नई मुक्त व्यापार संधि किसानों को बर्बाद कर देगी-मजदूर किसान मंच

इस संधि पर हस्ताक्षर न करे मोदी सरकार
कल होगा राष्ट्रव्यापी विरोध, सोनभद्र में भी होगा विरोध
सोनभद्र, 3 नवम्बर 2019, मजदूर किसान मंच ने मोदी सरकार द्वारा आरसीईपी मुक्त व्यापार संधि पर सहमति देने व बैंकाक में कल हो रही बैठक में हस्ताक्षर करने का प्रतिवाद किया है। देष के दो सौ किसान मजदूर संगठनों से बनी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा इस समझौतें के विरोध में कल (आज) राष्ट्रव्यापी विरोध के तहत सोनभद्र में भी कल प्रतिवाद होगा। यह जानकारी मजदूर किसान मंच के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़ व स्वराज अभियान के जिला संयोजक कांता कोल ने प्रेस विज्ञप्ति में दी।
उन्होंने कहा कि इस समझौतें पर हस्ताक्षर करने से देष में दूध व दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसान और छोटे मझौले व्यापारी बर्बाद हो जायेंगे। क्योंकि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया जैसे तमाम देष अपने किसानों को बड़े पैमाने पर सब्सिडी देते है जिससे उनके निर्मित सामान सस्ते पडते है। इन देशों से दुग्ध उत्पाद, इलेक्ट्रानिक्स, वाहन के पुर्जे व अन्य कई मैन्यूफैक्चरिंग, खाद्यान प्रसंस्करण जैसे उत्पादों के आयात का यह समझौता उद्योग व व्यापार पर प्रतिकूल असर डालेगा। हमारे देश की सत्तर प्रतिषत आबादी खेती पर निर्भर हो और नब्बे प्रतिषत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर व छोटे मझोले व्यापारी हो उनको मोदी सरकार का यह निर्णय तबाह कर देगा और देश में बेरांेगारी कों बढ़ाने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा की जा रही इस संधि के बारें जनता और राज्य सरकारों तक कोई जानकारी न देना देषहित में नहीं है। जबकि कृषि राज्य सरकार के अधीन आती है। इस तरह की संधि के बारे में सरकार को देष को बताना चाहिए और किसी भी हाल में इस व्यापार संधि पर हस्ताक्षर करने से बचना चाहिए।

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