लखनऊ 15 दिसम्बर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी द्वारा 19 दिसम्बर 2019 को मण्डलस्तर के बजाय अब जनपदस्तर पर नागरिकता संशोधन विधेयक, बेकारी, मंहगाई, महिलाओं पर अत्याचार और किसानों की समस्याओं को लेकर बड़े पैमाने पर धरना दिया जाएगा।
भाजपा सरकार ने नागरिकता बिल लाकर देश और समाज को बांटने की साजिश की है। इस बिल से समाज के बड़े वर्ग में तनाव और आक्रोश व्याप्त हो गया है। यह केन्द्र सरकार की भ्रमित राजनीति का हिस्सा है ताकि जनता का ध्यान मूल मुद्दों और आर्थिक मंदी से भटकाया जा सके।
भाजपा सरकार द्वारा नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के बाद देश में व्यापार धंधा चैपट हो गया है। कई व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हो गए हैं। हजारों नौजवान बेरोजगार हो गए है। केन्द्र सरकार की मेक इन इण्डिया, स्टार्ट अप इण्डिया, मुद्रालोन आदि योजनाओं का कोई लाभ युवा वर्ग को नहीं मिला है। करोड़ों शिक्षित नौजवान रोजी रोटी के अभाव में मारे-मारे घूम रहे हैं।
भाजपा की आर्थिक नीतियों के चलते मंहगाई की मार से जनसामान्य त्रस्त है। खाद्यान्न, ईधन, परिवहन सबके दाम आसमान छू रहे हैं। जनता की आम जिंदगी दूभर हो चली है। महिलाओं-बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही है। प्रदेश में कानून का नहीं वरन् माफियाओं का राज है। छात्रों की बेतहाशा फीस वृद्धि से गरीब व कमजोर शिक्षा से वंचित किए जा रहे हैं। बुनकरों को समाजवादी सरकार में दी गई पावर लूम पर फ्लैट रेट की सुविधा समाप्त कर दी गयी।
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