नकल माफियाओं ने बोर्ड परीक्षा की शुचिता को ढाई से तीन हजार रुपये में बेच दी
आजमगढ़।यूपी की योगी सरकार लाख दावे करे लेकिन अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में वह माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परिक्षा में पूरी तरह फेल हो गयी है। शिक्षा माफिया सरकार पर पूरी तरह हाबी हैं। नकल माफियाओं ने बोर्ड परीक्षा की शुचिता को ढाई से तीन हजार रुपये में बेच दी।
इसकी कलई उस समय खुल गयी जब श्री वैष्णो हरिहरदास इंटर कालेज शेरपुर कुटी जहानागंज में हाईस्कूल अंग्रेजी विषय की परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर शामिल हुए सात लोग पकड़े गए। सातों ने जब पुलिस की पूछताछ में सच बयां किया तो लोगों के होश उड़ गए। कारण कि उन्होंने दावा किया कि प्रबंधक एवं प्राचार्य ने दूसरे छात्रों की जगह परीक्षा देने के लिए उन्हें रूपये का लालच दिया था। पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। गिरफ्तार सभी परीक्षार्थी आईटीआई के छात्र हैं।
जहानागंज ब्लाक के शेरपुर कुटी स्थित श्री वैष्णो हरिहरदास इंटर कालेज में शनिवार को सुबह की पाली में हाईस्कूल अंग्रेजी की परीक्षा चल रही थी। सात परीक्षार्थी संदिग्ध दिखे तो कक्ष निरीक्षक ने केंद्र व्यवस्थापक हरिनाथ सिंह को सूचना दी। केंद्र व्यवस्थापक ने परीक्षार्थियों के प्रवेशपत्र की जांच की तो उन्हें भी संदेह हुआ।
जांच में पता चला कि परीक्षार्थी दीप सिंह की जगह पल्हना गांव निवासी राहुल यादव, दीपक गुज्जर की जगह नरायनपुर के नीतिश यादव, कृष्णवीर की जगह जियापुर थाना तरवां के पंकज यादव, लव चैधरी की जगह येमावंशी थाना भुड़कुडा जनपद गाजीपुर के कमलेश पाल, मोनू चैधरी के स्थान पर टंडवा, थाना तरवां के बंटी, सोनू गुज्जर की जगह तरवां के गोविद यादव व दिनेश यादव की जगह कंचनपुर थाना तरवां का मनीष चैहान परीक्षा दे रहा था।
इसकी जानकारी होने पर हड़कंप मच गया। पकड़े गए छात्रों के अभिभावकों ने शिवाजी इंटर कालेज प्रजापति कंचनपुर के प्रबंधक रामकृत यादव को पकड़कर थाने में बैठा लिया। बाद में खुलासा हुआ कि रामकृत के पुत्र व स्कूल के प्रधानाचार्य प्रदीप ने ही रूपये का लालच देकर उक्त छात्रों को परीक्षा के लिए तैयार किया था। इस मामले में डीआइओएस डा. वीके शर्मा ने शिवाजी इंटर कालेज प्रजापति कंचनपुर के खिलाफ एफआइआर तथा केंद्र को डिबार करने की संस्तुति की। वहीं पकड़े गए छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
रविवार को पुलिस अधीक्षक ने पकड़े गए छात्रों को मीडिया के सामने पेश किया और बताया कि इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ एक दिन पूर्व ही केस दर्ज कर लिया गया है। जिस विद्यालय का सेंटर गया था वहां के प्रबंधक व प्रधानाचार्य द्वारा ढाई से तीन हजार रुपये में आईटीआई के छात्रों को सेट कर परीक्षा में बैठाया गया था। इस ममाले में केंद्र व्यवस्थापक पर भी उंगली उठ रही है। आखिर आईटीआई छात्रों का फर्जी प्रवेशपत्र व आधार कार्ड बनवाकर कैसे केंद्र में प्रवेश कराया गया। परीक्षा केंद्र में क्या उनकी जांच नहीं हुई। एसपी ने कहा कि इस मामले में अभी और खुलासे हो सकते हैं। विवेचना के बाद सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।