बनारस दौरे के दूसरे दिन अमन ने की सर्किट हाउस में भेंट, बताया कैसे करते हैं लोगों की मदद
वाराणसी।लावारिसों व बेसहारा की मदद करने वाले अमन के लिए शनिवार का दिन बेहद खास रहा। अमन ने सर्किट हाउस में जाकर सीएम योगी आदित्यनाथ से भेंट की। बताया कि वह किस तरह से गरीब च लावारिस मरीजों की मदद करते हैं। इतना सुनने के बाद सीएम ने पीठ थपथपायी और पूछा कि क्या मदद चाहिए। इस पर अमन ने कहा कि बस आपका आशीर्वाद की जरूरत है।
सीएम योगी आदित्याथ युवक ने मिलने के बाद काफी खुश हुए और कहा कि इसी तरह नि:स्वार्थ भाव से मानवता की सेवा करते रहिए। सीएम से मिलने के बाद से अमन बेहद खुश है उसने बताया कि सीएम योगी का आशीर्वाद मिल गया है और अब अधिक उत्साह के साथ गरीबों की मदद करुंगा। बताते चले कि अपने नेक काम के चलते अमन यादव उर्फ कबीर शहर की पहचान बन चुका है। सड़क के किनारे पड़े लावारिस मरीज को देखते ही लोग उसकी सूचना अमन को देते हैं इसके अमन अपनी बाइक एम्बुलेंस से वहां पर पहुंचता है और घायल व्यक्ति की मरहम-पट्टी करने के बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराता है और अकेले ही अस्पताल जाकर यह सुनिश्चत करता है कि उसे इलाज मिला कि नहीं। भटके हुए लोगों को उनके परिजनों से मिलने का काम भी अमन की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। अपने खर्चे या फिर चंदा जुटा कर लावारिसों का इलाज कराने से लेकर बिछड़ों को उनके घर तक पहुंचाने का काम अमन ही करता है।
*सीएम से बताया कि वर्ष 2007 कचहरी ब्लास्ट से बदली थी जिंदगी
सीएम योगी ने अमन से पूछा कि कब से लोगों की मदद कर रहे हैं तो उसने बताया कि वर्ष 2007 में कचहरी ब्लास्ट के घायलों को देखा तो उसकी जिंदगी ही बदल गयी। बताते चले कि दारनगर निवासी राजू यादव के पुत्र अमन यादव उर्फ कबीर की कहानी बेहद प्रेरणादायह हैं। वर्ष 2007 में अमन बनारस के अग्रसेन महाजनी में कक्षा सात में पढ़ता था। 23 नवम्बर 2007 को बनारस के कचहरी परिसर में बम ब्लास्ट हो गया था। इसी दिन अमन इंटरवल में ही स्कूल से भाग कर मालवीय मार्केट पर पहुंचा था यही पर एक न्यूज चैनल में अमन को बम विस्फोट होने की जानकारी मिली। इसके बाद वह सीधे शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल पहुंचा था, जहां पर विस्फोट में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए लाया गया था। अमन भी घायलों की मदद करने लगा। पिता ने न्यूज चैनल में अमन को यह सब करते हुए देख लिया। इसके बाद जब वह घर पहुंचा तो पिता ने समझाया कि अभी पढऩे की उम्र है इसलिए पढ़ाई पर ध्यान दे। दूसरे दिन अमन फिर अस्पताल जाकर घायलों का हाल लेने लगा था किसी ने इस बात की शिकायत उसके पिता से कर दी। इसके बाद अमन को घर लेकर पिता पहुंचे और जंजीर से बांध कर पिटाई की। पिता को डर था कि उनका बच्चा गलत संगत में पड़ सकता है। जंजीर से उल्टा लटका कर पिटाई करने के बाद पिता ने शाम को अमन को मलाई खिलाते हुए कहा कि वह पढ़ाई पर ध्यान दे। अमन को दूसरों की मदद करके इतनी खुशी मिल रही थी कि वह सारी जंजीर को तोड़ते हुए समाजसेवा में लग गया। 12 साल तक हजारों गरीब, बेसहारा व लावारिस मरीजों की सेवा करने वाला अमन अब कबीर बन चुका है।