– यूपी विधानसभा उपचुनाव में तीन सीटें रिक्त
– रिक्त सीटों पर जल्द होंगे उपचुनाव
लखनऊ।रामपुर के सांसद आजम खां (Azam Khan) के बेटे व स्वार सीट से समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां (Abdullah Azam Khan) की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने पर विधायक बने अबदु्ल्ला की विधायकी रद्द होने के बाद विधानसभा में अब कुल तीन सीटें रिक्त हो गई हैं। इनमें आजम के बेटे अबदुल्ला की सीट रामपुर के स्वार के आलावा दुष्कर्म के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Senger) की उन्नाव की बांगरमऊ सीट और भाजपा सांसद डॉ. एसपी सिंह बघेल (SP Baghel) की फिरोजाबाद की टूंडला सीट शामिल है। इन सभी सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने हैं।
*अलग-अलग आपाराधिक मामलों में सदस्यता रद्द*
अलग-अलग आपराधिक मामलों में सजा पाने पर मौजूदा विधानसभा की तीन सदस्यों की सदस्यता अब रद्द हो चुकी है। इनमें फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर विधायक बने आजम खां के बेटे अबदुल्ला की सदस्यता रद्द होने पर स्वार सीट खाली हो चुकी है। इससे पहले दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा काटने वाले कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता रद्द भाजपा सरकार ने रद्द कर दी। उनकी सदस्यता समाप्त होने पर उन्नाव की बांगरमऊ सीट खाली हो चुकी है। सेंगर की सदस्यता 20 दिसंबर, 2019 से खत्म की गई है। ऐसे में नियमानुसार सीटें रिक्त होने के छह माह में भारत निर्वाचन आयोग अपचुनाव करवाएगा। इसके अलावा एक सीट फिरोजाबाद की टूंडला रिक्त है। टूंडला का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस सीट से 2017 में भाजपा के डॉ. एसपी सिंह बघेल विधायक चुने गए थे। बघेल के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ न्यायलय में मामला दायर किया गया था, जो विचाराधीन है।
अबदुल्ला आजम खां परिवार समेत सीतापुर जेल में बंद हैं। इससे पहले अदालत ने बेटे के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में आजम खां के खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया था। बुधवार को आजम खां, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अबदुल्ला ने कोर्ट में समर्पण कर दिया था जिसके बाद अदालत ने तीनों को रामपुर जिला जेल भेज दिया था। इसके बाद गुरुवार को तीनों को सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया।
*कोर्ट से नहीं मिली थी राहत*
अब्दुल्ला आजम खान ने विधायकी रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसने पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 17, जनवरी, 2020 को सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने उन्हें राहत नहीं दी थी। शीर्ष अदालत ने निर्वाचन रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। अदालत ने फिलहाल हाईकोर्ट के याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है।