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लखनऊ। प्रियंका गांधी के द्वारा किए गये हस्तक्षेप और मा0 सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के पश्चात प्रदेश सरकार जागी।
विगत 11 माह में अकेले उन्नाव में 51 बलात्कार के मामले दर्ज हुए।
ठीक इसी तरह से भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने शाहजहांपुर में अपने वरिष्ठ नेता चिन्मयानंद को बचाने के लिए पूर्ण प्रयास किए और मुख्यमंत्री उनको शरण देते रहे। श्रीमी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के आंदोलन की वजह से और अदालत के आदेश के बाद ही सरकार ने कार्यवाही करनी शुरू की। इन दो घटनाओं की वजह से प्रदेश में अपराधियों का हौसला बुलंद हुआ और वह औरतों की अस्मत से खिलवाड़ करने लगे।
वर्ष 2017 के बाद एनसीआरबी का डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया और सरकार उसको दो वर्ष से क्यों छिपाये है? प्रदेश सरकार यदि गंभीर होती तो वर्ष 2018 के आंकड़ों का आंकलन करके अपराधियों से लड़ने के लिए एक ठोस रणनीति बना सकती थी।
यदि सब कुछ सही है तो अपराध के आंकड़ों को सार्वजनिक करने से सरकार क्यों डर रही है। एक दैनिक समाचारपत्र में छपे सर्वे के मुताबिक प्रदेश में महिला एवं किशोरियों के साथ होने वाली 100 एफआईआर प्रतिदिन मात्र यौन उत्पीड़न की है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में देश में बलात्कार के मामलों में चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 95.5 था जो वर्ष 2017 में घटकर 86.4 प्रतिशत रह गया। यदि सरकार द्वारा चार्जशीट समय से दाखिल नहीं होगी तो न्यायालय किस आधार पर अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा और यह एक प्रकार से सरकार द्वारा अपराधियों को सरंक्षण देना है। उत्तर प्रदेश में चार्जशीट दाखिल करने की चींटी जैसी चाल हम सभी को पता है।
मैनपुरी नवोदय विद्यालय की घटना को भी प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेने का कार्य तब किया जब कांग्रेस पार्टी की महासचिव एवं प्रभारी उ0प्र0 प्रियंका गांधी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। उसके बाद ही योगी सरकार कुंभकर्णीं नींद से जागी और आनन-फानन में एसआईटी का गठन किया।
वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में यह वादा किया था कि प्रदेश में महिला सुरक्षा हेतु तीन नई महिला पुलिस बटालियन बनाई जाएगी परन्तु आज तक एक भी नई बटालियन नहीं बनाई गई है। भाजपा नारी सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
अपने घोषणापत्र में भारतीय जनता पार्टी ने महिला उत्पीड़न के मामलों में त्वरित जांच के लिए 1000 महिला अफसरों का विशेष जांच विभाग और 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की बात कही थी परन्तु ढाई साल बीतने के पश्चात अब भारतीय जनता पार्टी फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने की बात कर रही है साथ ही प्रदेश में हर जिले में 3 महिला पुलिस स्टेशन स्थापित करने की बात भी कही गई थी इसके बारे में भी भारतीय जनता पार्टी खामोश है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में तीन लाख 59 हजार 849 मामले महिलाओं के विरूद्ध अपराध के दर्ज हुए। जिनमें से 56 हजार 11 मामले उत्तर प्रदेश से हैं(संलग्नक-2)। उत्तर प्रदेश के कुल मामलों में से 4246 माले बलात्कार के हैं।
दिनांक 19.11.2019 को तारांकित प्रश्न संख्या 39 का उत्तर देते हुए सरकार ने लोकसभा में माना कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में सामूहिक बलात्कार के 676 मामले दर्ज हुए। संलग्न(3) उत्तर प्रदेश सरकार के पास यह सब आंकड़े उपलब्ध थे उसके बाद भी सरकार ने महिलाओं के विरूद्ध अपराध रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस भाजपा से निम्न प्रश्नों का उत्तर चाहती है।
1. योगी सरकार को बताना होगा कि सत्ता में बैठने के पश्चात महिलाओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने कौन-कौन सी कार्य योजनाएं बनाई हैं।
2. भारतीय जनता पार्टी ने बलात्कार का आरोप लगने पर अपने नेताओं को संरक्षण क्यों दिया और त्वरित कार्यवाही करके पीड़िता को न्याय क्यों नहीं दिलाया।
3. भाजपा उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 के अपराध के आंकड़े क्यों नहीं जारी कर रही है जबकि वर्ष 2019 बीतने वाला है।
4. मैनपुरी नवोदय विद्यालय में छात्रा की हत्या में बलात्कार के मामले में एसटीएफ का गठन करने में देरी क्यों की?
5. चुनावी घोषणापत्र में 3 नई महिला पुलिस बटालियन बनाने की बात कही गई थी परन्तु आज तक किसी भी बटालियन का गठन क्यों नहीं किया गया?
6. वर्ष 2017 में सामूहिक बलात्कार के 676 मामले सरकार की जानकारी में थे उसके बाद भी सरकार ने बलात्कार एवं सामूहिक बलात्कार रोकने के लिए कोई कार्ययोजना क्यों तैयार नहीं की व त्वरित न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट क्यांे नहीं बनाए गए।
भारतीय सनातन परंपरा में कहा गया है
‘‘योअ्कमां द्वषयेत्कन्यां स सधोवंधम् अर्हति’’
जो व्यक्ति कन्या को दूषित करें उसको मृत्यु दंड देना उचित है।
महिलाओं की सुरक्षा-
ऽ तीन नई महिला बटालियनों की स्थापना की जाएगी- अवंती बाई बटालियन, झलकारी बाई बटालियन और ऊदा देवी बटालियन
ऽ महिला उत्पीड़न के मामलों के लिए 1000 महिला अफसरों का विशेष जांच विभाग और 100 फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाएंगे
ऽ मा0 सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित तीन तलाक केस में मुस्लिम महिलाओं की राय के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार मा0 सर्वोच्च न्यायालय में उनका पक्ष रखेगी।
ऽ प्रत्येक पुलिस थाने में पर्याप्त महिला पुलिसकर्मियेां की संख्या सुनिश्चित की जाएगी।
ऽ बीजेपी मेनीफेस्टो 2017, उ0प्र0 संलग्नक-एक
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा‘मोना’ ने बताया कि महिलाओं के प्रति हो रहे उत्पीड़न के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस द्वारा आगामी 13 दिसम्बर 2019 को ‘‘मैं साहस हूँ’’ मार्च का आयोजन दिल्ली में मण्डी हाउस से जन्तर-मन्तर तक किया जा रहा है जिसका नेतृत्व अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी करेगी।
उन्होने बताया कि यह कार्यक्रम देश के सभी प्रदेशों में भी आगामी दिनों में आयेाजित किये जायेंगे।
राजधानी लखनऊ में भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।