–सीतापुर जेल में ही रहना होगा आजम को पत्नी व बेटे समेत
-कोर्ट ने आजम के वकीलों की अपील कर दी खारिज
-विधायक पत्नी को लेकर स्थानीय प्रशासन पर छोड़ा फैसला
-अब सात मार्च को फिर से कोर्ट में हाजिर होंगे आजम खां
रामपुर: मुश्किलें लगातार सपा सांसद आजम खां पीछे पड़ीं हैं। जिसमें आज फिर उन्हें अदालत से झटका लगा है। रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्टिंग पर कोर्ट ने आजम के खिलाफ फैसला दिया है। जिसमें आजम के वकीलों की दलील पर कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी। हां इतना जरुर कहा है कि उनकी पत्नी तंजीन जहां के स्वास्थ्य को देखते हुए स्थानीय जेल प्रशासन फैसला ले सकता है।
सरकारी वकील दलविंदर सिंह ने बताया कि अभी थोड़ी देर पहले एडीजे 6 की अदालत से आदेश हुआ कि फ़िलहाल तीनों को सीतापुर की जिला जेल में ही रहना होगा। जो प्रार्थना पत्र जेल शिफ्टिंग को लेकर दूसरे पक्ष के वकील ने दिया था उसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। तंजीन फातमा की बीमारी को लेकर आदेश में लिखा है कि स्थानीय प्रशासन चाहे तो उन्हें उनके इलाज के लिए चाहे तो वही रख सकता है और चाहे तो वह किसी और जेल में रखकर उनका इलाज कराया जा सकता है। यह उनके विवेक पर निर्भर करता है।
*कोर्ट ने नहीं मानी आजम की अपील*
यहां बता दें कि आजम खां, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने 26 फरवरी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। जिसके बाद उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रामपुर जेल से सीतापुर जेल भेज दिया गया। जिसके खिलाफ खुद आजम ने ऐतराज जताया था, लेकिन कोर्ट में पेश की गयी दलील काम नहीं आई। कोर्ट ने अब तीनों को सात मार्च को पेश करने के आदेश दिए हैं। जेल की अपील पर आज बुधवार को फैसला दिया है।
*इन्होने की थी शिकायत*
आजम के खिलाफ भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके अलावा भी उन पर करीब 87 मामले दर्ज थे, जिसमें पत्नी और विधायक बेटा भी शामिल था। कोर्ट में लगातार हाजिर न होने पर उनके खिलाफ कुर्की नोटिस जारी हो गया था। जिसके बाद 26 फरवरी को कोर्ट में सरेंडर होने के बाद वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, यही नहीं तीन मार्च को कोर्ट में पेश होने पर रामपुर पुलिस ने रिमांड की अर्जी भी दाखिल की थी।