गाजीपुर जेल प्रशासन ने सत्याग्रहियों को किया रिहा, सपा-बसपा कांग्रेस ने किया स्वागत

जेल में पांच रात बिताने के बाद आए बाहर, रिहाई के लिए समर्थन में खूब उठी आवाज, सोमवार को 11 बजे फिर यात्रा पर निकलेंगे सभी

गाजीपुर। चौरी चौरा से पदयात्रा निकाल रहे दस सत्याग्रहियों को प्रशासन ने जिला जेल में बंद कर दिया था। मामले पर काफी विवाद बढ़ जाने के बाद प्रशासन ने रविवार की शाम को सभी को रिहा कर दिया। सभी को 1 लाख के पर्सनल बांड पर रिहाई मिली। इस दौरान जेल के बाहर आते ही सभी ने जमकर नारेबाजी की और खुशी का इजहार किया। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील राम, सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव और बसपा सांसद अफजाल अंसारी के भतीजे मन्नू अंसारी समेत कई दलों के लोगों ने इनका स्वागत किया। ये सभी सोमवार को दिन में 11 बजे फिर से यात्रा की आरंभ करेंगे।

बतादें कि चौरीचौरा गोरखपुर से राजघाट नई दिल्ली के लिए निकली ‘नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा’ लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा करके 11 फरवरी मंगलवार को ग़ाज़ीपुर पहुंची थी। जहां पर पुलिस ने सत्याग्रही पदयात्रियों को शांतिभंग की धाराओं में जेल भेज दिया था। इसे लेकर कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। आरोप लगाया कि ये सब भाजपा सरकार के दबाव में किया जा रहा है। जिसके बाद प्रशासन की किरकिरी होने लगी थी।
*कौन-कौन रहा जेल में*

बंद सत्याग्रहियों में भागलपुर विश्‍व विद्यालय के प्रवक्‍ता रविंद्र कुमार रवि, आगरा की महिला पत्रकार प्रदीपिका सारश्वत, मध्‍यप्रदेश के कार्यकर्ता मनीष शर्मा, इलाहाबाद विश्‍वविदयालय के छात्र शेष नरायन ओझा, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के छात्र नेता अतुल यादव, गाजीपुर बीएचयू के छात्रगण प्रियेश पांडेय कुशीनगर, नीरज राय आजमगढ़, अनन्‍त शुक्‍ला रायबरेली, राज अभिषेक पटना, मुरारी कुमार मुजफ्फरपुर थे जिन्हे रिहा किया गया।

*क्या बोले सत्याग्रही*

सत्याग्रहियों ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि हमने किसी भी धारा का उल्लंघन नहीं किया था। बस हम गांधी के मार्ग पर चल रहे थे जो प्रशासन से देखा नहीं गया। उन्होने माना कि हम 10 लोग थे लेकिन सभी लोग अलग अलग ग्रुप में चल रहे थे और अपना काम कर रहे थे।

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