भाजपाइयों ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि मनाया

सोनभद्र।भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेंद्र प्रसाद जी की पुण्यतिथि भारतीय जनता पार्टी सोनभद्र के कार्यकर्ताओं द्वारा रावर्टसगंज नगर के नई बस्ती मैं कायस्थ महासभा के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव के आवास पर मनाई गई।इस अवसर पर डॉक्टर साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा गोष्ठी का आयोजन किया गया
गोष्ठी को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाअध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा डॉ राजेंद्र प्रसाद जी सादा जीवन उच्च विचार की अवधारणा को सार्थक करने वाले मनीषी थे।डॉ राजेंद्र प्रसाद जी का जन्म 3 दिसंबर 1884 को पटना के जीरादेई में हुआ थाडॉ राजेंद्र प्रसाद जी के पिता महादेव सहाय संस्कृत एवं फारसी के विद्वान थे एवं उनकी माता कमलेश्वरी देवी एक धर्म परायण महिला थी डॉक्टर साहब बचपन से ही अत्यंत प्रतिभाशाली एवं कुशाग्र बुद्धि के थे डॉक्टर साहब की प्राथमिक शिक्षा छपरा के जिला स्कूल से हुई तत्कालीन समय की परिपाटी के अनुसार डॉक्टर साहब का विवाह बाल्यकाल में ही लगभग 13 वर्ष की उम्र में राजवंशी देवी से हो गया। विवाह के बाद भी उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी और 18 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रवेश परीक्षा दी उस प्रवेश परीक्षा में उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।उनकी प्रतिभा से गोपाल कृष्ण गोखले तथा बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिन्हा जैसे विद्वानों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया 1915 में उन्होंने स्वर्ण पद के साथ विधि परास्नातक की परीक्षा पास की और बाद में वह वेला के क्षेत्र में भी उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की राजेंद्र बाबू कानून की अपनी पढ़ाई का अभ्यास भागलपुर बिहार में किया करते थेभारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनका पदार्पण वकील के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करते ही हो गया चंपारण में गांधी जी के एक तथ्य अन्वेषण समूह भेजे जाते समय उनसे अपने स्वयंसेवकों के साथ आने का अनुरोध किया राजेंद्र बाबू महात्मा गांधी की निष्ठा समर्पण एवं साहस से बहुत प्रभावित हुए और 1921 में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय के सीनेटर का पद त्याग कर दिया1934 में वेब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में अध्यक्ष चुने गए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने पर कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार उन्होंने एक बार पुणे 1939 में संभाला थाभारत के स्वतंत्र होने के बाद संविधान लागू होने पर उन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति का पदभार संभाला अवकाश प्राप्त करने पर राष्ट्र ने उन्हें भारत रत्न की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित कियाडॉक्टर साहब का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादाई व अनुकरणीय है।भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी डॉ राजेंद्र प्रसाद जी का जीवन सादगी एवं राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण था आज के इस अवसर पर हम सभी उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करते हैं भारत के प्रथम राष्ट्रपति होने के बावजूद देश में 70 वर्षों तक कांग्रेसका शासन रहा किंतु आज तक डॉक्टर साहब की समाधि स्थल का निर्माण भी कांग्रेसी सरकार द्वारा नहीं किया गया जो कि अत्यंत निराशाजनक है हम सभी आज इस अवसर पर मांग करते हैं कि डॉक्टर साहब तक की समाधि स्थल तत्काल निर्मित की जाए जिस से आने वाली पीढ़ियां भी उनके जीवन का अनुकरण कर सके
कार्यक्रम में कमलेश चौबे प्रकाश श्रीवास्तव मनीष अग्रहरी अनुपम त्रिपाठी धीरेन्द्र पांडे शुशील श्रीवास्तव अजय कुमार श्रीवास्तव मनीष वर्मा दीपू चौरसिया सर्वेश श्रीवास्तव रितेश श्रीवास्तव रिसभ श्रीवास्तव दीपू केशरी आदि मौजूद रहे।

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