
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर, केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने साफ किया है कि मीडिया कर्मियों के हितों का संरक्षण किया जाएगा और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कन्फेडरेशन आफ न्यूज पेपर एंड न्यूज एजेंसीज ईंप्लाइज आर्गेनाइजेशन के एक प्रतिनिधि मंडल को यह आश्वासन दिया है। प्रतिनिधि मंडल में आईएफडब्ल्यूजे, आल इंडिया फेडरेशन ऑफ पीटीआई ईंप्लाइज यूनियन, नेशनल फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर ईंप्लाइज, आल इंडिया न्यूजपेपर इंप्लाइज फेडरेशन, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन, नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट (आई) और यूएनआई वर्कस यूनियन शामिल थे।
श्रम मंत्री ने सभी मीडिया कर्मी इलेक्ट्रॉनिक, वेब मीडिया और प्रिंट मीडिया प्रस्तावित कानून के दायरे में आएंगे और इसमें वेज बोर्ड का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों के वेतन भत्तों के समय समय पर पुनरीक्षण के लिए वेज बोर्ड का गठन किया जाएगा।
श्रम मंत्री को पीटीआई के एम.एस. यादव,

आईएफडब्ल्यूजे के हेमंत तिवारी, आईजेयू की सबीना इंद्रजीत, एनयूजे आई के मनोहर सिंह और यूएनआई के एम.एल. जोशी ने एक ज्ञापन सौंपा। गंगवार ने मीडिया संस्थाओं की ट्रेड यूनियनों से श्रम मामलों की संसदीय समिति को अपने विचारों से अवगत कराने को कहा।
प्रतिनिधि मंडल के साथ श्रम मंत्री की बैठक में मौजूद मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि श्रमजीवी पत्रकारों के लिए तैयार हो रहे कोड मे विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं। श्रम मंत्री को प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि सरकार के वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को खत्म करने की कोशिशों और इसे अन्य कानून में बदलने को लेकर देश भर के पत्रकारों मे रोष है। श्रम मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व मीडिया की स्वायत्तता के लिए प्रतिबद्ध है और यह इसे कमजोर करने के बारे में सोच भी नहीं सकती।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल अन्य लोगों मे आईएफडब्ल्यूजे से परमानंद पांडे मोहन बाबू अग्रवाल, रिंकू यादव, अलक्षेन्द्र सिंह नेगी, रवींद्र मिश्रा, पीटीआई से भुवन पांडे, एआईएनईएफ से नंदकिशोर पाठक और यूएनआई से एम.एल.जोशी थे।
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