आजमगढ़। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने मंगलवार को बीजेपी के साथ ही सपा पर भी जमकर हमला वोला और अखिलेश यादव को कम दिमाग वाला नेता बताते हुए कहा कि आज लोग पोस्टर लगा रहे हैं कल पुतला भी फूंकेगे। वहीं पुलिस पर गुंडे जैसे बर्ताव का आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी का निजाम पूरी तरह फेल है। पुलिस गुडों (दंगाई) जैसा बर्ताव कर रही है और पुलिस मित्र के नाम पर आरएसएस व बजरंगदल के गुंडों को संरक्षण दिया जा रहा है जो खुलेआम मुसलमानों का शोषण कर रहे है।
कांग्रेस जिला कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों के उत्पीड़न में सरकार खुद शामिल है इसलिए वह कोई कार्रवाई कर नहीं सकती। ऐसे में जो संवैधानिक संस्थाएं है चाहे वह हाईकोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट उनकी भूमिका बढ़ जाती है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में हो रहे उत्पीड़न के संबंध में 27 जनवरी को मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी। इसके बाद आजमगढ़ के बिलरियागंज कांड के बाद 12 फरवरी को खुद यहां प्रियंका गांधी आयी और लोगों से बातचीत के बाद साक्ष्य एकत्र कर आयोग को सौंपा है। इसमें एक पेन ड्राइब में दरोगा के उत्पीड़न की वीडिया, घायल सरवरी बानो का मेडिकल आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि यूपी में पूरा निजाम फेल हो गया है। पुलिस दंगाई जैसा बर्ताव कर रही है। पुलिस मित्र के नाम पर आरएसएस व बजरंगदल के गुंडों को संरक्षण दिया जा रहा है, जो मुसलमानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा कांग्रेस पर राजनीति के आरोप के जवाब में कहा कि राजनीतिक दल राजनीति नहीं करेंगे तो और क्या करेंगे। अखिलेश का यह बयान यह बताता है कि मेच्योर नहीं हैं। सपा महाराष्ट्र प्रांत के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी का बयान कि कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं है, वह चुनाव नहीं लड़ पाती सिर्फ पोस्टर लगाती है पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि अबू आसिम सहित जो लोग ऐसी राय रखते हैं वे राजनीति का मतलब नहीं जानते। राजनीति का मतलब है कि जनता के दुख दर्द में शामिल होना। किसके पास जनाधार है और किसके पास नहीं यह जनता चुनाव में खुद बता देगी। यह सपा के लोगों का दिमागी लेबल दर्शाता है कि हर चीज को चुनाव से जोड़कर देखते हैं। अखिलेश यादव पार्टी मुखिया के तौर पर यहां नहीं आते कारण कि उनपर आरएसएस व बीजेपी का दबाव है लेकन सांसद के तौर पर उन्हें यहां आकर जनता का दुख दर्द बांटना चाहिए था। यूपी में लंबे समय से ऐसे कम अक्ल के लोग काबिज रहे हैं जो जनता को हाड़ मांस का इन्सान न समझ सिर्फ वोट बैंक समझते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को पोस्टर लगवाना होता तो लखनऊ और कानपुर में भी लगवाती लेकिन यहां अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने पोस्टर के जरिये जनता की भावनाओं को व्यक्त किया है वे यहां के जनप्रतिनिधि है और इतनी बड़ी घटना के बाद उन्हें यहां आना चाहिए था। लोग अभी पोस्टर लगा रहे है कल पुतला भी फूंकेंगे। कारण कि सपा के पास कोई वैचारिक आधार नहीं है और ना ही जनाधार है। बल्कि जातिगत आधार पर इनकी राजनीति है। पिता ने बना बनाया दे दिया है उसे संभालना है। अखिलेश यादव को कांग्रेस से सवाल पूछने के बजाय मुलायम सिंह से पूछना चाहिए जिन्होंने सदन में कहा था कि वे मोदी को दोबारा पीएम बनते देखना चाहते हैं।