संदिग्ध परिस्थिति में वन सुरक्षा प्रभारी के मौत में आया नया मोड़,परिजनों लगाया हत्या का आरोप

मृतक की पत्नी ने ऊंचे पद पर तैनात एक अधिकारी के साथ भाजपा नेता व खनन माफिया पर लगाया हत्या में साजिश का आरोप
अपर जिलाधिकारी ने माना मौत संदिग्ध
– वन के अधिकारियों ने कहा, खनन क्षेत्र में खनन माफियाओं का बोलबाला, कार्यवाही करने पर मिलती है धमकी
– वन विभाग अधिकारियों ने भी लगाए गम्भीर आरोप, कहा- जिला प्रशासन या पुलिस का नहीं मिलता सहयोग
– वन विभाग के अधिकारियों ने माना कि काम करने पर मारे जाएंगे
– वन कर्मी ने कहा, अभी माफियाओं की सूची में कई नाम शामिल
– सोनभद्र में एक बार फिर अवैध खनन का मामला गरमाया

सोनभद्र । योगी सरकार बनने के बाद अवैध खनन को रोकने के लिए भले ही तमाम दावे व उपाय किये गए ताकि अवैध खनन व परिवहन पर अंकुश लग सके । लेकिन सोनभद्र में खनन माफियाओं के आगे योगी सरकार के सभी उपाय बौना साबित होते नजर आ रहे हैं।बता दें सोनभद्र में 6 महीने से बालू खनन बन्द है, एमपी के परमिट पर लोकल अवैध खनन कर चल रहा गोरख धंधा
– इसी गोरखधंधे को रोकने पर मिलती है जान से मारने की धमकी ताजा प्रकरण बीते शुक्रवार का है जब ओबरा में संदिग्ध परिस्थिति में सड़क किनारे मिले एक वन सुरक्षा दल प्रभारी टी0पी0 सिंह की मौत ने न सिर्फ योगी सरकार के व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया बल्कि जिले में चल रहे अवैध खनन में माफिया व अधिकारियों के सिंडिकेट का खुलासा भी हो गया। देर रात पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मृतक के परिजन व वन विभाग के अधिकारियों ने योगी सरकार के सभी दावे की पोल खोल दी। वन अधिकारियों का कहना है कि सोनभद्र में खनन क्षेत्र में माफियाओं को रोकने वाला हर शख्स मार दिया जाएगा।
खनन को रोकने के लिए भले ही जिले स्तर पर बैठकें होती हैं मगर वन विभाग के खुलासे के बाद यह साफ हो गया कि अंदरखाने में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और अधिकारी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं।

सोनभद्र एक बार फिर खनन माफियाओं को लेकर चर्चा में आया है। योगी सरकार में खनन माफियाओं के हौसले आगे अधिकारी पस्त हैं और काम कर पाने में खुद को अक्षम महसूस कर रहे हैं। शुक्रवार को वन दरोगा की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मृतक की पत्नी के साथ वन विभाग के अधिकारियों ने जो खुलासे किए उससे योगी सरकार की कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गयी।
सड़क के किनारे फेंके मिले वन सुरक्षा दल प्रभारी टी0पी0 सिंह की मौत को पुलिस पहले सड़क हादसा मान रही थी लेकिन देर रात पोस्टमार्टम हाउस पहुँचे अपर जिलाधिकारी ने शव देखने के बाद यह कह कर नया मोड़ ला दिया कि मौत सामान्य नहीं बल्कि संदिग्ध है।
लेकिन मौत के मामले ने तूल तब और पकड़ लिया जब मृतक की पत्नी ने यह कह कर सनसनी फैला दी कि उनके पति के हत्या की साजिश में ऊंचे पर पर तैनात एक प्रशासनिक अधिकारी समेत सत्ताधारी दल के कई नेता व खनन माफिया शामिल हैं, जो उनके पति को लगातार धमकी देते थे।
मृतक की पत्नी संध्या सिंह ने बताया कि “घटना के एक दिन पहले उनके पति ने फोन पर धमकी दिए जाने की बात बताई थी और नाम भी बताया था।
वहीं पोस्टमार्टम हाउस के बाहर वन विभाग के अधिकारियों ने वन अधिकारी की मौत पर रात में ही मोर्चा खोल दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने खुलासा करते हुए प्रशासनिक विभाग की पोल खोल दी।”वन विभाग के अधिकारी एसडीओ, ओबरा आर0 एस0 वर्मा का कहना है कि “अब काम करना मुश्किल हो गया है । खनन क्षेत्र में अवैध को जो रोकेगा उसको अपनी जान गवानी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि रात में अवैध खनन की गाड़ी पकड़ने के दौरान अक्सर खनन माफिया मुंह बांधकर हथियार लेकर आ जाते हैं और धमकी देकर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं । मगर जिला प्रशासन से लेकर पुलिस विभाग का कोई सहयोग नहीं मिलता।”वहीं एक अन्य अधिकारी एसडीओ, चोपन जे0पी0 सिंह ने बताया कि “सोनभद्र में माफ़ियाओं के आगे काम करना मुश्किल हो गया है। जब तक सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी जाएगी काम नहीं हो पायेगा।”
एक वन कर्मी वन रक्षक सुदर्शन सिंह ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि “पुलिस इन्हीं माफियाओं से पैसा वसूल करती है जिसकी वजह से वह किसी मामले में सहयोग नहीं करती। वन कर्मी का कहना है कि वन दरोगा के साथ वह उड़ाका दल में साथ चलता था इसलिए उसको मिली जानकारी के मुताबिक बंदरों का के बाद माफियाओं के लिस्ट में उसका भी नाम शामिल है।”
अवैध खनन को लेकर खनन माफिया व अधिकारी पर सहयोग न करने का आरोप कई बार लगते रहे हैं । मगर पहली बार ऐसे अधिकारी पर गंभीर आरोप लगा है जिनके भरोसे पर योगी सरकार अवैध खनन रोकने का दावा करते हैं ।
हालांकि इस आरोप को लेकर जब अपर जिलाधिकारी से सवाल पूछा गया तो उनका कहना है कि “यह मौत साधारण नहीं है, मामला संदिग्ध है ।

योगी सरकार भले ही सूबे में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा करते हो मगर सोनभद्र में जिस तरह से खनन माफिया के साथ प्रशासन व सत्ताधारी नेताओं का नाम सामने आया है, ऐसे में यह कहा जा सकता है कि योगी सरकार में उनके अपने ही सरकार को बदनाम करने में जुटे हैं।

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