वाराणसी। अनुच्छेद 370, अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के बाद मोदी सरकार जिस तरह नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आगे बढ़ी है उसने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. विपक्ष के विरोध के बावजूद नागरिकता संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों से पास करा दिया गया है, लेकिन अब ये मामला सर्वोच्च अदालत में पहुंत गया है. कांग्रेस सांसदों ने संसद में भी इस बात का जिक्र किया है कि ये बिल संविधान का उल्लंघन है और अदालत में नहीं टिकेगा।
ऐसे में क्या नागरिकता संशोधन बिल कानूनी मसले में टिक पाएगा? क्या ये संविधान का उल्लंघन करता है? ऐसे ही कई सवालों पर कानूनी एक्सपर्ट्स की क्या राय है, यहां जानें वरिष्ठ समाजसेवी व सिंह मेडिकल के प्रबन्ध/निदेशक डॉ अशोक का इस बिल को लेकर कहना है,कि गृह मंत्री अमित शाह जो भी कर रहें उसमें बुराई नहीं है। अगर किसी को कहीं दिक्कत हुई प्रश्न किया तो उन्होंने बखुबी उसका जवाब दिया है। हर देश के हर नागरिक की आईडेंटिटी हो और हर लोगों को नागरिकता मिले और जो लोग इस देश के हैं उन्हें किसी कारण दूसरे देशों में जाना पड़ा उन्हें सताया गया मारा गया अगर वह फिर अपने वतन आरहे है तो उनकों भी नागरिकता मिले यें बहुत अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि ये जरुर है कि एक वर्ग को कुछ इसके फायदे से वंचित कर दिया गया है तो हमें यें लगता है कि यदि अमित शाह जी ऐसा नहीं करतें तो विपक्षी पार्टीया जो इसका लाभ उठाने की कोशिश कर रहीं थी तो उनकों मौका नहीं मिलता। गृहमंत्री अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कदम देश हित में है।