धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से जन्म कुंडली के तृतीय (पराक्रम) भाव मे गुरु का संभावित फल……
(पराक्रम भाव)- इस भाव में गुरु के प्रभाव से जातक को उच्च वाहन प्राप्त होता है। वह अच्छा लेखक व शास्त्रो को जानने वाला व साहित्य प्रेमी होता अपनी समस्त इन्द्रियों को अपने वश में रखने वाला, अधिकतर परदेश में रहने वाला समस्त ऐश्वर्य से युक्त व्यापारी होता है। (मतान्तर से कम धनी होता है)। ऐसा जातक कामी बहुत होता है। स्त्रियां भी उसको मूर्ख बना कर धन वसूलती हैं। वह बहुत ही उच्च स्तर का कजूस होता है । कभी किसी का एहसान नहीं मानता है। ऐसा जातक
बौद्धिक रूप से बहुत सक्षम होता है। उसे मानद उपाधि मिलती है। इस भाव के गुरु.
की मैंने एक विशेषता देखी है कि जातक को सम्मान अथवा यश तथा आर्थिक सृमद्धि में से एक ही मिलती है। धन होगा तो सम्मान नहीं तथा सम्मान होगा तो धन नहीं होगा।
मैंने ऐसे गुरु को उन व्यक्तियों की पत्रिका में अधिक देखा है जो वास्तव में अपने को गुरु मानते हैं। वह शिक्षक होते हैं अथवा शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं। यदि उनका धन व आय का स्वामी अच्छी स्थिति में हो तो वह ट्यूशन आदि से बहुत धन कमाता
हैं परन्तु उन्हें यश नहीं मिलता है अन्यथा अपने शिष्यों को निःशुल्क शिक्षा देकर
सम्मान कमाते हैं।
इस गुरु के प्रभाव से जातक का बौद्धिक स्तर बहुत ऊंचा होता है। प्रत्येक कार्य
में विचार के बाद ही कोई निर्णय लेता है। यदि कोई उन्हें कुछ समझाने का प्रयास
करे और वह सही हो तब भी यह लोग तर्क बहुत करेंगे। उनको यदि समझाया जाये
तो अपना विचार बदल भी देते हैं। इस भाव में गुरु पृथ्वी तत्व (वृषभ, कन्या व मकर
राशि में नीच के अतिरिक्त मकर राशि को छोड़कर हो तो जातक शिक्षा पूर्ण कर लेता
है परन्तु पुरुष तत्व राशि (मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु व कुंभ) में शिक्षा में अवरोध आते हैं। जातक कम पढ़ पाता है। इस योग में व्यक्ति कम ही अध्ययन कर पाता है परन्तु यदि पंचम भाव तथा उसका स्वामी अच्छी स्थिति में हो तो अवश्य जातक उच्च अध्ययन करता है। इस योग में जातक नौकरी ही करता है। इस भाव में गुरु यदि स्त्री राशि (वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर व मीन) में होने से तथा बुध व कर्म स्वामी भी शुभ प्रभाव में होने से व्यक्ति एक अच्छा व्यवसायी बनता है। लेकिन इनके भाइयों से अवरोध आते हैं तथा मनमुटाव भी रहता है। मतान्तर से ऐसा जातक पाप कर्म में लीन, बुरे स्वभाव का तथा कंजूस होता है परन्तु उसका भाई अवश्य किसी उच्च पद पर पहुंचता है।