जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से किस दिशा में होगी शादी आपकी क्या कहती है आपकी कुंडली ….
शुक्र से सप्तम की जो दिशा होगी उसी दिशा में प्रायः कन्या की शादी होती है 2 – यदि 7वे भाव मे ग्रह हो तो उस स्थान की राशि की जो दिशा हो
या 7वे भाव पर जिन ग्रहो की दृस्टि पड़ रही हो उन ग्रहो की राशि की दिशा में कन्या का विवाह होता है
ग्रह दिशा ..
पूर्व दिशा का स्वामी सूर्य (अग्निकोण)
दक्षिण पूर्व का स्वामी ( शुक्र)
दक्षिण के स्वामी – मंगल
(पश्चिम- दक्षिण) का स्वामी राहु
पश्चिम दिशा का स्वामी – शनि (बायव्य कोण)
पश्चिमोत्तर दिशा का स्वामी चंद्रमा
उत्तर दिशा का स्वामी – बुध
पूर्वोत्तर दिशा का स्वामी बृहस्पति (ईशान कोण)
और भी बहुत सारे लोग हैं आपकी कुंडली में जिससे पता चलता है कि आपकी किस दिशा में विवाह होगी कितनी दूरी में होगी और आपका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा और भी अनेक सारे प्रकार की उपाय विधि प्रयोग है ।