गर्भपात से बचाव के लिए दम्पतियों को परिवार नियोजन से जोड़ने एवं उचित परामर्श देने की आवश्यकता – डाॅ0 बद्री विशाल
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‘अनचाहे गर्भ से बचाव और उसका प्रबन्धन’’ नामक आशा पुस्तिका का हुआ विमोचन
लखनऊ। प्रदेश के महानिदेशक परिवार कल्याण, डाॅ0 बद्री विशाल ने आज उ0प्र0 वाॅलण्टरी हेल्थ एसोसिएशन, लखनऊ द्वारा गोमती नगर स्थित एक होटल में ‘‘सुरक्षित गर्भपात समापन’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन एवं साझा प्रयास के सहयोग से किया गया है। महानिदेशक परिवार कल्याण ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिर्फ 15-16 प्रतिशत महिलाओं का सुरक्षित गर्भपात हो पाता है। उन्होंने बताया कि सुरक्षित गर्भपात के लिए हमें उन्हें उचित परामर्श देने की आवश्यकता है। गर्भपात से बचाव के लिए हमें दम्पतियों को परिवार नियोजन से जोड़ना चाहिए।
डा0 अल्पना शर्मा, महाप्रबन्धक, परिवार नियोजन (एन.एच.एम.) ने इस विषय पर महिलाओं को जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि असुरक्षित गर्भपात भारत में मातृ मृत्यु का तीसरा बड़ा कारण है। डा0 विरेन्द्र सिंह, संयुक्त निदेशक, परिवार कल्याण ने एम.टी.पी. एक्ट को लेकर अपने विचार व्यक्त किये।
डा0 नदीम अख्तर राज्य कार्यक्रम प्रबन्धक, जपाइगो ने पैनल डिस्कशन में ‘‘उत्तर प्रदेश में सुरक्षित गर्भपात के लिए साझेदारी बढ़ाने’’ के विषय का संचालन किया। पैनल डिस्कशन में सुझाव दिया गया कि सुरक्षित गर्भ समापन के लिये गर्भपात से बचने के उपायों के प्रति जागरूकता आवश्यक है। सुझाव दिया गया कि इस कार्यक्रम की सफलता में मीडिया की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया कि मीडिया के माध्यम से केमिस्ट्स को भी संवेदनशील बनाना होगा कि वे बिना चिकित्सक के परामर्श के गर्भपात से सम्बन्धित कोई भी दवा किसी को भी न बेचें।
उ0प्र0 वाॅलण्टरी हेल्थ एसोसिएशन (यू0पी0वी0एच0ए0) की कार्यक्रम प्रबन्धक सुश्री श्वेता सिंह ने बताया कि आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन के सहयोग से उ0प्र0 वाॅलण्टरी हेल्थ एसोसिएशन द्वारा उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं के एक नेटवर्क ‘‘साझा प्रयास’’ का संचालन किया जा रहा है। इसके माध्यम से विगत् दो वर्षों से महिलाओं के सुरक्षित गर्भ समापन पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समुदाय व सेवा प्रदाताओं में गर्भपात की वैधता के बारे में जानकारी की कमी है। इसके लिये हम सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को जोड़कर अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर सकते हैं।
अर्पण संस्थान के निदेशक डा0 आर0के0 त्रिपाठी द्वारा ‘साझा प्रयास’ नेटवर्क के तहत अपने अनुभव को साझा किया गया। इसके पश्चात् दिल्ली प्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री शैलेन्द्र सिंह ने मीडिया की भूमिका को कार्यशाला में आये लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया। आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन के हरमेन्द्र सिंह द्वारा आशा बुकलेट पर प्रकाश डालते हुए उसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया। इसी के साथ ही आईपास डेवलपमेंट फाउण्डेशन द्वारा सुरक्षित गर्भ समापन पर चलाये गये कार्यक्रम के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर कार्यशाला के मुख्य अतिथि, डाॅ0 बद्री विशाल ने आईपास द्वारा संकलित आशा पुस्तिका ‘‘अनचाहे गर्भ से बचाव और उसका प्रबन्धन’’ का विमोचन किया। इस कार्यशाला में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें 10 जिलों के सी0एम0ओ0, नोडल अधिकारी, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, मीडिया के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।
कार्यशाला के अन्त में यू0पी0वी0एच0ए0 के अधिशासी निदेशक श्री विवेक अवस्थी द्वारा अमूल्य समय व सुझाव देने हेतु कार्यशाला में उपस्थित अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम की समाप्ति की गयी।-