लखनऊ।PWD में विभागाध्यक्ष को लेकर सत्ता शीर्ष में खींचतान, दो महीने से नहीं हो पाई तैनाती, उठ रहे सवाल
लोक निर्माण विभाग में करीब दो महीने से अध्यक्ष के पद को लेकर सत्ता में खींचतान जारी है. विभाग ने वरिष्ठता के अनुसार आरसी बरनवाल को नियुक्त किए जाने के लिए डिप्टी सीएम को प्रस्ताव भेजा था, जिसे सीएम मुख्यालय से ठुकरा दिया गया।
लखनऊ: लोक निर्माण विभाग में विभागाध्यक्ष पद पर तैनाती को लेकर सत्ता शीर्ष के बीच तनातनी और खींचतान जारी है. करीब 2 महीने से खाली विभागाध्यक्ष के पद पर वरिष्ठता के अनुसार प्रमुख अभियंता आरसी बरनवाल को नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया, लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष प्रस्ताव को सीएम ने ठुकराया
पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभाग में तैनात वरिष्ठ अभियंता आरसी बरनवाल को विभागाध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा था, लेकिन खींचतान की वजह से इसे ठुकरा दिया गया. वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर तैनात प्रमुख अभियंता आरआर सिंह को विभागाध्यक्ष बनाए जाने का सुझाव दिया गया।
PWD में विभागाध्यक्ष की नहीं हो पा रही तैनाती.
सचिव रंजन कुमार की रिपोर्ट में मिली क्लीनचिट के बावजूद ईओडब्ल्यू जांच
वहीं दूसरी तरफ प्रमुख अभियंता आरसी बरनवाल को विभाग के सचिव रंजन कुमार की जांच में क्लीनचिट मिली. प्रधानमंत्री सड़क योजना में अनियमितता की शिकायतों के बाद हुई सचिव की जांच में क्लीन चिट दी गई थी, लेकिन यह क्लीनचिट मुख्यमंत्री कार्यालय को पसंद नहीं आई।
खेमेबंदी करते हुए जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह की शिकायत पर आरसी बरनवाल सहित कई लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू जांच के आदेश दिए गए. जिसे उत्तर प्रदेश इंजीनियर एसोसिएशन ने गलत बताया है और विभाग में जल्द से जल्द स्थाई विभागाध्यक्ष किए जाने की बात कही है.
ईओडब्ल्यू जांच का कोई औचित्य नहीं
वहीं इस पर यूपी इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरजीत निरंजन का कहना है कि विभागाध्यक्ष पद पर तैनाती को लेकर हमारे तरफ से डिप्टी सीएम को पत्र भी भेजा गया है. यह विकास का विभाग है और इसमें अध्यक्ष की तैनाती जरूरी है. प्रकरण में ईओडब्ल्यू जांच के निर्देश हुए हैं, उसका कोई औचित्य नहीं है. वरिष्ठता के क्रम में अगर प्रमुख अभियंता विकास और विभागाध्यक्ष बनाया जाता है तो यह सबसे अच्छी बात है, लेकिन जल्द से जल्द इस पर फैसला हो जाना चाहिए.
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के बावजूद वीके सिंह को नहीं हटाया गया था।
इससे पहले भी लोक निर्माण विभाग में विभागाध्यक्ष के रूप में तैनात रहे वीके सिंह को हटाए जाने को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन इसे भी मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से ठुकरा दिया गया था. साथ ही विभागाध्यक्ष रहे वीके सिंह अपना पूरा कार्यकाल पूरा किए. वीके सिंह के खिलाफ तमाम गंभीर आरोप लगे थे और वह सपा के समय से महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे.
आरआर सिंह को विभागाध्यक्ष बनाने को लेकर खींचतान और टकराव
दो महीने से खाली चल रहे पद पर वरिष्ठता के अनुसार प्रमुख अभियंता आरसी बनवाल को विभागाध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया तो उसमें भी रोड़ा अटकाया गया. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से वरिष्ठता के क्रम में दूसरे नंबर पर तैनात प्रमुख अभियंता आरआर सिंह को विभाग अध्यक्ष बनाए जाने का सुझाव दिया गया है, जो सत्ता शीर्ष के बीच चल रही तनातनी और खींचतान को उजागर करता है।