सोनभद्र। सावित्री देवी अध्यक्ष महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की ग्रामीण क्षेत्र की विकास की पड़ताल में मिली जानकारी की सोनभद्र मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विकास खण्ड चोपन के घोरिया ग्राम पंचायत में करोड़ों की लागत से बन रहा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घोरिया अद्धनिर्मित अस्पताल भवन निर्माण कार्यदायी संस्था व विभाग की लापरवाही तथा प्रशासकीय उदासीनता के कारण विगत पांच वर्षो से अधूरा पड़ा हुआ है। उक्त अस्पताल का कार्य पूर्व सपा के सरकार में शुरू किया गया था लेकिन आज तक अस्पताल संचालित न हो सका।
यह अस्पताल समय के अंदर काम करने लगता तो आस-पास के ग्रामीणों किसानों गरीबों के लिए वरदान साबित हो सकता था। बड़े भूखंड पर जब इस अस्पताल का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था तो क्षेत्रीय आम जनता में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीद जगी थी।इस अस्पताल में कभी प्लास्टर तो कभी खिड़की, टाइल्स, कभी बिजली वायरिंग कर कार्य बंद कर दिया जाता है। इतना ही नहीं आधा चाहरदिवारी बना है जिसके कारण पूरा अस्पताल परिसर चारागाह बना हुआ है साथ ही कुछ अराजकता फैलाने वाले लोगों के लिये पार्टी व नशे का अड्डा बना हुवा है।साथ ही आपको बताते चले की काफी घटिया कार्य होने की वजह से काफी चीजे तो पूर्ण होने से पूर्व ध्वस्त हो चुकी है। हुये बीते पांच वर्षो में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घोरिया अधूरे कार्य की वजह से शुरू न हो सका जिसका खामियाजा तो जनता भोग रही है तथा सरकार को कोस रही है।इस मामले को लेकर स्थानीय वर्तमान सांसद,विधायक ने कभी भी अपना मुंह नहीं खोला जबकि मामला यह जन सरोकार से जुड़ा हुआ है। इससे किसी की जिंदगी बच सकती है। गंभीर और समान्य रूप से बीमार लोगों को इलाज के लिए दूसरे शहर में जाना नहीं पड़ता। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ईलाज का बोझ नहीं पड़ता।वही स्थानीय ग्रामीण लोग कह रहे है कि दूसरे की जिंदगी से क्या मतलब नेता या अधिकारीयों को तो अपना या परिवार का इलाज यहां के अस्पताल में कराना नहीं है। ओहदे के लोग बड़े बड़े शहरों के अस्पताल में इलाज कराने जाते हैं।लेकिन यहां के उन गरीबों के लिए यही बड़ा शहर दिखाई देता है जहां सहजता के साथ इलाज आसानी हो पाता।इस पूरे मामले की जानकारी सावित्री देवी अध्यक्ष महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट द्वारा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन, मंडलायुक्त मिर्जापुर, जिलाधिकारी सोनभद्र,मुख्य चिकित्साधिकारी सोनभद्र को मेल व पत्र के माध्यम से अवगत कराया
गया। साथ ही जिलाधिकारी सोनभद्र को ज्ञापन सौपा व मांग किया की इस अधूरे पड़े अस्पताल का तत्काल मौकेपर जा कर स्वयं निरीक्षण किया जाये। साथ ही बन रहे अस्पताल के कार्य से जुड़े सभी अभिलेखों की जाँच किया जाये व अभी तक लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ तत्काल नियमानुसार कार्यवाही किया जाये। स्थानिय ग्रामीण लोगों ने शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अस्पताल भवन को पूर्ण कराकर जल्द संचालित करने की कर रहे हैं।