लखनऊ 11नवम्बर।
उत्तर प्रदेश में मण्डी अधिनियम-1964 की धारा-9 एवं धारा-9 (क) मण्डी नियमावली 1965 के नियम-67 के प्राविधानान्तर्गत मण्डी समिति के ऐसे थोक व्यापारी एवं आढ़तिया लाईसेन्सी, जो स्थानीय लाईसेन्स को ‘एकीकृत लाइसेन्स‘ में परिवर्तन करने के इच्छुक हैं, अब वह आसानी से एकीकृत (यूनीफाइड) लाईसेन्स में परिवर्तित करा सकते हैं, उन्हें इस हेतु नवीन आवेदन फार्म 20(ग) के साथ लाइसेन्स शुल्क, सिक्योरिटी तथा शपथ-पत्र एवं गारन्टी जमा करने होंगे। जब सामान्य लाईसेन्स ‘एकीकृत लाईसेन्स‘ में परिवर्तित हो जायेंगे तो एकीकृत लाइसेन्स हेतु जमा की गयी सिक्योरिटी धनराशि लाइसेन्सी व्यापारी को वापस कर दी जायेगी।
यह जानकारी मण्डी परिषद के निदेशक जे0पी0 ने देते हुए बताया कि व्यापारियों की सुविधा को देखते हुए शासन द्वारा ‘एकीकृत लाइसेन्स‘ देने का निर्णय पूर्व में लिया गया था। पूर्व में स्थिति यह थी कि जिन-जिन मण्डियों में व्यापारियों द्वारा व्यापार करना होता था, उन्हें अलग-अलग मण्डियों में अलग-अलग शुल्क देकर लाइसेन्स लेना पड़ता था। व्यापारियों को व्यवसाय में बढ़ावा देने एवं विपणन विकास को नई दिशा देते हुए शासन स्तर से यह निर्णय लिया गया है कि व्यापारियों को अधिक से अधिक एकीकृत लाईसेन्स दिये जायें जिससे वे प्रदेश में उसी लाइसेन्स से व्यापार कर सकें।
निदेशक ने बताया कि एकीकृत लाइसेन्स शुल्क के रूप में रू0 1.00 (एक लाख) तथा सिक्योरिटी के रूप में रू0 1.00 (एक लाख) व्यापारियों से प्राप्त कर लाइसेन्स बनाने की व्यवस्था थी। लाइसेन्स शुल्क तथा सिक्योरिटी की धनराशि अधिक होने के कारण व्यापारियों द्वारा एकीकृत लाइसेन्स बनवाने में रूचि नहीं ली जा रही थी। पुनः इस समस्या पर विचार करते हुए इसका निराकरण किया गया तथा शासन की अधिसूचना दिनांक 01.12.2017 के माध्यम से एकीकृत लाइसेन्स शुल्क रू0 रू0 1.00 (एक लाख) के स्थान पर रू0 10,000 (दस हजार) किया गया है।
श्री सिंह ने बताया कि व्यापारियों के सामने एकीकृत लाईसेन्स लेते समय दो गारण्टर की भी समस्या आ रही थी, उसका भी सरलीकरण करते हुए अब यह व्यवस्था कर दी गयी है कि यदि गारण्टर न मिले तो आवेदक अपने प्रत्येक छः माह के कारोबार पर सम्भावित/अनुमानित देय मण्डी शुल्क एवं विकास सेस के योग के बराबर धनराशि की एफ0डीआर0 अग्रिम रूप से मण्डी समिति में जमा रखते हुए ‘एकीकृत लाइसेन्स‘ प्राप्त कर सकते है। इस सम्बन्ध में आदेश जारी करते हुए मण्डी समिति को निर्देशित किया गया है कि व्यापारियों से सम्पर्क कर ‘एकीकृत लाइसेन्स‘ बनवाने से होने वाले लाभ के संबंध में पूरी जानकारी दें तथा उन्हें प्रेरित करें कि सामान्य लाइसेन्स को भी एकीकृत लाइसेन्स में परिवर्तित करायें।