सपा सरकार में आयोग की भर्तियों में हुई धांधली में थी अहम भूमिका
प्रयागराज | उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस सहित अन्य भर्तियों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच में सीबीआई जुटी है। सीबीआई ने आयोग से रिटायर्ड हो चुके एक पूर्व सचिव पर शिकंजा कस दिया है। सीबीआई ने आयोग में हुए खेल से पर्दा उठाने के लिए रिटायर्ड सचिव का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी की है।
सूबे में सपा सरकार के दौरान पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में नियमों की अनदेखी कर सचिव बनाए गए इस अफसर पर शुरू से ही सीबीआई की नजर रही। जांच की शुरुवात में प्रतियोगी छात्रों ने सीबीआई के अधिकारीयों को इस अधिकारी का लेखा जोखा दिया था। वही सपा सरकार परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों के खिलाफ आंदोलन में भी यह अधिकारी खूब चर्चित हुए थे । पूर्व सचिव की गिनती लोक सेवा आयोग पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव की बेहद करीबियों में की जाती थी।
लोक सेवा आयोग के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे प्रतियोगी छात्र मोर्चा के लोगों ने यह भी बताया है कि इस चर्चित पूर्व सचिव की पीसीएस 2015 सहित कई अन्य भर्तियों में संदिग्ध भूमिका रही है। खासतौर से एक पूर्व परीक्षा नियंत्रक ने सीबीआई की पूछताछ के दौरान बार-बार इनका नाम लेते हुए भर्तियों में हुई तमाम गड़बड़ियों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है ।इसलिए सीबीआई पूर्व सचिव का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में है। सीबीआई सहित लाखों प्रतियोगी छात्रों को आयोग में हुए खेल से पर्दा उठने की उम्मीद है।
लोक सेवा आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने पूर्व सचिव से पहले भी पूछताछ की थी। तब जांच सीबीआई के एसपी राजीव रंजन कर रहे थे ।इस पूछताछ के बाद पूर्व सचिव विदेश चले गए थे ।सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में जांच कर रहे अफसरों को भी पूर्व सचिव पर शक हुआ तो दबाव बनाकर पूछताछ के लिए विदेश से बुलवाया गया है। वर्तमान में वह सीबीआई की निगरानी में है।