपत्ति जताई थी। जिस पर मौर्य ने भरोसा दिलाया था कि प्रयागराज से कोई भी सरकारी मुख्यालय लखनऊ स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। उसके बावजूद भीतरखाने तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि उप मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अधिकारी स्थानांतरण के काम में लगे हैं। जानकारों की माने तो कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों का दबाव जहां मौर्या पर है तो वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से स्थानांतरण को रोकने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।कर्मचारियों का कहना है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या बात उन्हीं की सरकार में नहीं सुनी जा रही है।

बता दें कि बीते दिनों केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी बात हो गई है और प्रयागराज से कोई कार्यालय लखनऊ स्थानांतरित नहीं किया जा रहा। उसके बावजूद स्थानांतरण का काम चल रहा है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि आजादी के पहले से ये दफ्तर प्रयागराज में चल रहे हैं, लेकिन शासन में बैठे अधिकारियों को प्रयागराज न आना पड़े इसके लिए अधिकारी सरकार को गुमराह कर ऐसे आदेश जारी करा रहे हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि लखनऊ में पहले ही शिविर कार्यालय मौजूद हैं। ऐसे में इन कार्यालयों को लखनऊ शिफ्ट करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता है। शिक्षा निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कपिल देव मिश्र का कहना है कि सरकार को फैसला तत्काल वापस ले लेना चाहिए।उन्होंने कहा है कि शासन में बैठे उच्च अधिकरियों से वार्ता भी हुई है। अगले दो दिनों में अगर बेसिक शिक्षा परिषद और निदेशालय लखनऊ शिफ्ट किए जाने का फैसला सरकार वापस नहीं ले लेती है तो कर्मचारी कार्यालयों तालाबंदी करने को बाध्य होंगे। वहीं कार्यालयों को प्रयागराज से शिफ्ट किए जाने को लेकर विपक्ष को भी बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया है।

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