–सीएए, एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में जेल जाने वालों का मामला एनएचआरसी में उठाएंगी
-प्रदर्शऩकारियों की मदद को प्रदेश स्तर पर लीगल सेल गठित होगा
-सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग, कांग्रेस सत्ता में आए तो ऐसे खर्चीले और असंवैधानिक कानून को खत्म करे
– 24 सामाजिक कार्यकर्ताओं और बजरडीहा कांड में मृत बच्चे के छोटे भाई और दादी से मिलीं किया दुलार
-पर्यावरण एक्टिविस्ट एकता शेखर से पूछा चंपक का हाल भी जाना
संजय सिंह की रिपोर्ट

वाराणसी। कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में सीएए और एनआरसी का विरोध करने वालों की हौसलाअफजाई की। कहा इन युवा आंदोलनकारियों पर उन्हें गर्व है। पार्टी उनके साथ है। बनारस में इनके साथ बहुत अन्याय हुआ है। उन्होंने मीडिया से मुखातिब प्रियंका ने साफ कहा कि सरकार संविधान और देश को तोड़ने का काम कर रही है। बनारस के युवा इसके विरुद्ध संघर्ष कर रहे हैं और यह संघर्ष जारी रहेगा। इस बीच प्रियंका ने श्री मठ के स्वामी से मिल कर उनका आशीर्वाद भी किया। प्रसाद भी चखा। वह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भी गईं और बाबा से देश में अमन-चैन की कामना की।
प्रियंका गांधी शुक्रवार को दिन में करीब 11 बजे वाराणसी पहुंची। बाबातपुर स्थित लालबहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से वह सीधे राजघाट के समीप स्थित संत रविदास के मंदिर में गईं, दर्शन-पूजन के बाद वह ऐतिहासक पंचगंगा घाट पहुंचीं जहां श्री मठ में पिछले 19 दिसंबर को बेनियाबाग स्थित लोकबंधु राजनारायण पार्क से सीएए, एनआरसी के विरोध में प्रदर्शऩ करते वक्त गिरफ्तार कर जेल भेज गए सामाजिक कार्यकर्ताओं और बीएचयू के छात्रों से मिलीं। इन सब के साथ एक घंटे से ज्यादा वक्त बिताया। एक-एक सामाजिक कार्यकर्ता और बीएचयू के छात्रों की बातों को गौर सुना। इस दौरान वह 20 दिसंबर को बजरडीहा में हुई घटना में मृत बच्चे की दादी और उसके छोटे भाई से भी मिलीं।
प्रियंका गांधी से मिलने और अपनी बात रखने को सभी छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त उत्साह रहा। प्रियंका पंचगंगा घाट पर दोपहर में पहुंची जबकि उनके चाहने वाले सुबह से ही वहां जुट गए थे। हर कोई अपनी बात रखने को आतुर था। सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे अपनी आपबीती सुनाने के लिए। जैसे ही प्रियंका पंचगंगा घाट पर पहुंची जिंदाबाद और हर-हर महादेव के नारे से उनका स्वागत हुआ।
काला सूट और सफेद शाल ओढ़े प्रियंका मुस्कुराते हुए सबका अभिवादन स्वीकार करते हुए श्री मठ के तीसरे मंजिल पर पहुंचीं जहां सामाजिक कार्यकर्ता और बीएचयू के छात्र उनका इंतजार कर रहे थे। एक घंटे से भी ज्यादा वक्त तक उन्होंने सभी को अपनी बात रखने का मौका दिया। सभी ने शिद्दत से अपनी बात बताई कि किस तरह वो विरोध प्रदर्शऩ करने बेनिया पहुंचे थे, क्यों वही स्थान चुना था, उसके बाद कैसे उन्हें गिरफ्तार किया गया और जेल में पहले तीन दिन, फिर कुछ 15 तो कुछ 18 दिन तक जेल में कैसे रहे। उनके साथा कैसा बर्ताव हुआ। जिला प्रशासन का रुख क्या रहा।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी से मांग भी रखी कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो ऐसे खर्चीले और गैर संवैधानिक कानून को रद्द करेंगी। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस सीएए, एनआरसी को सांप्रदायिक कानून तक करार दिया। कार्यकर्ता इस मुद्दे पर कांग्रेस के स्टैंड के बारे में स्पस्ट जानकारी चाह रहे थे, लेकिन इस मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने सिर्फ इतना ही कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में इसका विरोध हो रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की आपबीती सुनने के बाद उन्होंने आश्वस्त किया कि कांग्रेस प्रदेश स्तर पर लीगल सेल गठित करने जा रही है। इस सेल में ऐसे सभी लोग अपील कर सकेंगे जो शासन-प्रशासन से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। यह सेल ऐसे सभी लोगों को कानूनी मदद दिलाएगी। प्रियंका ने बनारस के सामाजिक कार्यकर्ताओं की पीड़ा पर कहा कि यहां उनके साथ अन्याय हुआ है। वह इस मसले को एनएचआरसी में ले जाएंगी।
इस दौरान वह पर्यावरण एक्टिविस्ट एकता शेखर व रवि शेखर से मिलीं और उनकी 16 माह की बच्ची चंपक का हाल भी जाना। बता दें कि जब एकता और रवि जेल में थे तब भी उन्होंने ट्वीट कर बच्ची के प्रति अपनी सहानुभूति जाहिर की थी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में भी चंपक, एकता का नाम लिया।
इसके अलावा वह 20 दिसंबर की घटना में बजरडीहा में मृत बच्चे की दादी और छोटे भाई से मिलीं। बच्चे को दुलार भी किया और उसकी पढाई की जानकारी भी हासिल की।
पंचगंगा से वह सीधे मोटर बोट से मणिकर्णिका घाट गईं और गलियों से होते श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंच कर दर्शऩ-पूजन किया और उसके बाद बाबतपुर रवाना हो गईं जहां से उन्हें जयपुर जाना था। वाराणसी दौरे के दौरान प्रियंका गांधी के साथ राजीव शुक्ल, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, प्रियंका की यूपी सलाहकार समिति के सदस्य व बनारस के पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्र, पूर्व विधायक अजय राय, जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे मौजूद रहे।
प्रियंका से मिलने वालों में एकता शेखर, रवि शेखर, सानिया अनवर, संजीव सिंह, डॉ अनूप श्रमिक, धनंजय त्रिपाठी, धीरज, जागृति राही, श्वेता राय, विनय शंकर राय मुन्ना, प्रवीण सिंह बबलू आदि प्रमुख थे।
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